जासूसी उपन्यास दुनिया के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले उपन्यासों की श्रेणी में आते हैं। जिस तरह से तहकीकात करने वाला नायक परत दर परत रहस्य को सुलझाता है वह पाठक को उपन्यास शुरू से लेकर आखिर तक पढ़ते जाने के लिए विवश सा कर देता है।
आनन्द कुमार सिंह भी जासूसी उपन्यासों के शौक़ीन हैं और देशी विदेशी सभी तरह के जासूसी उपन्यासों को अपने खाली वक्त में पढ़ते रहते हैं। प्रस्तुत लेख में आनन्द कुमार सिंह ने अपराध साहित्य के उन इन्वेस्टिगेटर्स के विषय में लिखा है जो उन्हें भाते हैं।
उम्मीद है यह लेख आपको आपको पसंद आएगा।
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आनन्द कुमार सिंह |
किताबें जहाँ आपकी बौद्धिक क्षुधा की खुराक है वहीं ये एक अलग ही दुनिया की सैर कराने की आपकी कुंजी भी है। किताबें परी लोक से लेकर आपके आसपास की हकीकत की दुनिया की यात्रा कराती हैं। मिस्ट्री या थ्रिलर उपन्यासों की बात करें तो इसका मुख्य किरदार अमूमन एक इनवेस्टिगेटर यानी एक जांचकर्ता होता है। अपनी काबलियत के जरिये वह किताब के मूल रहस्य पर से पर्दा हटाता है और उपन्यास को समुचित पटाक्षेप पर ले जाता है।
इनवेस्टिगेटर्स के स्वरूप में पिछली सदी से अब तक काफी बदलाव आया है। 20वीं सदी में अधिकांश इनवेस्टिगेटर आदर्शवादी होते थे। फिर धीरे-धीरे पाठकों की रुचि बदली और इनवेस्टिगेटर्स का स्वरूप भी। उनमें धीरे-धीरे कमियाँ या फिर कहें निगेटिव शेड्स दिखने लगे। किताबों को उनकी गति तक पहुँचाने का काम वह आज भी करते हैं लेकिन उनके चाल-चलन, उनके स्वभाव में परिवर्तन आता गया।
अपने पसंदीदा इनवेस्टिगेटर्स की बात करूँ तो शराब के नशे में झूमता, लंबा-चौड़ा पुलिसवाला जो ब्लैक कॉफी का शौकीन है..पुलिस महकमे में दरकिनार कर दिये जाने वाला पुलिसकर्मी जिसकी जुबान ही किसी को घायल कर देने के लिए काफी है..या फिर इंटेलिजेंस के ऐसे महकमे का प्रमुख जिसे उसकी टीम के साथ परे कर दिया गया है और जिसकी खासियत, बेहिसाब रिच फूड खाने से लेकर डकार लेना, गैस छोड़ना तक शामिल है…ये सभी बेहद प्रसिद्ध इनवेस्टिगेटर्स हैं।
मेरे पसंदीदा इनवेस्टिगेटर्स में तरह-तरह के कैरेक्टर हैं। ये उन्हें रचने वाले लेखकों का ही कमाल है कि इन कैरेक्टर्स में कमियाँ डाल कर इन्हें विश्वसनीय बनाते हैं और इनमें एक ऐसा एक्स फैक्टर डालते हैं जिससे वो पाठकों के दिलों के करीब हो जाते हैं।
इनमें से पहला नाम लेना चाहूंगा, हैरी होल का…उसके नाम का उच्चारण हैरी होले होता है। नॉरवीजियन लेखक जो नेस्बो की सीरीज का हीरो। हैरी में तमाम बुराइयाँ हैं। सबसे बड़ी बुराई उसका अल्कोहलिक होना है। जिससे उबरने की वह कई बार कोशिश कर चुका है। उसका समूचा शरीर घावों और दागों से भरा हुआ है। दिमाग उसका तेज तर्रार..पर्दे के पीछे की कहानी को पढ़ने में उसे खासियत हासिल है। उसके मन-मंदिर में कभी शांति नहीं रहती। उसे स्थायी सुख नहीं मिलता। न तो लड़की के मामले में और न ही ही अपने पुलिस महकमे में। ये जो नेस्बो की काबलियत ही कही जायेगी कि नॉरवीजियन में उनके उपन्यास होने के बावजूद, भाषा की बेड़ियों को तोड़ कर अंग्रेजी के अनुवाद भी समान रूप में विश्व में लोकप्रिय हुए हैं। जो नेस्बो के उपन्यास, हिंसा और रक्त से लबरेज होते हैं। इन सबके बीचे नशे के आधिक्य में झूमता हैरी, आखिरकार मिस्ट्री को बेनकाब करता है लेकिन कहीं न कहीं उसे एक कीमत भी चुकानी पड़ती है।
पसंदीदा इवेस्टिगेटर में दूसरा नाम जैक रीचर का लेना चाहूंगा। यूँ तो जैक रीचर को खालिस इनवेस्टिगेटर कहना गलत होगा, लेकिन उपन्यास में आखिरकार वह काम वहीं करता है। उसकी खासियत उसका एक्शन हीरो होना है। मारपीट में जबर्दस्त काबलियत रखने वाला जैक रीचर, लेखक ली चाइल्ड का किरदार है जो बेहद प्रसिद्ध है। उस पर फिल्म भी बन चुकी है। रीचर का किरदार टॉम क्रूज ने निभाया है। यह और बात है कि प्रशंसकों ने टॉम क्रूज को रीचर का किरदार दिये जाने पर आपत्ति जतायी है। जहाँ टॉम क्रूज अपनी लंबाई के लिए नहीं जाने जाते, वहीं जैक रीचर बेहद लंबा और चौड़ा है। उसके हाथों की मांसपेशियाँ किसी आम व्यक्ति के जांघों के समान हैं। जहाँ तक रीचर की इनवेस्टिगेटिंग स्किल्स की बात है तो वह काफी बुद्धिमान है। गणित विशेषकर अंकगणित में वह दक्ष है। किसी भी समस्या को टुकड़ों में तोड़ कर उसके गणितीय हिस्से करके उससे वह निपटना बखूबी जानता है। समस्या के परिणामों का वह स्टैटिस्टिकल आँकलन भी खूब करता है। यानी नतीजा उसके पक्ष में रहेगा या विपक्ष में, इसकी संभावना को वह गणितीय तरीके से निकालता है। इसके अलावा रीचर बेहद उम्दा मार्क्समैन..यानी शूटर है। उसका निशाना गजब का है। उसके पास न तो घर है न अतिरिक्त कपड़े…है तो केवल एक टूथब्रश…वह एक जगह से दूसरी जगह, हिचहाइकिंग..यानी गाड़ियों में लिफ्ट लेकर विचरता है। जरूरत पड़ने पर कपड़े खरीदता है और पुराने कपड़े फेंक देता है। कुल मिला कर पाठकों को रीचर के जरिये भरपूर इंटरटेनमेंट मिलता है। हालांकि मिल रही जानकारी के मुताबिक ली चाइल्ड अपने इस किरदार को अपने भाई को सौंप देने वाले हैं। यानी कुछ समय बाद रीचर का किरदार उनके भाई ही लिखेंगे।
डेनिश लेखक, जूसी एडलर ऑलसन ने डिपार्टमेंट क्यू, शृंखला के कई नॉवल लिखे हैं। उपन्यास डेनिश से अंग्रेजी में अनुवाद होकर खूब बिके हैं। मुख्य किरदार कार्ल मॉर्क है। वह श्रेष्ठ होमीसाइड डिटेक्टिव हुआ करता था लेकिन महकमे में वह दरकिनार है। उसकी जुबान खूब चलती है और उसके जरिये ही लोगों को घायल कर देने में सक्षम है। ऑलसन के उपन्यासों में ह्यूमर का जबर्दस्त समावेश रहता है। मुख्य किरदार कार्ल मॉर्क आराम पसंद व्यक्ति है। लेकिन जब काम में जुटता है तो परत दर परत मिस्ट्री की बखिया उखाड़ देता है। उसे तमाम पुलिसिया हथकंडे भी पता है। अगर आपको मिस्ट्री के साथ ह्यूमर का समावेश लिए जुबानदराजी वाले डायलॉग पसंद हैं तो ऑलसन के डिपार्टमेंट क्यू के नॉवल और उनका मुख्य किरदार, इनवेस्टिगेटर कार्ल मॉर्क खूब लुभायेंगे।
पसंदीदा इनवेस्टिगेटर्स में जैकसन लैंब का नाम लिए बगैर लिस्ट पूरी नहीं हो सकती। ब्रिटिश लेखक मिक हेरोन का किरदार जैकसन लैंब कभी ब्रिटिश खुफिया विभाग का बेहद काबिल जासूस हुआ करता था लेकिन कुछ कारणों के चलते उसे दरकिनार किया गया। एक अलग संस्था बनायी गयी जिसका महत्व बेहद कम रहता है। उस संस्था में तमाम ऐसे जासूस भेजे जाते हैं जिन्होंने अपने काम में कोई न कोई गलती की रहती है। जैकसन इन सभी जासूसों का बॉस है। मूल रूप से स्पाई जॉनर के ये नॉवल भी अपने ह्यूमर के लिए मुझे बेहद पसंद हैं..और खास पसंद है जैकसन लैंब। जैकसन का ऊपरी व्यक्तित्व एकदम जुदा है। रिच फूड खाना उसकी विशेषता है। उसकी जुबान खुली हुई है और वह किसी को कुछ भी कह सकता है। कलीग के सामने डकार लेना और आवाज के साथ गैस छोड़ना उसके लिए आम है। लेकिन इन सबके पीछे छिपा है कि धारदार दिमाग और अपने साथियों का साथ देने की प्रवृत्ति। अपने लोगों के लिए वह कुछ भी कर सकता है…लेकिन उन्हें जलील करने का भी वह कोई मौका नहीं छोड़ता। उसकी नजरों से कुछ नहीं छिप सकता। जासूसी का ऐसा कोई तरीका नहीं जो उसे नहीं मालूम। उससे ऊपर के पदों पर बैठे लोग भी उससे सहम कर रहते हैं…ह्यूमर के साथ बढ़िया लेखनी, स्पाई और थ्रिल का मजा लेना हो तो मिक हेरोन को जरूर पढ़ें…जैकसन लैंब आपको इंटरटेन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
स्लो हॉर्सेज श्रृंखला के उपन्यास
ये हैं मेरे कुछ पसंदीदा इनवेस्टिगेटर्स…आप अपने प्रिय इनवेस्टिगेटर्स के बारे में जरूर बतायें।
– आनंद कुमार सिंह
लेखक परिचय
आनन्द कुमार सिंह प्रभात खबर अखबार में सीनियर रिपोर्टर हैं। वह कोलकता में रहते हैं। हाल ही में उनके उपन्यास ‘हीरोइन की हत्या’ का पेपरबैक संस्करण रिलीज़ हुआ है।
यश खांडेकर की जिंदगी की नई सुबह में आ जाता है एक भूचाल…उस पर लगा है फिल्मी दुनिया की सुपरस्टार हीरोइन की हत्या का इल्ज़ाम… लेकिन अतीत के सभी दृश्य यश के जेहन से मिट से गये हैं…
उसके पीछे पुलिस की तेज तर्रार टीम के अलावा पड़ा है एक प्रोफेशनल किलर भी…
आखिर वो यश की जान क्यों लेना चाहता है!?
सुपरस्टार हीरोइन की हत्या किसने की!?
यश खुद कातिल है या किसी खौफनाक साजिश का शिकार है!?
याददाश्त के दगा देने के बाद क्या यश खुद को बेगुनाह साबित कर सकता है!?
या उसे मिलेगा फांसी का फंदा!?
किताब लिंक: पेपरबैक
© विकास नैनवाल ‘अंजान’
बेहतरीन….
हैरी होले और जैक रीचर का तो में पहले से ही फैन था, आज मुझे इस लेख के माध्यम दो नए किरदारों के बारे में जानने को मौका मिला। अब जल्द ही इनकी किताबे पढ़ी जाएगी।
उम्मीद है इस लेख के अगले भाग में कुछ और किरदारों से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
आपके प्रयास को साधुवाद।
जी लेख आपको पसंद आया यह देखकर अच्छा…मुझे भी काफी सारे किरदारों के विषय में जानकारी मिली….
बहुत बढिया जानकारी दी है🙏🙏
जी आभार..
बढ़िया लेख। हालांकि investigators में सुनील का नाम नही देखकर थोड़ी हैरानी हुई।
जी आभार… किरदार तो काफी सारे हैं और लेखक तो अपनी पसंद के किरदार चुनने थे तो शायद उनकी रूचि में ये नाम नहीं रहे हो…
बहुत बढ़िया आलेख ।
सुधीर और सुनील को शामिल किया जा सकता है
जी आभार…
बहुत सुन्दर।
जानकारी देने के लिए धन्यवाद।
जानकारी आपको पसंद आई यह जानकर अच्छा लगा… आभार…
नई और रोचक बातें सदा ही आकर्षित करती हैं किरदार में भिन्नता से उपन्यास बेहतर हो जाता है। धन्यवाद आपका शानदार लेख के लिए
आपने सही कहा।
बहुत अच्छा लेख । जल्द ही हैरी होल को पढ़ा जाएगा ।
जी जल्द ही पढ़िएगा…..
जैक रीवर पढा है हालांकि हैरी होल की किताब पास होने के बावजूद नहीं पढी कभी पढंूंगा
हीरोईन की हत्या के बाद क्या ?
इस सवाल के जवाब का मुझे भी इंतजार है।