
पुस्तक टिप्पणी: शर्तिया इश्क – शकील समर
‘शर्तिया इश्क’ शकील समर का उपन्यास है। उपन्यास अंजुमन प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। एक बुक जर्नल पर पढ़ें लेखक संदीप नैयर की इस उपन्यास पर टिप्पणी।
पुस्तक टिप्पणी: शर्तिया इश्क – शकील समर Read Moreसाहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
‘शर्तिया इश्क’ शकील समर का उपन्यास है। उपन्यास अंजुमन प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। एक बुक जर्नल पर पढ़ें लेखक संदीप नैयर की इस उपन्यास पर टिप्पणी।
पुस्तक टिप्पणी: शर्तिया इश्क – शकील समर Read Moreगर्मी की छुट्टियों को पढ़ने-पढ़ाने के उत्सव में बदलने के लिए राजकमल प्रकाशन समूह 29 मई से 9 जून 2025 तक ऑनलाइन बुक फेयर का आयोजन कर रहा है। इस दौरान पुस्तकप्रेमियों को समूह की सभी पुस्तकें आकर्षक छूट पर उपलब्ध करायी जाएगी।
राजकमल प्रकाशन समूह का सालाना ऑनलाइन बुक फेयर 29 मई से 9 जून तक Read Moreगदल के लड़के थे, बहुएँ थीं। एक भरा पूरा परिवार लेकिन वो परिवार को छोड़कर अपने से कम उम्र के आदमी के साथ रहने चली गयी थी। आखिर उसने ये फैसला क्यों किया था?
एक बुक जर्नल पर पढ़ें रांगेय राघव की कहानी ‘गदल’।
‘आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ’ आलोक कुमार द्वारा लिखी पुस्तक है। यह पुस्तक वर्ष 2023 में फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित की गयी थी।
आज के समय के एक जरूरी मुद्दे को उठाती है आलोक कुमार की पुस्तक ‘आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ’ Read Moreअथनास किसपोट्टा की पुस्तक कोरोया फूल: जन ,जंगल ,जीवन छोटा नागपुर इलाके के आदिवासियों के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का दस्तावेज है। अपने इन संस्मरणों और लेखों से लेखक ने वहाँ की संस्कृति और उसमें होते बदलावों को दर्शाने का प्रयास किया है। एक बुक जर्नल पर पढ़िए पुस्तक कोरोया फूल में मौजूद एक लेख ‘गोंगो’।
पुस्तक अंश: कोरोया फूल: जन, जंगल, जीवन – अथनास किसपोट्टा Read Moreराजकमल प्रकाशन से प्रकाशित वरिष्ठ साहित्यकार लीलाधर मंडलोई की आत्मकथा ‘जब से आँख खुली हैं’ पर गुरुवार शाम सिविल सेवा अधिकारी संस्थान (CSOI) में बातचीत का आयोजन किया गया।
लीलाधर मंडलोई की आत्मकथा ‘जब से आँख खुली हैं’ पर विचारगोष्ठी का आयोजन Read Moreडॉ. निर्मला जैन की स्मृति में 23 अप्रैल की शाम साहित्य अकादेमी सभागार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह आयोजन राजकमल प्रकाशन और हंस मासिक पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।
डॉ. निर्मला जैन की स्मृति में सभा का आयोजन Read More26 फरवरी, 2025 (बुधवार) नई दिल्ली। राजकमल प्रकाशन के 80वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार को ‘भविष्य के स्वर’ विचार-पर्व का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम में कला और साहित्य के क्षेत्र …
राजकमल के सहयात्रा उत्सव में 28 को होगा ‘भविष्य के स्वर’ कार्यक्रम का आयोजन Read More29 जनवरी, 2025 (बुधवार) नई दिल्ली/जयपुर। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के पहले व्यक्ति कैलाश सत्यार्थी की आत्मकथा ‘दियासलाई’ का लोकार्पण गुरुवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में होगा। …
कैलाश सत्यार्थी की आत्मकथा ‘दियासलाई’ का लोकार्पण कल Read More‘सहारनपुर के खोजी दल’ लेखक कुमार विक्रांत की किशोर हास्यकथा है। एक बुक जर्नल पर पढ़ें दिप्पे, चित्तू, पल्लू, डब्बू और टीनू की इस कहानी का एक अंश।
पुस्तक अंश: सहारनपुर के खोजी दल – कुमार विक्रांत Read More‘नदी का इश्क ज़िंदा था’ लेखिका दिव्या शर्मा की कहानी है। यह कहानी उनके कथा संग्रह ‘कैलंडर पर लटकी तारीखें’ में संकलित है।
कहानी: नदी का इश्क जिंदा था – दिव्या शर्मा Read Moreजोखू ने लोटा मुँह से लगाया तो पानी में सख्त बदबू आयी। गंगी से बोला- “यह कैसा पानी है? मारे बास के पिया नहीं जाता। गला सूखा जा रहा है और तू सड़ा पानी पिलाए देती है!”
गंगी प्रतिदिन शाम पानी भर लिया करती थी। कुआँ दूर था, बार-बार जाना मुश्किल था। कल वह पानी लायी, तो उसमें बू बिलकुल न थी, आज पानी में बदबू कैसी! लोटा नाक से लगाया, तो सचमुच बदबू थी। जरुर कोई जानवर कुएँ में गिरकर मर गया होगा, मगर दूसरा पानी आवे कहाँ से?