रैना उवाच: जरायम पर रची एक सार्थक कृति है ,’धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे’

गजानन रैना साहित्यानुरागी है और साहित्य के अलग अलग पहलुओं  और साहित्यिक कृतियों पर बात करने का उनका अपना अलग अंदाज है। रैना उवाच के नाम से वह यह टिप्पणियाँ …

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चौरासी: दंगे की पृष्ठभूमि पर रची दिल को छू जाने वाली एक प्रेम कथा

राघवेन्द्र सिंह एक कुशल संपादक तो हैं ही साथ में एक सजग पाठक भी  हैं। वो अक्सर किताबों पर अपनी राय लिखते रहते हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़िए …

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रैना उवाच: अपने समय की आहट को भले से पहचानती हैं ग्लूक की कविताएँ

गजानन रैना साहित्य की विभिन्न विधाओं पर अक्सर लिखते रहते हैं। इस बार नोबेल पुरस्कार विजेता लुईस ग्लूक की कविताओं पर उन्होंने अपने खास अंदाज में लिखा है। आप भी …

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बोरीवली से बोरीबन्दर तक – शैलेश मटियानी

संस्करण विवरण:फॉरमेट: पेपरबैक | प्रकाशक: हिन्द पॉकेट बुक्स | पृष्ठ संख्या: 128 किताब लिंक: amazon.com | amazon.in कहानी वीरेन की जिंदगी भटकते हुए ही गुजरी थी। कुमाऊँ से दिल्ली और …

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कुछ अनकहा सा – तरंग सिन्हा

संस्करण विवरण: फॉर्मैट: ई-बुक | पृष्ठ संख्या: 42 |  एएसआईएन: B08YGJNY13 पुस्तक लिंक: अमेज़न कहानी कबीर को हमेशा से लगता था कि उसके और आयशा के बीच में एक अनकहा सा …

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रैना उवाच: इस सफर में नींद ऐसी खो गई हम न सोये,रात थक कर सो गई

1 सितंबर को मशहूर लेखक राही मासूम रजा का जन्मदिन पड़ता है। राही मासूम रजा जी का जन्म 1 सितंबर 1927 को गाजीपुर जिले के गंगोलीं गाँव में हुआ था। …

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समीक्षा: चौरासी

‘चौरासी’ लेखक सत्य व्यास की तीसरी किताब है। किताब प्रथम बार 2018 में प्रकाशित हुई थी।  हाल ही में उपन्यास के  ऊपर आधारित वेब सीरीज ग्रहण आयी है जिसे दर्शकों द्वारा …

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वे दोनों और वह – बिमल मित्र

 संस्करण विवरण:फॉर्मेट: हार्डकवर | पृष्ठ संख्या: 33 | अनुवाद: देवलीना पुस्तक लिंक: amazon.in | amazon.com कहानी: अटलबिहारी बसु कभी बदामतल्ले मोहल्ले की शान हुआ करता था। मोहल्ले का हर एक बच्चा अटल जैसा बनना चाहता था। मोहल्ले के लोग …

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रैना उवाच: खरीदी कौड़ियों के मोल

‘खरीदी कौड़ियों के मोल’ एक विरल ढंग का उपन्यास है। नायक दीपंकर के पिता संपन्न किसान थे। उनकी हत्या होने के बाद जमीन हड़पने के लिए दीपंकर और उसकी माँ …

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रैना उवाच: कविता

गजानन रैना जिसके पास कोई रोजगार नहीं, वो प्रापर्टी डीलर का काम कर ले और जो कुछ नहीं लिख सकता, कविता लिख ले।  बुरी दशा है कविता की, आइ सी …

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