फसाने जैसा फसानाकार: स्टीफन स्वाइग

  स्टीफन स्वाइग वो एक ऐसा फसानाकार था जिसकी खुद की जिंदगी किसी फसाने से कम न थी।  उसने जिस विधा को हाथ लगाया,  कमाल कर दिखाया। वो जहाँ था, …

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लुगदी बनाम साहित्य: क्या सुरेन्द्र मोहन पाठक के उपन्यास साहित्यिक नहीं हैं?

Image by Eli Digital Creative from Pixabay हिन्दी साहित्य में मनोरंजक साहित्य और गंभीर साहित्य के बीच में एक दूरी सी हमेशा रही है। कुछ लोगों ने एक तरह के लेखन …

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रैना उवाच: हिंदी साहित्य के वो सितारे जिन्हें भुला देना सही नहीं

हिन्दी साहित्य में अक्सर साहित्यकारों को वह स्थान नहीं मिल पाता है जिसके वह हकदार होते हैं। कई बार उन्हें वह स्थान मिलता भी है तो आगे आने वाली पीढ़ी …

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गोन विद द विंड 3: युद्ध की पृष्ठभूमि में रची प्रेम कथा है गोन विद द विंड

 गोन विद द विंड अंग्रेजी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में से एक माना जाता है। 1936 में प्रकाशित हुए इस उपन्यास ने अपने प्रकाशन के तुरन्त बाद ही लोगों के दिल में अपनी …

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रैना उवाच: अपनी आधुनिकता में भी अपनी जड़ों से जुड़ी हुईं थीं मन्नू भण्डारी

15 नवंबर 2021 को वरिष्ठ लेखिका मन्नू भण्डारी इस नश्वर संसार से चली गईं। 90 वर्ष का भरपूर जीवन जीने के पश्चात वह एक नवीन यात्रा पर चल पड़ीं। अपने …

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रैना उवाच: अपने समय की आहट को भले से पहचानती हैं ग्लूक की कविताएँ

गजानन रैना साहित्य की विभिन्न विधाओं पर अक्सर लिखते रहते हैं। इस बार नोबेल पुरस्कार विजेता लुईस ग्लूक की कविताओं पर उन्होंने अपने खास अंदाज में लिखा है। आप भी …

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आवारा मसीहा शरत चंद्र थे नारी मन और भारतीय समाज के कुशल चितेरे

शरतचंद्र चट्टोंपाध्याय, स्रोत: विकीपीड़िया आज से 145 वर्ष पूर्व 15 सितंबर 1876 को  बंगाल के हुगली जिले के देवनन्द पुर नामक गाँव में शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म  हुआ था। …

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रैना उवाच: इस सफर में नींद ऐसी खो गई हम न सोये,रात थक कर सो गई

1 सितंबर को मशहूर लेखक राही मासूम रजा का जन्मदिन पड़ता है। राही मासूम रजा जी का जन्म 1 सितंबर 1927 को गाजीपुर जिले के गंगोलीं गाँव में हुआ था। …

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रैना उवाच: लेखक और उनके लेखकीय ‘टेल’

गजानन रैना जब लिखते है अनूठा लिखते हैं। साहित्य को देखने की उनकी अपनी एक नजर है। आज उन्होंने लेखकीय टेल पर कुछ लिखा है। आप भी पढ़ें: ********   …

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