कहानी: मौसी - भुवनेश्वर

कहानी: मौसी – भुवनेश्वर

बिब्बो को लोग समझते थे कि वह हमेशा से ही अकेली रहती आयी है। पर हमेशा से ऐसा नहीं था। पर अब बिब्बो ने अपने एकाकीपन से समझोंता कर लिया था। लेकिन फिर एक बार उसका एकाकीपन टूटने को था। आखिर ऐसा क्या हुआ था? जानने के लिए पढ़ें भुवनेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव की कहानी ‘मौसी’।

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लघु-कथा: गालियाँ - चंद्रधर शर्मा गुलेरी

लघु-कथा: गालियाँ – चंद्रधर शर्मा गुलेरी

‘गालियाँ’ लेखक चंद्रधर शर्मा गुलेरी की लिखी लघु-कथा है। लेखक इस लघु-कथा के माध्यम से समाज में फैल रहे व्यभिचार के ऊपर टिप्पणी करते हैं। आप भी पढ़ें:

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कहानी: राजकुमारी हिमांगिनी - महावीर प्रसाद द्विवेदी

कहानी: राजकुमारी हिमांगिनी – महावीर प्रसाद द्विवेदी

राजकुमारी हिमांगिनी बहुत सुंदर थीं और उन्हें लगता था कि इतनी सुंदर होने के नाते उन्हें सामान्य जीवों के साथ नही रहना चाहिए। यही कारण था उन्होंने पर्वत के सबसे ऊँचे शिखर पर अपना घर बनाया। पर काफी समय गुजरने के बाद वो साथ के लिए तरसने लगीं। वह विवाह करना चाहती थीं। क्या उनकी यह चाहत पूरी हुई? पढ़ें महावीर प्रसाद द्विवेदी की कहानी ‘राजकुमारी हिमांगिनी’।

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कहानी: चतुरी चमार - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

कहानी: चतुरी चमार – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

कथावाचक उन दिनों गाँव में रहने लगा था। उसके घर के नज़दीक ही चतुरी रहता था जो कि जूते का काम करता था। कौन था ये चतुरी चमार? कथावाचक से उसके और गाँव के अन्य सदस्यों के साथ कैसे सम्बंध थे? जानने के लिए पढ़ें सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की कहानी ‘चतुरी चमार’।

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लघु-कथा: साँप का मणि - प्रेमचंद

लघु-कथा: साँप का मणि – प्रेमचंद

कथावाचक को जब पता लगा कि उसका दोस्त उसे साँप का मणि दिलवा सकता है तो उसका हैरान होना लाज़मी था। आखिर क्या था ये मणि? क्या असल में ये साँप का मणि था? पढ़ें कथा सम्राट प्रेमचंद की यह लघु-कथा ‘साँप का मणि’।

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कहानी: रूपी - राहुल सांकृत्यायन

कहानी: रूपी – राहुल सांकृत्यायन

मधुपुरी की नगरी अपनी खूबसूरती के लिए प्रख्यात थी। कहा जाता है जितनी खूबसूरत यह मधुपुरी थी उतनी ही खूबसूरत यहाँ की तरुणियाँ थीं। रूपी भी ऐसी ही युवती थी जिसे अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता था। लेकिन फिर उसे अपने शरीर को बेचने पर मजबूर होना पड़ा। रूपी को ऐसा क्यों करना पड़ा और इसका उसे क्या खामियाजा चुकाना पड़ा? जानने के लिए पढ़ें राहुल सांकृत्यायन की कहानी ‘रूपी’:

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कहानी: मूल्य - आचार्य चतुरसेन शास्त्री

कहानी: मूल्य – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

आमला के पिता नवीन के कर्जदार थे। ऐसे में जब आमला की शादी नवीन से हुई तो आमला को लगा था उसे कर्ज के बदले नवीन द्वारा खरीदा गया था। नवीन को जब यह बात पता लगी तो उसने आमला से कहा कि वह उसका दिल जीत लेगा। और आमला का मन था कि वह किसी तरह नवीन का कर्जा उतारकर खुद का मूल्य चुका दे। क्या दोनों की यह इच्छाएँ पूरी हुईं? जानने के लिए पढ़ें आचार्य चतुरसेन शास्त्री की कहानी ‘मूल्य’।

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कहानी: भग्नावशेष - सुभद्रा कुमारी चौहान

कहानी: भग्नावशेष – सुभद्रा कुमारी चौहान

कथावाचक ने एक कवि सम्मेलन में उन्हें देखा था और उनकी कविताओं का प्रशंसक बन गया था। पर फिर उनकी कविताएँ आनी बंद हो गयी। आखिर ऐसा क्यों हुआ? पढ़ें सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी ‘भग्नावशेष’।

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कहानी: सतरंगी अरमानों की उड़ान - सुमन बाजपेयी

कहानी: सतरंगी अरमानों की उड़ान – सुमन बाजपेयी

पूर्णिमा को लगता था कि शादी होने के पश्चात उसने खुद को बाँट लिया था। अपना अस्तित्व को खो दिया था। उसके सतरंगी अरमानों ने उड़ान भरना छोड़ दिया था। क्या उसके इस सपनों को फिर से उड़ान मिली? पढ़ें सुमन बाजपेयी की कहानी ‘सतरंगी अरमानों की उड़ान’।

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कहानी: एक्सीडेंट - सुभद्रा कुमारी चौहान

कहानी: एक्सीडेंट – सुभद्रा कुमारी चौहान

कुसम की गाड़ी उस दिन प्राणनाथ की गाड़ी से टकरायी तो ऐसे उनकी जान-पहचान हुई। प्राणनाथ अपने दुश्चरित्र के कारण पूरे शहर में बदनाम था लेकिन कुसम को लगा कि वो उतना बुरा नहीं है जितना बनने की कोशिश करता है। क्या ये सच बात थी? आखिर प्राणनाथ ऐसा क्यों करता था। जानने के लिए पढ़ें सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी ‘एक्सीडेंट’।

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कहानी: मुट्ठी भर आसमान - मीनाक्षी सिंह

कहानी: मुट्ठी भर आसमान – मीनाक्षी सिंह

‘मुट्ठी भर आसमान’ लेखिका मीनाक्षी सिंह की कहानी है। दीप्ति की अपनी कामवाली कुलीना से हुई बातचीत उसे अपने जीवन का पुनर्वलोकन करने पर मजबूर कर देती है। आखिर क्या थी ये बातचीत और दीप्ति ने खुद को उसके बरक्स कहाँ पर पाया। आप भी पढ़ें:

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कहानी: मुंडमाल - शिवपूजन सहाय

कहानी: मुंडमाल – शिवपूजन सहाय

महाराणा राजसिंह के सरदार चूड़ावतजी औरंगज़ेब से युद्ध करने जा रहे थे। पर उनका मन रह रह कर उनकी पत्नी पर जा रहा है जिनसे कुछ दिन पहले ही उनका विवाह हुआ है। वह आखिरी बार अपनी पत्नी से मिलने जाते हैं और उनसे अपने दिल का हाल कहते हैं। आगे क्या हुआ ये जानने के लिए पढ़ें लेखक शिवपूजन सहाय की यह कहानी ‘मुंडमाल’।

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