गलत काम बुरा अंजाम | राज कॉमिक्स | तरुण कुमार वाही

रेटिंग : 2.5/5
कॉमिक्स 14 दिसंबर 2017 को पढ़ी है

संस्करण विवरण:
फॉर्मेट : पेपरबैक
पृष्ठ संख्या : 56
प्रकाशक : राज कॉमिक्स
आईएसबीएन : 9789332412521
लेखक : तरुण कुमार वाही, पेंसिलेर : तौफीक, कलर : सुनील पांडेय,संपादक: मनीष गुप्ता
मूल्य : 30 रूपये

कहते हैं खुदा के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं। शायद ये सच भी है। कहने को तो ये भी कहते हैं कि गलत काम का बुरा नतीजा भी होता है। परन्तु, हमें दुनिया में अक्सर ऐसी चीजें दिखाई देती हैं जिससे हमारा ऊपर लिखी बातों से विश्वास उठ सा जाता है।

लेकिन एक जगह है जहाँ ऊपर लिखी बातें अभी भी सच है। वो है एंथोनी का शहर। एंथनी, जो कि जिंदा मुर्दा है, को एक ही बात अपने शहर के अपराधियों से कहनी है। वो है गलत काम बुरा अंजाम।

अजय थनेजा एक युवक है जिसको जल्द से जल्द पैसे कमाने की इच्छा है। इसके लिए उसे कुछ भी करने से गुरेज नहीं है। चोरी, डाका, ठगी वो हर चीज का उपयोग करके अपनी इस धन पिपासा को शांत करना चाहता है। लेकिन उसे धन चाहिए क्यों?

फिर क्या  उसे मालूम नहीं  कि एंथोनी के शहर का उसूल है ‘बुरा काम गलत अंजाम’?

क्या अजय अपने मकसद में कामयाब हो पायेगा? उसके और एंथोनी के टकराव का क्या नतीजा होगा?

कुछ दिनों से पढने के मामले थोडा अलसा सा गया था। पढने का मन नहीं कर रहा था। अक्सर मैं ५० पृष्ठ रोज पढ़ लेता हूँ लेकिन इन दिनों मुश्किल से दस से बारह पृष्ठ भी नहीं पढ़ पा रहा था। ऐसा होना मेरे लिए कोई नयी बात नहीं है। कभी कभार ऐसा हो जाता है और तब मैं कॉमिक्स की तरफ रुख करता हूँ। एक तो ये हल्का फुल्का मनोरंजन है और दूसरा ये एक ही बैठक में खत्म हो जाती हैं। मेरे पास ये और दूसरी कई कॉमिक्स कई दिनों से पड़ी थी। कुछ को पिछले दिनों पढ़ा था। मौका था और कॉमिक्स भी थी तो सोचा पढ़ ही डालो।

कॉमिक्स  पठनीय है इसमें कोई दो राय नहीं है। खलनायक अजय एक धूर्त व्यक्ति है जो कि लोगों में छिपी अच्छाईयों को अपने फायदे के लिए उपयोग करने से नहीं हिचकता है। अपनी इस धूर्तता से वो कई बार एंथोनी तक को बेवकूफ बना देता है। इससे कहानी में रोचकता रहती है। लेकिन ताकत के मामले में वो जिंदा मुर्दा के सामने कहीं भी नहीं ठहरता और यही इस खलनायक की कमी है। अच्छा खलनायक मेरे हिसाब से वही है जो नायक को नाको चने चबवा दे। ऐसा इधर ताकत के मामले में नहीं दिखता है। खलनायक थोड़ा और ताकतवर होता तो मज़ा आता। वैसे कॉमिक्स अभी भी पठनीय है।

मेरे हिसाब से कहानी ठीक ठाक है, आर्ट वर्क भी अच्छा है। इसे एक बार पढ़ा जा सकता है।
अगर आपने इसे पढ़ा है तो अपनी राय से मुझे जरूर अवगत करवाईयेगा।  आप कमेंट के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं।  अगर आप इस कॉमिक्स को पढना चाहते हैं तो इसे आप निम्न लिंक से मंगवा सकतें हैं :
राज कॉमिक्स
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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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