
कहानी: एक प्याली चाय – डॉ. रुखसाना सिद्दीकी
‘एक प्याली चाय’ लेखिका डॉ. रुखसाना सिद्दीकी की कहानी है। यह कहानी 2023 में प्रकाशित उनके कहानी संग्रह ‘एक प्याली चाय’ में शामिल थी।
कहानी: एक प्याली चाय – डॉ. रुखसाना सिद्दीकी Read Moreसाहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
‘एक प्याली चाय’ लेखिका डॉ. रुखसाना सिद्दीकी की कहानी है। यह कहानी 2023 में प्रकाशित उनके कहानी संग्रह ‘एक प्याली चाय’ में शामिल थी।
कहानी: एक प्याली चाय – डॉ. रुखसाना सिद्दीकी Read Moreसुबह की आपा-धापी से सफलतापूर्वक निबट वह अपनी पसंदीदा मसाला चाय लिये सोफे पर आलथी-पालथी मार कर बैठ चुकी थी। बेटा स्कूल के लिये रवाना हो चुका था। पति महोदय …
कहानी: बगुला भगत – डॉ. अंशु जोशी Read More‘नदी का इश्क ज़िंदा था’ लेखिका दिव्या शर्मा की कहानी है। यह कहानी उनके कथा संग्रह ‘कैलंडर पर लटकी तारीखें’ में संकलित है।
कहानी: नदी का इश्क जिंदा था – दिव्या शर्मा Read Moreजोखू ने लोटा मुँह से लगाया तो पानी में सख्त बदबू आयी। गंगी से बोला- “यह कैसा पानी है? मारे बास के पिया नहीं जाता। गला सूखा जा रहा है और तू सड़ा पानी पिलाए देती है!”
गंगी प्रतिदिन शाम पानी भर लिया करती थी। कुआँ दूर था, बार-बार जाना मुश्किल था। कल वह पानी लायी, तो उसमें बू बिलकुल न थी, आज पानी में बदबू कैसी! लोटा नाक से लगाया, तो सचमुच बदबू थी। जरुर कोई जानवर कुएँ में गिरकर मर गया होगा, मगर दूसरा पानी आवे कहाँ से?
वनस्थली के रंगीन संसार में अरुण किरणों ने इठलाते हुए पदार्पण किया और वे चमक उठीं, देखा तो कोमल किसलय और कुसुमों की पंखुरियाँ, बसंत-पवन के पैरों के समान हिल रही थीं। पीले पराग का अंगराग लगने से किरणें पीली पड़ गयी। बसंत का प्रभात था।
कहानी: अपराधी – जयशंकर प्रसाद Read More‘विधि का लिखा को मेटन हारा’ महेश सिंह की कहानी है। आपसी क्लेश और नासमझी के चलते कैसे एक परिवार की स्थिति बद से बदतर होती चली जाती है यह इस कहानी में दर्शाया गया है।
कहानी: विधि का लिखा को मेटन हारा – महेश सिंह Read Moreपंडित सीतानाथ चौबे मुरादाबाद के प्रसिद्ध वकील थे। समाज में उनकी इज्जत थी। पर फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें भूत दिखने लगा। पढ़िए कथा सम्राट प्रेमचंद की कहानी ‘भूत’। यह कहानी मानसरोवर 4 में संकलित है।
कहानी: भूत – प्रेमचंद Read Moreचंदा का विवाह रामू से तय हुआ था लेकिन चंदा हीरा को पसंद करती थी। हीरा भी चंदा को पसंद करता था। और रामू को यह बात पसंद नहीं थी। इस प्रेम त्रिकोण का क्या नतीजा निकला? पढ़ें जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘चंदा’।
कहानी: चंदा – जयशंकर प्रसाद Read More‘हाथी के दाँत’ विकास नैनवाल ‘अंजान’ की लिखी लघु-कथा है। अक्सर हमारी कथनी और करनी में फर्क होता है। कहानी इसी बात को रेखांकित करती है। यह प्रथम बार उत्तरांचल पत्रिका के अगस्त 2019 अंक में प्रकाशित हुई थी।
लघु-कथा: हाथी के दाँत – विकास नैनवाल ‘अंजान’ Read Moreप्रेमचंद की कहानी ‘नशा’ दो किशोरों की कहानी है। सामंतवाद के खिलाफ रहने वाला कथावाचक अपने मित्र, जो कि जमींदार घराने से आता है, के गाँव समय बिताने जाता है। वहाँ जो कुछ होता है वही कहानी बनती है। यह मानसरोवर खंड 1 में संकलित है।
कहानी: नशा – प्रेमचंद Read More