स्टीफन स्वाइग |
वो एक ऐसा फसानाकार था जिसकी खुद की जिंदगी किसी फसाने से कम न थी।
उसने जिस विधा को हाथ लगाया, कमाल कर दिखाया। वो जहाँ था, वहाँ शानदार था।
1881 में वियेना में उसका जन्म हुआ था ।
उसकी गिनती विश्व के सर्वकालिक महान कथाकारों में होती है।
उन्नीस साल की उम्र में उसने अपने पहले ही कविता संग्रह से धूम मचा दी थी ।
उसके उपन्यास ‘बिवेयर आफ पिटी’ ने उसे बहुत ख्याति दिलवाई । ‘एमाॅक’ , ‘बर्निंग सीक्रेट’ , ‘फैन्टास्टिक नाइट’ आदि उसके ऐसे उपन्यास हैं जिनकी मिसाल मिलना मुश्किल है ।
इसके अलावा उसने टाल्सटाॅय , दोस्तोवस्की , बाल्जाक , डिकेन्स और रोमा रोलाँ की अद्भुत कलात्मक जीवनियाँ लिखीं ।
उसने दस नाटक भी लिखे ।
1920 के दशक में वह दुनिया का सर्वाधिक अनूदित लेखक था ।
यहूदी होने के कारण उसे देशनिकाला मिला। इस त्रासदी को उसका स्वाभिमानी मन सहन न कर पाया।
1942 में उसने बीवी समेत खुदकुशी कर ली ।
उसके मरने के बाद छपी उसकी आत्मकथा ‘द वर्ल्ड ऑफ यस्टरडे’ ( वो गुजरा जमाना ) को आत्मकथा लेखन में मानक माना जाता है।
वो स्वाइग था। स्टीफन स्वाइग।
– गजाजन रैना
लेखक परिचय
गजानन रैना |
बढ़िया लेख @गजानन रैना जी द्वारा……. 👍👍👍👍👍
जी आभार।
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-07-2022) को
चर्चा मंच "दुनिया में परिवार" (चर्चा अंक-4503) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
चर्चाअंक में लेख को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार।
बहुत अच्छी जानकारी
जी आभार, मैम
मर्मस्पर्श।
बढ़िया जानकारी।
सादर
जी आभार, मैम।