
फसाने जैसा फसानाकार: स्टीफन स्वाइग
स्टीफन स्वाइग वो एक ऐसा फसानाकार था जिसकी खुद की जिंदगी किसी फसाने से कम न थी। उसने जिस विधा को हाथ लगाया, कमाल कर दिखाया। वो जहाँ था, …
फसाने जैसा फसानाकार: स्टीफन स्वाइग Read Moreसाहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
स्टीफन स्वाइग वो एक ऐसा फसानाकार था जिसकी खुद की जिंदगी किसी फसाने से कम न थी। उसने जिस विधा को हाथ लगाया, कमाल कर दिखाया। वो जहाँ था, …
फसाने जैसा फसानाकार: स्टीफन स्वाइग Read MoreImage by Eli Digital Creative from Pixabay हिन्दी साहित्य में मनोरंजक साहित्य और गंभीर साहित्य के बीच में एक दूरी सी हमेशा रही है। कुछ लोगों ने एक तरह के लेखन …
लुगदी बनाम साहित्य: क्या सुरेन्द्र मोहन पाठक के उपन्यास साहित्यिक नहीं हैं? Read Moreहिन्दी साहित्य में अक्सर साहित्यकारों को वह स्थान नहीं मिल पाता है जिसके वह हकदार होते हैं। कई बार उन्हें वह स्थान मिलता भी है तो आगे आने वाली पीढ़ी …
रैना उवाच: हिंदी साहित्य के वो सितारे जिन्हें भुला देना सही नहीं Read More‘दिल की खिड़की पर टँगा तुर्की’ रुपाली ‘संझा’ का लिखा यात्रा वृत्तांत है। यह यात्रा वृत्तांत साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। एक बुक जर्नल पर पढ़ें इस यात्रा वृत्तान्त का एक अध्याय ‘गुफाओं का कस्बा – उरगुप’।
किताब परिचय: दिल की खिड़की पर टँगा तुर्की Read More15 नवंबर 2021 को वरिष्ठ लेखिका मन्नू भण्डारी इस नश्वर संसार से चली गईं। 90 वर्ष का भरपूर जीवन जीने के पश्चात वह एक नवीन यात्रा पर चल पड़ीं। अपने …
रैना उवाच: अपनी आधुनिकता में भी अपनी जड़ों से जुड़ी हुईं थीं मन्नू भण्डारी Read Moreगजानन रैना साहित्य की विभिन्न विधाओं पर अक्सर लिखते रहते हैं। इस बार नोबेल पुरस्कार विजेता लुईस ग्लूक की कविताओं पर उन्होंने अपने खास अंदाज में लिखा है। आप भी …
रैना उवाच: अपने समय की आहट को भले से पहचानती हैं ग्लूक की कविताएँ Read Moreशरतचंद्र चट्टोंपाध्याय, स्रोत: विकीपीड़िया आज से 145 वर्ष पूर्व 15 सितंबर 1876 को बंगाल के हुगली जिले के देवनन्द पुर नामक गाँव में शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म हुआ था। …
आवारा मसीहा शरत चंद्र थे नारी मन और भारतीय समाज के कुशल चितेरे Read More1 सितंबर को मशहूर लेखक राही मासूम रजा का जन्मदिन पड़ता है। राही मासूम रजा जी का जन्म 1 सितंबर 1927 को गाजीपुर जिले के गंगोलीं गाँव में हुआ था। …
रैना उवाच: इस सफर में नींद ऐसी खो गई हम न सोये,रात थक कर सो गई Read Moreगजानन रैना जब लिखते है अनूठा लिखते हैं। साहित्य को देखने की उनकी अपनी एक नजर है। आज उन्होंने लेखकीय टेल पर कुछ लिखा है। आप भी पढ़ें: ******** …
रैना उवाच: लेखक और उनके लेखकीय ‘टेल’ Read Moreगजानन रैना जिसके पास कोई रोजगार नहीं, वो प्रापर्टी डीलर का काम कर ले और जो कुछ नहीं लिख सकता, कविता लिख ले। बुरी दशा है कविता की, आइ सी …
रैना उवाच: कविता Read Moreआज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। यह दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। आज के दिन महिलाओं के आर्थिक, राजनितिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष में उत्सव की …
भारतीय महिला अपराध साहित्यकार Read Moreजासूसी उपन्यास दुनिया के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले उपन्यासों की श्रेणी में आते हैं। जिस तरह से तहकीकात करने वाला नायक परत दर परत रहस्य को सुलझाता है वह …
मेरे पसंदीदा इन्वेस्टिगेटर्स – आनंद कुमार सिंह Read More