संस्करण विवरण:
फॉर्मैट: ई-बुक | प्रकाशक: डायमंड कॉमिक्स | प्लेटफॉर्म: प्रतिलिपि | लेखक: तरुण कुमार वाही | चित्रांकन: मलय फीचर्स | संपादक: गुलशन राय | शृंखला: डायनामाइट
कॉमिक बुक लिंक: प्रतिलिपि
कहानी
महानगर में बढ़ते हुए अपराध ने महानगर के रक्षक डायनामाइट को परेशान करके रख दिया था। दिनों दिनों अपराध बढ़ रहे थे और शहर के नेता और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठे नजर आते थे।
ऐसे में जब चीफ मिनिस्टर के पीए रोड्रिक की हत्या हो गयी तो डायनामाइट के सब्र का बाँध टूट गया। पुलिस की माने तो यह एक लूटपाट की घटना थी जिसका शिकार रोड्रिक हो गए थे लेकिन डायनामाइट इससे सहमत नहीं था।
कहीं तो कुछ दाल में काला था जिसका पता लगाने की डायनामाइट ने ठान ली।
लेकिन फिर जब डायनामाइट वो करने लगा था जिसकी शहर में किसी को उससे उम्मीद नहीं थी सभी के सभी हैरान रह गए। कानून का रखवाला डायनामाइट अब कानून के मुहाफ़िजो को मार रहा था।
लोगों की माने तो डायनामाइट का दिमाग संतुलन हिल गया था।
पी ए रोड्रिक का कत्ल किसने किया था?
क्या डायनामाइट का सोचना सही था?
डायनामाइट द्वारा किये जा रहे कत्लों के पीछे क्या कारण था?
किरदार
डायनामाइट – महानगर का क्राइमफाइटर
नारायण तिवारी – महानगर का चीफमिनिस्टर
श्री सिन्हा – होम मिनिस्टर
श्री गुप्ता और श्री शर्मा – महानगर के कमीशनर
रोड्रिक – मुख्य मंत्री का पीए
गुफरान – डायनामाइट का बाबा
मेरे विचार
भारतीय कॉमिक बुक्स की बात करूँ तो उसमें राज कॉमिक्स ही ऐसा प्रकाशन रहा है जिसके द्वारा प्रकाशित लगभग हर किरदार के इक्का दुक्का कॉमिक बुक मैंने पढ़ें। ऐसे में दूसरे बड़े प्रकाशनों के ऐसे कई किरदार हुए हैं जिन्हे प्रकाशकों द्वारा समय समय पर लाया गया लेकिन फिर वह गायब ही हो गए और पाठक के तौर पर मेरी नजर में न आ सके। ऐसे में प्रतिलिपि पर जब कॉमिक पढ़नी शुरू की है तो ऐसे कई किरदारों से मैं दो चार हो रहा हूँ। शुरुआत में मैंने तुलसी कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कई कॉमिक बुक उधर पढ़े और अब बदलाव के लिए डायमंड कॉमिक्स को उठाया है। डायमंड कॉमिक्स के मैंने चाचा चौधरी, पिंकी बिल्लू इत्यादि के कुछ कॉमिक ही बचपन में ही पढ़ें है। उनके सुपर हीरो वाले कॉमिक्स पढ़ने का मौका मुझे नहीं ही लगा था। इसलिए ऐसे में जब डायनामाइट के कॉमिक्सों पर मेरी नजर पढ़ी तो मैंने इसे पढ़ने का फैसला कर लिया।
डायनामाइट के काफी कॉमिक्स प्रतिलिपि पर मौजूद हैं और उनमें से मैंने सबसे पहले षडयंत्र को पढ़ा। षडयंत्र कहानी है महानगर में बढ़ते हुए अपराध की जिसके बीचों बीच एक ऐसा षडयंत्र रचा जा रहा था जिससे महानगर के लोग वाकिफ भी नहीं थे। यह षडयंत्र क्या था और इससे डायनामाइट कैसे पर्दा उठाता है यही कॉमिक बुक का कथानक बनता है। कॉमिक के बीच डायनामाइट भी ऐसी हरकतें करने लगता है जो उसके स्वभाव के खिलाफ है और यह चीज भी आपको कॉमिक के पृष्ठ पलटते जाने के लिए मजबूर कर देती है।
कॉमिक बुक के केंद्र में डायनामाइट है जिसके विषय में कॉमिक बुक पढ़ने से केवल यही ज्ञात होता है कि वह गुफरान नाम के एक व्यक्ति के साथ रहता है और महानगर शहर में अपराधियों के खिलाफ लड़ता है। जहाँ दूसरे सुपरहीरो अपनी पहचान छुपाकर ये काम करते हैं वहाँ डायनामाइट ये कार्य सबकी जानकारी में रहकर करता है। डायनामाइट कौन है और इस काम को करने की शुरुआत उसने क्यों की इसकी कोई जानकारी कॉमिक बुक से प्राप्त नहीं होती है। वहीं लोग और पुलिस वाले जानते हैं कि वह अपराधियों का खात्मा करता है लेकिन ये सब जानकर भी उसे यह काम क्यों करने दिया जाता है एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब आपको नहीं दिया जाता है। हाँ अंत में अदालत डायनामाइट को इसके लिए चेतावनी जरूर देती है लेकिन वह एक तरह से खानापूर्ति लगता है क्योंकि डायनामाइट को पुलिस ने नहीं पकड़ा था बल्कि वह खुद आत्मसमर्पण करता है।
डायनामाइट के अलावा गुरफान का किरदार भी रुचि जागृत करता है। गुरफान को डायनामाइट बाबा कहता है। गुरफान कौन है? वह करता क्या है? और उसका डायनामाइट से रिश्ता क्या है? यह कुछ ऐसे सवाल है जो कॉमिक पढ़ते हुए आपके दिमाग में आते हैं लेकिन उनका जवाब आपको कॉमिक बुक में मिलता नहीं है। फिलहाल तो कॉमिक पढ़ते हुए आप इतना ही अंदाजा लगा सकते हैं कि गुरफान डायनामाइट का अभिभावक है।
कॉमिक बुक के बाकी किरदार कथानक के अनुरूप ही हैं।
कथानक की खूबी की बात करूँ तो इसमें रहस्य का पुट अंत बना रहता है। पहले हुआ रोड्रिक का कत्ल और फिर बाद में डायनामाइट द्वारा किये गए कार्य आपको ये सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि आखिर ये सब हो क्यों रहा है। कथानक की खामी की बात करूँ तो जब रहस्य खुलता है तो वह काफी बचकाना लगता है। यहाँ इतना कहूँगा कि अगर मेरे जैसे दिखने वाला व्यक्ति मुझसे मिलने आएगा तो उस पर मेरा ज्यादा ध्यान जाएगा। और अगर मैं ऊंचे ओहदे में हूँ तो बाकी लोगों का भी ध्यान जाएगा। वहीं कथानक में चार छोटे अपराधियों का चार महत्वपूर्ण हस्तियों का भेष धारण करके उनके परिवार के साथ जिंदगी बिताते हुए रहने का प्रसंग है जो कि जमता नहीं है। अगर उन्हे यह अदला बदली करते हुए दिखलाया जाता तो शायद कॉमिक ज्यादा रोमांचक बन सकता था। लेकिन अभी लेखक द्वारा ये कह भर देना ऐसी बात हो जाती है जिसे पचाना मुश्किल होता है।
कॉमिक बुक का आर्टवर्क मलय फीचर्स द्वारा किया गया है जो कि ठीक ठाक बना है। हाँ, कॉमिक बुक में डायनामाइट के घर में बने बाथरूम के बाहर बाथरूम क्या सोचकर आर्टिस्ट ने लिखा था ये मैं जरूर जानना चाहूँगा। किसके घर के बाथरूम पर बाथरूम लिखा होता है भाई? वहीं डायनामाइट के माथे में बंधी पट्टी के पीछे का राज भी जरूर जानना चाहूँगा। अगर पट्टी न होती तो शायद कोई फर्क पड़ता नहीं।
कॉमिक के बारे में अंत में यही कहूँगा कि भले ही इसका अंत थोड़ा बचकाना है लेकिन फिर भी एक बार इस कॉमिक को पढ़ सकते हैं। अगर रहस्य पर ज्यादा काम होता तो कॉमिक अच्छा बन सकता था। डायनामाइट नाम के किरदार के विषय में मुझे अभी तक कोई जानकारी नहीं थी लेकिन मुझे किरदार रोचक लगा। अब इसके दूसरे कॉमिक पढ़ना जरूर चाहूँगा।
कॉमिक बुक लिंक: प्रतिलिपि
आज का प्रश्न
राज कॉमिक्स को छोड़कर दूसरे प्रकाशन के कौन से किरदार आपको पसंद आते हैं? उन किरदारों के नाम मुझसे साझा जरूर कीजिएगा।