गोन विद द विंड 1: एक अलग कालखण्ड की यात्रा है गोन विद द विंड

गोन विद द विंड अंग्रेजी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में से एक माना जाता है। 1936 में प्रकाशित हुए इस उपन्यास ने अपने प्रकाशन हुए इस उपन्यास ने अपने प्रकाशन के तुरन्त बाद …

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रैना उवाच: अपनी आधुनिकता में भी अपनी जड़ों से जुड़ी हुईं थीं मन्नू भण्डारी

15 नवंबर 2021 को वरिष्ठ लेखिका मन्नू भण्डारी इस नश्वर संसार से चली गईं। 90 वर्ष का भरपूर जीवन जीने के पश्चात वह एक नवीन यात्रा पर चल पड़ीं। अपने …

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रैना उवाच: जरायम पर रची एक सार्थक कृति है ,’धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे’

गजानन रैना साहित्यानुरागी है और साहित्य के अलग अलग पहलुओं  और साहित्यिक कृतियों पर बात करने का उनका अपना अलग अंदाज है। रैना उवाच के नाम से वह यह टिप्पणियाँ …

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विक्रम की डायरी: पहले पन्ने से अपने मोहपाश में बाँध देती है कागज की नाव

नीलेश ‘विक्रम’ हिन्दी साहित्य और हिन्दी सिनेमा में विशेष रूचि रखते है और इन विषयो पर अक्सर अपने विचार लिखा करते हैं। । फेसबुक पर हिन्दी सिनेमा पर उनके लिखे पोस्ट जिन्हें …

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चौरासी: दंगे की पृष्ठभूमि पर रची दिल को छू जाने वाली एक प्रेम कथा

राघवेन्द्र सिंह एक कुशल संपादक तो हैं ही साथ में एक सजग पाठक भी  हैं। वो अक्सर किताबों पर अपनी राय लिखते रहते हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़िए …

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विक्रम की डायरी: सुरेन्द्र मोहन पाठक की रचनाओं में मौजूद एक नायाब हीरा है ‘एक करोड़ का जूता’

नीलेश पवार ‘विक्रम’ राज्य प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हैं। वह होशंगाबाद, मध्य प्रदेश में रहते हैं। हिन्दी साहित्य और हिन्दी सिनेमा में उनकी विशेष रूचि है जिस पर वह अक्सर अपने …

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रैना उवाच: अपने समय की आहट को भले से पहचानती हैं ग्लूक की कविताएँ

गजानन रैना साहित्य की विभिन्न विधाओं पर अक्सर लिखते रहते हैं। इस बार नोबेल पुरस्कार विजेता लुईस ग्लूक की कविताओं पर उन्होंने अपने खास अंदाज में लिखा है। आप भी …

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रैना उवाच: इस सफर में नींद ऐसी खो गई हम न सोये,रात थक कर सो गई

1 सितंबर को मशहूर लेखक राही मासूम रजा का जन्मदिन पड़ता है। राही मासूम रजा जी का जन्म 1 सितंबर 1927 को गाजीपुर जिले के गंगोलीं गाँव में हुआ था। …

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समीक्षा: चौरासी

‘चौरासी’ लेखक सत्य व्यास की तीसरी किताब है। किताब प्रथम बार 2018 में प्रकाशित हुई थी।  हाल ही में उपन्यास के  ऊपर आधारित वेब सीरीज ग्रहण आयी है जिसे दर्शकों द्वारा …

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रैना उवाच: लेखक और उनके लेखकीय ‘टेल’

गजानन रैना जब लिखते है अनूठा लिखते हैं। साहित्य को देखने की उनकी अपनी एक नजर है। आज उन्होंने लेखकीय टेल पर कुछ लिखा है। आप भी पढ़ें: ********   …

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