कहानी: न्याय -सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

कहानी: न्याय – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

किस तरह न्यायवयस्था में सच के बजाए ताकतवर को तरजीह दी जाती है और कैसे न्याय के रक्षक अपनी सहूलियत के लिए न्याय के साथ खिलवाड़ करते हैं यह सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की कहानी ‘न्याय’ को पढ़कर जाना जा सकता है।

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निरुपमा – सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

रेटिंग : ३/५ मई २७ से जून ७ के बीच पढ़ा गया संस्करण विवरण : फॉर्मेट : पेपरबैक पृष्ठ संख्या : १३२ प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन पहला वाक्य : लखनऊ …

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