Kisalay Pancholi's Story Collection 'Gate Se Bahar Freud' Launched
हिंदी में बढ़ी गंभीर वैचारिक किताबों की माँग

हिंदी में बढ़ी गंभीर वैचारिक किताबों की माँग

10 फरवरी, 2025 (सोमवार) नई दिल्ली: नौ दिनों तक चले नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला-2025 का रविवार को समापन हुआ। इस वर्ष मेले में पुस्तकप्रेमियों की जबरदस्त भागीदारी देखने को …

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कहानी: चूड़ीवाली - जयशंकर प्रसाद

कहानी: चूड़ीवाली – जयशंकर प्रसाद

विलासिनी नगर की प्रसिद्ध नर्तकी की कन्या थी। आजकल वो रोज बाबू विजयकृष्ण, जिन्हें लोग सरकार कहते थे, की अट्टालिका पहुँच जाया करती थी। वह चूड़ीवाली बनकर उनके यहाँ जाती और सरकार की पत्नी को चूड़ियाँ पहनाया करती। वह आख़िरकार ऐसा क्यों कर रही थी? जानने के लिए पढ़ें जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘चूड़ीवाली’।

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बगुला भगत - डॉक्टर अंशु जोशी

कहानी: बगुला भगत – डॉ. अंशु जोशी

सुबह की आपा-धापी से सफलतापूर्वक निबट वह अपनी पसंदीदा मसाला चाय लिये सोफे पर आलथी-पालथी मार कर बैठ चुकी थी। बेटा स्कूल के लिये रवाना हो चुका था। पति महोदय …

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Book launch of Gautam Chaubey's Novel Chakkajam

आज़ादी के बाद देश-समाज की कशमकश का बारीक चित्रण है ‘चक्का जाम’ उपन्यास 

17 जनवरी, 2025 (शुक्रवार) नई दिल्ली: आज से करीब सत्तर वर्ष पहले के काल में जाकर गौतम चौबे ने जिस तरह ‘चक्का जाम’ उपन्यास की रचना की है, वह किसी …

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कहानी: नदी का इश्क जिंदा था - दिव्या शर्मा | कहानी संग्रह: कैलंडर पर लटकी तारीखें

कहानी: नदी का इश्क जिंदा था – दिव्या शर्मा

‘नदी का इश्क ज़िंदा था’ लेखिका दिव्या शर्मा की कहानी है। यह कहानी उनके कथा संग्रह ‘कैलंडर पर लटकी तारीखें’ में संकलित है।

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कहानी: ठाकुर का कुआँ - प्रेमचंद

कहानी: ठाकुर का कुआँ – प्रेमचंद

जोखू की तबीयत खराब थी और इसलिए घर का गंदा पानी उसे गंगा देना नहीं चाहती थी। वह प्यासा था और इसलिए गंगा ने फैसला किया कि ठाकुर के कुएँ से वह पानी लायेगी।
पढ़ें कथा सम्राट प्रेमचंद की कहानी ‘ठाकुर का कुआँ’।

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कहानी: नीरा - जयशंकर प्रसाद

कहानी: नीरा – जयशंकर प्रसाद

देवनिवास और अमरनाथ साइकल पर निकले थे कि देवनिवास एक बूढ़े से टकरा गया। बूढ़े के साथ उसकी बेटी नीरा भी थी। फिर परिस्थिति कुछ ऐसी बन पड़ी कि देवनिवास और अमरनाथ बूढ़े की कुटिया पर पहुँच गए। आगे जानने के लिए पढ़ें जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘नीरा’।

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निबंध: जीवन में साहित्य का स्थान - प्रेमचंद

निबंध: जीवन में साहित्य का स्थान – प्रेमचंद

जीवन में साहित्य का स्थान प्रेमचंद का लिखा निबंध है। यह 1932 के हंस के अप्रैल अंक में प्रकाशित हुआ था। आप भी पढ़ें:

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जयशंकर प्रसाद की कहानी 'अपराधी'

कहानी: अपराधी – जयशंकर प्रसाद

वनस्थली के रंगीन संसार में अरुण किरणों ने इठलाते हुए पदार्पण किया और वे चमक उठीं, देखा तो कोमल किसलय और कुसुमों की पंखुरियाँ, बसंत-पवन के पैरों के समान हिल रही थीं। पीले पराग का अंगराग लगने से किरणें पीली पड़ गयी। बसंत का प्रभात था।

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प्रेमचंद की कहानी 'भूत'

कहानी: भूत – प्रेमचंद

पंडित सीतानाथ चौबे मुरादाबाद के प्रसिद्ध वकील थे। समाज में उनकी इज्जत थी। पर फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें भूत दिखने लगा। पढ़िए कथा सम्राट प्रेमचंद की कहानी ‘भूत’। यह कहानी मानसरोवर 4 में संकलित है।

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चंदा - जयशंकर प्रसाद | कहानी

कहानी: चंदा – जयशंकर प्रसाद

चंदा का विवाह रामू से तय हुआ था लेकिन चंदा हीरा को पसंद करती थी। हीरा भी चंदा को पसंद करता था। और रामू को यह बात पसंद नहीं थी। इस प्रेम त्रिकोण का क्या नतीजा निकला? पढ़ें जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘चंदा’।

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