हिंदी निबंध: गालियाँ - प्रेमचंद

गालियाँ – प्रेमचंद

समाज में किस तरह गालियाँ व्याप्त हैं इस पर प्रेमचंद ने उर्दू में यह निबंध लिखा था। यह निबंध मूल रूप से उर्दू में प्रकाशित हुआ था और उर्दू मासिक पत्रिका ‘ज़माना’ के दिसंबर 1909 के अंक में प्रकाशित हुआ था। आप भी पढ़ें:

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ऐतिहासिक उपन्यास - राहुल सांकृत्यायन

ऐतिहासिक उपन्यास – राहुल सांकृत्यायन

ऐतिहासिक उपन्यास हर समय लिखे जाते रहे हैं। आज भी यह लिखे जा रहे हैं। ऐसे उपन्यास लिखते समय किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए यही राहुल सांकृत्यायान अपने इस लेख में बता रहे हैं। आप भी पढ़ें:

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साहित्य और भाषा - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

साहित्य और भाषा – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

साहित्य की भाषा कैसी होनी चाहिए? सरल या क्लिष्ट। यह एक ऐसा विषय है जिस पर बहस निरंतर चलती रहती है। इस विषय पर सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ द्वारा भी लिखा गया था। आप भी पढ़ें:

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यात्रा वृत्तांत: पेरिस में

यात्रा वृत्तांत: पेरिस में – राहुल सांकृत्यायन

वर्ष 1932 में राहुल सांकृत्यायन ने 14 से 26 नवम्बर के बीच के 14 दिन पैरिस में बिताए थे। ‘पेरिस में’ में उनके इन्हीं दिनों का वृत्तांत है। आप भी पढ़ें:

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यात्रा वृत्तांत: तिब्बत में प्रवेश - राहुल सांकृत्यायन

यात्रा वृत्तांत: तिब्बत में प्रवेश – राहुल सांकृत्यायन

‘तिब्बत में प्रवेश’ राहुल सांकृत्यायन का लिखा यात्रा वृत्तांत है। इस वृत्तांत में वह तिब्बत में तीसरी बार प्रवेश करने का अनुभव पाठकों से साझा कर रहे हैं। 21 अप्रैल से 6 मई के बीच की गयी यात्रा के विषय में वह बता रहे हैं। आप भी पढ़ें।

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निबंध: उत्साह - आचार्य रामचंद्र शुक्ल

निबंध: उत्साह – आचार्य रामचंद्र शुक्ल

दुःख के वर्ग में जो स्थान भय का है, आनंद वर्ग में वही स्थान उत्साह का है। भय में हम प्रस्तुत कठिन स्थिति के निश्चय से विशेष रूप में दुखी और कभी-कभी स्थिति से अपने को दूर रखने के लिए प्रयत्नवान् भी होते हैं। उत्साह में हम आनेवाली कठिन स्थिति के भीतर साहस के अवसर के निश्चय-द्वारा प्रस्तुत कर्म-सुख की उमंग में अवश्य प्रयत्नवान् भी होते हैं।

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रस्किन बॉन्ड की नयी किताब हुई रिलीज

रस्किन बॉन्ड की नयी किताब हुई रिलीज

रस्किन बॉण्ड भारत के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक हैं। उनके लेखन के कई लोग दीवाने हैं और उनकी नवीन पुस्तकों का इंतजार करते रहते हैं। ऐसे में रस्किन बॉण्ड के प्रशंसकों के लिए एक खुशखबरी है।

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नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में हुआ 'डाॅ धर्मवीर भारती की शख्सियत और पत्रकारिता' पुस्तक का विमोचन

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में हुआ ‘डाॅ धर्मवीर भारती की शख्सियत और पत्रकारिता’ पुस्तक का विमोचन

नई दिल्ली, 10 फरवरी 2025 नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के आखिरी दिन यानी 9 फरवरी 2025 को साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘धर्मवीर भारती की शख्सियत और पत्रकारिता’ …

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मरेंगे साथ, जिएँगे साथ - रांगेय राघव

मरेंगे साथ, जिएँगे साथ – रांगेय राघव

‘मरेंगे साथ, जिएँगे साथ’ रांगेय राघव का लिखा रिपोर्ताज है। एक डॉक्टरी दल के साथ जब वो गाँव में टीका लगाने गए तो वहाँ की क्या हालत थी और उधर उनके क्या अनुभव रहे यह वह इधर बता रहे हैं। आप भी पढ़ें:

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अदम्य जीवन - रांगेय राघव

अदम्य जीवन – रांगेय राघव

‘अदम्य जीवन’ लेखक रांगेय राघव का लिखा एक रिपोर्ताज है। इसमें ढाका के एक गाँव शिद्धिरगंज जाकर उन्होंने वहाँ जो कुछ देखा वो बताया गया है। बंगाल में हुए अकाल और महामारी के बाद यह यात्रा की गयी थी जिसमें गाँव के जीवन पर पड़े असर और गाँव वासियों की जीवटता का मार्मिक चित्रण वो करते हैं।

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पुस्तक टिप्पणी: एक म्युजिकल दस्तावेज है पराग डिमरी का 'श्रवण राठौड़: हाँ एक सनम चाहिए आशिकी के लिए'

पुस्तक टिप्पणी: एक म्युजिकल दस्तावेज है पराग डिमरी की पुस्तक ‘श्रवण राठौड़: हाँ एक सनम चाहिए आशिकी के लिए’

‘श्रवण राठौड़: हाँ एक सनम चाहिए आशिकी के लिए’ लेखक पराग डिमरी द्वारा संगीत निर्देशक श्रवण राठौर पर लिखी पुस्तक है। इस पुस्तक पर लेखक योगेश मित्तल ने टिप्पणी लिखी है। आप भी पढ़ें।

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अगर दिल को पढ़ना है तो पढ़कर देखिये ‘सफरनामा – कर्मभूमि की जीवनयात्रा’

वरिष्ठ लेखक योगेश मित्तल पिछले पचास वर्ष से लेखन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपना अधिकतर जीवन ट्रेड नामों के लिए लिखते हुए बिताया है पर अब फेसबुक, ब्लॉग, पुस्तकों …

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