
रैना उवाच: निर्मल वर्मा
निर्मल वर्मा हिन्दी के ऐसे लेखक रहे हैं जिनकी भाषा ने पाठकों को ही नहीं बल्कि लेखकों को भी मोहा है। कई नये लेखक उन्हें पढ़ने के बाद उनके जैसा …
रैना उवाच: निर्मल वर्मा Read Moreसाहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
निर्मल वर्मा हिन्दी के ऐसे लेखक रहे हैं जिनकी भाषा ने पाठकों को ही नहीं बल्कि लेखकों को भी मोहा है। कई नये लेखक उन्हें पढ़ने के बाद उनके जैसा …
रैना उवाच: निर्मल वर्मा Read More‘टोपी शुक्ला’ राही मासूम रज़ा द्वारा लिखा गया उपन्यास है। उपन्यास 1969 में प्रथम बार प्रकाशित हुआ था और साठ के दशक के अलीगढ़ की कहानी बयान करता है। राही …
राही की कलम द्वारा सांप्रदायिकता की निरपेक्ष पड़ताल है ‘टोपी शुक्ला’ Read Moreराज नारायण साहित्यानुरागी हैं। वह पुस्तकों के विषय में अपनी टिप्पणियाँ अक्सर अपनी फेसबुक वाल और ब्लॉग पर साझा करते रहते हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़िए लेखक अखिलेश (Akhilesh) के …
अखिलेश के जीवनानुभव, उनका संघर्ष, परिस्थितियाँ और उनसे जुड़े लोगों की कथा है ‘अक्स’ Read Moreगजानन रैना साहित्यानुरागी हैं। साहित्य की विभिन्न विधाओं पर लिखते रहते हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़िए उनका लिखा आलेख जो कि एक ऐसे दार्शनिक की कहानी बताता है …
अजीब दास्ताँ जिंदगी: लुडविग जोसेफ जोहान विट्गेन्स्टाइन Read More‘वारलॉक’ विक्रम दीवान द्वारा लिखित दो उपन्यासों की शृंखला है जिसका पहला भाग ‘वारलॉक’ है और दूसरा भाग ‘मौत की घाटी’ है। उनकी इस शृंखला पर राकेश वर्मा ने अपने …
रोमांचक पहले भाग के बावजूद औसत दूसरे भाग के चलते एक औसत शृंखला बनकर रह जाती है ‘वॉरलॉक’ Read Moreस्टीफन स्वाइग वो एक ऐसा फसानाकार था जिसकी खुद की जिंदगी किसी फसाने से कम न थी। उसने जिस विधा को हाथ लगाया, कमाल कर दिखाया। वो जहाँ था, …
फसाने जैसा फसानाकार: स्टीफन स्वाइग Read Moreगजानन रैना साहित्यानुरागी हैं। सोशल मीडिया पर अलग-अलग साहित्यिक रचनाओं में अपने खास अंदाज में लिखते हैं। उन्होंने लेखक प्रियंवद की कहानी ‘बच्चे’ पर कुछ लिखा है। आप भी पढ़िए। …
बच्चे – प्रियंवद Read Moreलेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक हिन्दी अपराध साहित्य के सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले लेखकों में से एक हैं। उनका नवीन उपन्यास ‘ब्लाइंड डील’ हाल ही में किंडल पर ई बुक पर …
कई आनंद समेटे हुए है सुरेन्द्र मोहन पाठक की नवीनतम पुस्तक ‘ब्लाइन्ड डील’ Read MoreImage by Eli Digital Creative from Pixabay हिन्दी साहित्य में मनोरंजक साहित्य और गंभीर साहित्य के बीच में एक दूरी सी हमेशा रही है। कुछ लोगों ने एक तरह के लेखन …
लुगदी बनाम साहित्य: क्या सुरेन्द्र मोहन पाठक के उपन्यास साहित्यिक नहीं हैं? Read Moreगजानन रैना सोशल मीडिया पर अपनी साहित्यिक टिप्पणी के लिए जाने जाते हैं। अपने विशेष अंदाज में वो साहित्य और साहित्यिक हस्तियों पर टिप्पणी करते हैं। आज पढ़िए सुप्रसिद्ध लेखिका ममता …
सभ्य कहे जाने वाले, पारिवारिक लोगों द्वारा होने वाली नोच खसोट का आख्यान है ‘जाँच अभी जारी है’ Read Moreहिन्दी साहित्य में अक्सर साहित्यकारों को वह स्थान नहीं मिल पाता है जिसके वह हकदार होते हैं। कई बार उन्हें वह स्थान मिलता भी है तो आगे आने वाली पीढ़ी …
रैना उवाच: हिंदी साहित्य के वो सितारे जिन्हें भुला देना सही नहीं Read More‘तलाश’ लेखक विनय प्रकाश तिर्की के 32 लेखों का संग्रह है। तीन खंडों में विभाजित इस पुस्तक में उनके यात्रा संस्मरण, जनजातीय संस्कृति से जुड़े आलेख और ईसाइयत से संबंधित …
पुस्तक समीक्षा: ‘तलाश’: क्या-क्यों-कैसे की प्रश्नाकुल पड़ताल Read More