कहानी: लेखक - प्रेमचंद

कहानी: लेखक – प्रेमचंद

प्रवीण एक लेखक हैं जिन्होंने लेखन पर लगभग अपना सर्वस्व लुटा दिया लेकिन फिर आर्थिक तौर उन्हें कुछ हासिल न हो सका। ऐसे में जब एक शहर के नामी रईस ने उन्हें अपने यहाँ दावत के लिए बुलाया तो उन्हें लगने लगा कि उनका लेखन सफल हुआ है क्योंकि प्रतिष्ठावान लोग उन्हें बुला रहे हैं। उनका सम्मान हो रहा है। पर यह कितना सच था?
आगे जानने के लिए एक बुक जर्नल पर पढ़ें कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी ‘लेखक’।

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लघुकथा: बाबा जी का भोग - प्रेमचंद

लघु-कथा: बाबा जी का भोग – प्रेमचंद

‘बाबा जी का भोग’ प्रेमचंद की लिखी लघुकथा है। मेहनतकश छोटे किसानों की हालत यह लघु-कथा ब्यान करती है और सोचने को काफी कुछ दे जाती है। आप भी पढ़ें:

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कहानी: ठाकुर का कुआँ - प्रेमचंद

कहानी: ठाकुर का कुआँ – प्रेमचंद

जोखू की तबीयत खराब थी और इसलिए घर का गंदा पानी उसे गंगा देना नहीं चाहती थी। वह प्यासा था और इसलिए गंगा ने फैसला किया कि ठाकुर के कुएँ से वह पानी लायेगी।
पढ़ें कथा सम्राट प्रेमचंद की कहानी ‘ठाकुर का कुआँ’।

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निबंध: जीवन में साहित्य का स्थान - प्रेमचंद

निबंध: जीवन में साहित्य का स्थान – प्रेमचंद

जीवन में साहित्य का स्थान प्रेमचंद का लिखा निबंध है। यह 1932 के हंस के अप्रैल अंक में प्रकाशित हुआ था। आप भी पढ़ें:

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प्रेमचंद की कहानी 'भूत'

कहानी: भूत – प्रेमचंद

पंडित सीतानाथ चौबे मुरादाबाद के प्रसिद्ध वकील थे। समाज में उनकी इज्जत थी। पर फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें भूत दिखने लगा। पढ़िए कथा सम्राट प्रेमचंद की कहानी ‘भूत’। यह कहानी मानसरोवर 4 में संकलित है।

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नशा - प्रेमचंद

कहानी: नशा – प्रेमचंद

प्रेमचंद की कहानी ‘नशा’ दो किशोरों की कहानी है। सामंतवाद के खिलाफ रहने वाला कथावाचक अपने मित्र, जो कि जमींदार घराने से आता है, के गाँव समय बिताने जाता है। वहाँ जो कुछ होता है वही कहानी बनती है। यह मानसरोवर खंड 1 में संकलित है।

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आखिरी हीला - प्रेमचंद | कहानी

कहानी: आखिरी हीला – प्रेमचंद

‘आखिरी हीला’ प्रेमचंद की लिखी हास्यकथा है। कथावाचक को जब पता लगता है कि उसकी पत्नी गाँव से शहर उसके पास आकर रहना चाहती है तो वह उसका शहर आना टालने के लिए क्या क्या बहाने गढ़ता है। आप भी पढ़िए।

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कहानी: बूढ़ी काकी - प्रेमचंद

कहानी: बूढ़ी काकी – प्रेमचंद

1 बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है। बूढ़ी काकी में जिह्वा-स्वाद के सिवा और कोई चेष्टा शेष न थी और न अपने कष्टों की ओर आकर्षित करने का, …

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कहानी: कफ़न - प्रेमचंद

कहानी: कफ़न – प्रेमचंद

1 झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा …

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मानसरोवर 1.2 – मुंशी प्रेमचंद

किताब दिसंबर 17 2019 से जनवरी 14 2020 के बीच पढ़ा गया संस्करण विवरण: फॉर्मेट: ई बुक पृष्ठ संख्या:433 ए एस आई एन: B01MDVA7D2 मानसरोवर 1 मुंशी प्रेम चंद की कहानियों …

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मानसरोवर 1.1 – मुंशी प्रेमचंद

संग्रह दिसम्बर 17, 2019 से जनवरी 14, 2020 के बीच  में पढ़ा गया संस्करण विवरण: फॉर्मेट: ई बुक पृष्ठ संख्या:433 ए एस आई एन: B01MDVA7D2 मानसरोवर 1  – मुंशी प्रेमचंद मानसरोवर  …

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कर्मभूमि – प्रेमचंद

रेटिंग: 3.5/5 उपन्यास ६ जून 2016 से १२ जून 2016 के बीच पढ़ा गया संस्करण विवरण: फॉर्मेट : पेपरबैक पृष्ठ संख्या: 280 प्रकाशक : मेपल प्रेस  पहला वाक्य : हमारे  स्कूलों और …

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