किताब परिचय: माय फर्स्ट मर्डर केस

 

किताब परिचय: माय फर्स्ट मर्डर केस

किताब परिचय

जूलरी शॉप के मालिक अशोक नंदा को एक रात किसी ने वक़्त से पहले परलोक पहुंचा दिया। पुलिस को पक्का शक था कि खून उसके दोनों बेटो में से किसी एक ने ही किया है । फिर कहानी में दखल होता है ऐसे जासूस का जिसका अशोक नंदा मर्डर केस पहला मर्डर केस था। जिसने जासूस को यह केस सौंपा उसे खुद यकीन नहीं था कि वह यह केस हल कर पायेगा।

अशोक नंदा का खून किसने किया ? 

क्या पुलिस कातिल को पकड़ पाई ?

 क्या जासूस अपना पहला मर्डर केस हल कर सका ? 

या यह केस उसका आखिरी केस साबित हुआ ?

एक ऐसी मर्डर मिस्ट्री जिसमें आप उलझकर रह जायेंगे।

किताब लिंक: सूरज पॉकेट बुक्स

पुस्तक अंश 

किताब परिचय: माय फर्स्ट मर्डर केस

कनिष्क होटल राजनगर का एक ऐसा फाइव स्टार होटल था जहाँ सिर्फ रईस व्यक्ति ही आते हैं। कनिष्क होटल केवल उन्हीं व्यक्तियों के लिए है जो पैसे को पानी की तरह खर्च करते हैं। कनिष्क होटल बहुत ही भव्य बना हुआ हैं। वह सीनम नदी के किनारे हैं। नदी किनारे काफी मात्रा में व्यक्तियों की भीड़, कश्तियाँ और स्टीमर खड़े थे। दिन के समय सीनम नदी पर काफी मात्रा में भीड़ रहती थी। रात के समय में सीनम नदी में बहता जल चाँद की चाँदनी में अत्यंत खूबसूरत लग रहा था। 

होटल के अंदर का एक दृश्य।

होटल का कमरा नंबर 1351  तेरहवें माले पर था। जूली  इस समय बाथरूम में थी। वाश बेसिन के सामने एक बड़ा सा शीशा लगा हुआ था। जूली स्वयं को उसमे निहार रही थी। इस समय उसके जिस्म पर पिंक टी-शर्ट और मिनी स्कर्ट थी, जो घुटनों से काफी ऊपर थी।  चेहरा चांद सा, आँखे छोटी-छोटी, होठ एक दम गुलाबी, मानो लिपस्टिक की कोई जरूरत ही नहीं। बाल घने व काले, पीछे के सभी बालों को समेटकर सुंदर जूड़ा बना रखा था। माथे के आगे के बालों की एक लट माथे पर लटक रही थी, जो उसके रंग-रूप में चार चाँद लगा रही थी।

इस रूम में और दो कमरे थे। कमरे के अंदर प्रवेश करते ही एक बहुत बड़ा ड्राइंग रूम था। हर दीवार पर अलग-अलग रंग था। एक दीवार पारदर्शी कांच की थी। कांच की दीवार की दूसरी तरफ सीनम नदी बहती हुई नजर आ रही थी। छत पर बहुत प्यारी नक्काशी की हुई थी। जरूरत की हर एक चीज वहाँ मौजूद थी।

तभी रूम के अंदर से किसी व्यक्ति की आवाज आई “आ भी जाओ यार, कितनी देर हो गई? तुम्हारे बिना एक-एक पल काटना बहुत ही मुश्किल हो रहा है।”

“यार तुम पागल तो नहीं हो? जानते हो न कि हम लड़कियां सजने-सँवरने में कितना समय लेती हैं, फिर भी पूछ रहे हो? सब्र करना सीखो, सब्र का फल हमेशा मीठा होता है।”

“मैं तो कच्चे फल से ही काम चला लूँगा। तुम तो ऐसे तैयार हो रही हो जैसे कोई नई-नवेली दुल्हन शादी के समय तैयार होती है।”

“अच्छा! मेरे लिये यह पल किसी शादी से कम नहीं हैं। तुम मुझसे प्यार करते हो। अगले महीने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो जायेगी। उसके तुरंत बाद ही हमें शादी करनी है। बस पाँच मिनट और रुक जाओ। बस अभी आई।”

“मेरी जान परफ्यूम लगा रही हो या परफ्यूम में नहा रही हो। रूम के अंदर तक परफ्यूम की महक आ रही है। वैसे तुम्हे परफ्यूम की कोई जरूरत ही नहीं है, तुम्हारे जिस्म की खुशबू ही मेरे होश उड़ाने के लिए काफी है।”

“अरे बस भी करो यार! क्यों मुझ बेचारी को झाड़ पर चढ़ा रहे हो। मैं एक साधारण सी लड़की हूँ। जनाब मुझे साधारण ही रहने दो, नहीं तो मैं भी पक्षियों की तरह आसमान में उड़ने लग जाऊँगी, फिर तुम्ही कहते फिरोगे कि जूली तो बदल गई।”

“अच्छा बाबा, लेकिन मैं भी क्या करूँ? जब दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की किसी के साथ एक ही रूम में हो तो कोई कैसे अपने आपको रोक सकता है? बस यह दीवार है हमारे-तुम्हारे बीच। इन दूरियों को मिटा दो। इन फ़ासलों को कम कर दो। आ जाओ बाहर मेरी जान, पाँच मिनट कब के हो गए।”

“आ रही हूँ बाबा।“

“जूली यह तो बताओ कि तुमने अपने घर पर क्या कहा? तुमने यहाँ आने के लिए क्या बहाना बनाया?”

जूली हँसती हुई बोली। “मैं घर वालो को दो मिनट में ही पटा लेती हूँ।  मैंने उनसे कहा मेरी फ्रेंड किरन का बर्थडे है। उसने होटल में अपनी बर्थडे पार्टी रखी है, दो महीने बाद उसकी शादी है तो वह अपने सभी फ्रेंडो के साथ अपना बर्थडे मनाना चाहती है। मेरे घर वाले बेचारे बहुत सीधे-साधे हैं, उनसे कुछ भी कहो तुरन्त मेरी बात पर यकीन कर लेते हैं। रात के दस बजे हैं और मैं तुम्हारे साथ हूँ, पता है कितनी बड़ी बात है मेरी जैसी लड़की के लिए बाहर निकलना। अगर मेरे घर पर पता चल गया तो बहुत बड़ा हंगमा हो जायेगा। इसलिए तो यह समय रखा है मैंने यहाँ आने का। इस समय कोई नहीं जानता कि हम कहाँ हैं? मैं एक लड़की हूँ इसलिए मुझे आगे-पीछे का सोचकर चलना पड़ता है। लड़कों का क्या है सब लोग जानते है उनका घर आने का कोई टाइम नहीं होता।“

“सही कह रही हो मैडम, हम लड़कों को छूट मिल ही जाती है। चाहे पूरे दिन बाहर रहें या रात को कितनी भी देर से घर क्यों न आएं हमे कहने वाला कौन है? पर जब लड़की घर से बाहर जाती हैं तो बहुत बड़ी बात होती है। तुम्हारे साहस के लिए तुम्हें इनाम मिलना चाहिए। लड़कियाँ दिन में मिलने से भी घबराती हैं। तुम तो रात को यहाँ आ गयी।“

“मैं अकेली घर से बाहर थोड़े ही आई हूँ, बल्कि मैं अपनी फ्रेंड किरन के साथ आईं हूँ। वो मेरे घर आई फिर हम किसी रेस्टोरेंट में गए। वहाँ सात-आठ फ्रेंड पहले से ही थी। तान्या ने केक काटा। एक घंटे बाद पार्टी खत्म हो गई थी। पार्टी खत्म होते ही किरन मुझे मेरी गली के बाहर छोड़कर चली गई। उसके बाद वह अपने घर चली गई और मैं यहाँ तुम्हारे पास आ गई, मानते हो न मेरे दिमाग को, कैसे सारे काम हो गए?”

“बहुत खूब मेरी जान, अब जल्दी करो मुझसे इंतजार नहीं हो रहा।”

“अच्छा बाबा, तुम कुछ करने दो तब आऊँ, तुमने बातों में लगा रखा है।”

“अच्छा ठीक है पर जल्दी करो।”

बाहर खड़ा व्यक्ति अपने ही ख्यालों में डूब गया और अपने आप से ही बातें करने लगा। आज मेरी सारी ख्वाहिशें पूरी हो जायेगी। रूम में एक ड्राइंग रूम था कमरा काफी बड़ा था। उसने डबलबेड पर रखी ब्लैकडोग की बोतल उठाई। एक पेग तैयार किया। वहीं बेड पर दूसरी तरफ भुने हुए काजू व कबाब रखे हुए थे। एक पैक लेकर उसने कुछ काजू उठाए और खाने लगा। तभी व्यक्ति का फोन बजने लगा। पैंट की जेब में से फोन निकाला। फोन की स्क्रीन पर किसी जॉनी का नंबर शो कर रहा था। व्यक्ति ने फोन उठाया।

“फँस गई कबूतरी तेरे जाल में।“ दूसरी तरफ से जॉनी की आवाज आई।

“कितना समय और लगेगा, अब सब्र नहीं रहा।“

“हर चीज में समय लगता है।“ वह व्यक्ति बहुत धीरे-धीरे बोल रहा था। “हर चीज मेरे बस में नहीं है, वह अभी बाथरूम में तैयार हो रही है।“

“बहुत बढ़िया मेरे शेर, तुमने आखिर शिकार फँसा ही लिया।“

“शिकार नहीं, इसने तुझे कॉलेज में सबके सामने थप्पड़ मारा था। मैं उसी समय इसे सबक सिखाना चाहता था, पर तूने रोक लिया था। तूने ही कहा कि पहले इसे प्यार में फँसा, फिर इसे किसी होटल में ले जाकर इसकी वीडियो बना, और सारे राजनगर में फैला दे।  इसे भी तो पता चले कि जॉनी को थप्पड़ मारने का क्या अंजाम होता है।“ 

जॉनी हँस रहा था। 

“मैं इस जूली की ज़िन्दगी बर्बाद कर दूँगा। मैंने बस इतना तो कहा था कि ‘मैं तुमसे प्यार करता हूँ।’ उसे इंकार करने का पूरा हक था पर सबके सामने मुझे थप्पड़ मारने का कोई हक नहीं था। इसे अपनी खूबसूरती पर बहुत घमंड है ना, आज की रात इसके लिए बहुत बुरी होने वाली है।“

“अरे यार, क्यों परेशान हो रहा है, मैं हूँ ना, तेरे लिए तो में अपनी जान दे सकता हूँ। मैंने रूम में कैमरा लगा दिया है बस एक बटन दबाते ही वीडियो बननी शुरू हो जायेगी, फिर हम इसे ब्लैकमेल करेंगे। हम जूली को कोठे पर बिठा देंगे। यह बस एक वैश्या बनकर रह जाएगी।“

वह व्यक्ति जोर से हँसने लगा। हँसते हुए वह बड़ा भयानक लग रहा था। जैसे कोई पिशाच खून पीने के बाद हँसता है।

“वैसे सारी लड़कियाँ तेरी तरफ बहुत जल्दी आकर्षित हो जाती हैं, क्योंकि तेरे बाप के पास बहुत पैसा है, और तेरी पर्सनैलिटी तेरा स्टेटस लड़कियों को अपनी ओर खींचता है।”

“क्या करूँ यार, मैं किसी को नहीं बताता कि मेरा बाप बहुत पैसे वाला है, यह तो सबको पता चल ही जाता है। चल में फोन रखता हूँ, वह कभी भी बाहर आ सकती है।”

“ठीक है यार, पर मेरी तरफ भी देख लियो।“ जॉनी ने फोन काट दिया।

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किताब लिंक: सूरज पॉकेट बुक्स

लेखक परिचय

जयदेव चावरिया

26 वर्षीय जयदेव चावरिया रेवाड़ी हरियाणा के रहने वाले हैं। उन्होंने बारहवीं तक की शिक्षा प्राप्त की है और फिलहाल अपने बड़े भाई के साथ आईजीएल कंपनी में प्लमबर के पद पर कार्यरत हैं। 

उन्हें बचपन से ही किस्से कहानियों को पढ़ने का शौक रहा है। गीत और कहानियाँ लिखने के बाद अब वह उपन्यास लेखन करने लगे हैं। माय फर्स्ट मर्डर केस उनका पहला उपन्यास है। 

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