कहानी: प्रवासी - रांगेय राघव

कहानी: प्रवासी – रांगेय राघव

गोपालन मंदिर का पुजारी था। उसने कोमल को देखा तो वह उसके मन में बस गयी लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। और फिर ऐसा कुछ हुआ कि गोपालन को घर छोड़कर प्रवासी बनना पड़ा। आखिर उसे ऐसा क्यों करना पड़ा? जानने के लिए पढ़ें रांगेय राघव की लिखी यह लम्बी कहानी ‘प्रवासी’।

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कहानी: मंत्र - प्रेमचंद

कहानी: मंत्र – प्रेमचंद

डॉक्टर चड्ढा एक नामी डॉक्टर थे जिनके हर काम का एक समय नियत था। कुछ भी हो जाये वो अपने नियम से न डिगते थे। यही कारण है उन्होंने उस बूढ़े की मदद नहीं की थी और गोल्फ खेलने चले गए थे। पर अब उन्हें मदद की आवश्यकता थी। आगे क्या हुआ ये जानने के लिए पढ़ें प्रेमचंद की कहानी ‘मंत्र’।

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डोबरमैन - प्रवीण कुमार झा

कहानी: डोबरमैन – प्रवीण कुमार झा

प्रवीण कुमार झा नॉर्वे प्रवासी चिकित्सक हैं। कथेतर विधा के इतर उन्होंने गल्प लेखन भी किया है। पढ़ें साहिंद में पहले प्रकाशित हुई उनकी कहानी ‘डोबरमैन’।

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सुकुल की बीबी - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

कहानी: सुकुल की बीबी – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

सुकुल कथावाचक का बहुत पुराना दोस्त था। आज काफी समय बाद उससे मिलने आया था। और साथ में उसकी बीबी। सुकुल की बीबी ने कथावाचक के सामने ऐसा प्रस्ताव रखा कि उसकी हैरत का ठिकाना न रहा। आखिर ऐसा कहा था सुकुल की बीबी ने? सुकुल और उसकी बीबी कथावाचक के पास क्यों आये थे? पढ़ें सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की कहानी ‘सुकुल की बीबी’।

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कहानी: तीन देवता - महवीर प्रसाद द्विवेदी

कहानी: तीन देवता – महावीर प्रसाद द्विवेदी

वररुचि एक ब्राह्मण था जिसकी पत्नी उपकोशा अद्वितीय सुंदरी थी। जब वररुचि को तप के लिए हिमालय पर जाना पड़ा तो उसके वहाँ न होने पर उपकोशा के साथ जो घटना घटी वही वह यहाँ पाठकों को सुना रहा है। पढ़ें महावीर प्रसाद द्विवेदी की यह कहानी ‘तीन देवता’।

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लघु-कथा: दरिंदे - योगेश मित्तल

लघु-कथा: दरिंदे – योगेश मित्तल

‘दरिंदे’ लेखक योगेश मित्तल की लिखी लघु-कथा है। यह रचना ‘अपराध कथाएँ’ नामक पत्रिका के विशेषांक में प्रकाशित हुई थी। आप भी पढ़ें।

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कहानी: कलकत्ते में एक रात - आचार्य चतुरसेन शास्त्री

कहानी: कलकत्ते में एक रात – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

गाँव में रहने वाला कथावाचक जब पहली बार कलकत्ते में पहुँचता है तो उसके साथ क्या होता है ये आचार्य चतुरसेन ने अपनी कहानी ‘कलकत्ते में एक रात’ में बताया है। शहर में नये नये आये लोगों को कैसे ठग अपना शिकार बना देते हैं यह इसमें दर्शाया है। आप भी पढ़ें:

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चंद्रदेव से मेरी बातें - राजेंद्र बाला घोष (बंग महिला)

कहानी: चंद्रदेव से मेरी बातें – राजेंद्र बाला घोष (बंग महिला)

राजेन्द्र बाला घोष बंग महिला के नाम से लेखन किया करती थीं। वह अपने लेखन में समाज पर करारा व्यंग्य करा करती थीं। पढ़ें उनकी लिखी पत्रात्मक शैली में लिखी यह कहानी ‘चंद्रदेव से मेरी बातें’।

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कहानी: पैकेज डील - सुमन बाजपेयी

कहानी: पैकेज डील – सुमन बाजपेयी

मनसा एक पढ़ी लिखी स्वतंत्र ख़यालों की लड़की थी। उसका सोचना था कि शादी एक तरह की पैकेज डील होती है जिसमें हर चीज हर किसी के हिस्से नहीं आती। सुबोध को भी मनसा के साथ ऐसे ही एक डील मिली थी। आखिर क्या थी ये डील? जानने के लिए पढ़ें लेखिका सुमन बाजपेयी की कहानी ‘पैकेज डील’।

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कहानी: अमिट छाप - जयशंकर प्रसाद

कहानी: अमिट छाप – जयशंकर प्रसाद

होली का त्यौहार आ चुका था और गोपाल होली मनाने के लिए उत्कंठित था। उसने मनोहरदास जी को सितार बजाने का अनुरोध किया तो उन्होंने बताया कि होली के दो दिनों में वो न सितार बजाते थे और न होली ही खेलते थे। वह ऐसा क्यों करते थे? जानने के लिए पढ़ें जयशंकर प्रसाद की यह कहानी ‘अमिट छाप’।

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लघुकथा: जी पी टी - शोभित गुप्ता

लघुकथा: जीपीटी – शोभित गुप्ता

आज की दुनिया एआईमय हो चुकी है। एक दौड़ सी लगी है जिसमें मनुष्य ए आई के साथ साथ दौड़ रहा है। इस दौड़ का क्या नतीजा निकलेगा ये तो भविष्य ही तय करेगा। लेकिन ये बात भी सच है कि तकनीक कोई बुरी नहीं होती लेकिन उसका प्रयोग किस तरह किया जा रहा है वह उसे बुरा या अच्छा बनाता है। इसी प्रसांगिक विषय को शोभित गुप्ता ने अपनी इस लघु-कथा में बुना है। आशा है ये लघु-कथा आपको पसंद आएगी।

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कहानी: कुंजी - शिवपूजन सहाय

कहानी: कुंजी – शिवपूजन सहाय

कथावाचक ट्रेन से काशी जा रहा था। उसे लगा था कि उसकी ट्रेन छूट जाएगी लेकिन फिर एक संन्यासी की मदद से वह ट्रेन चढ़ गया। उनके बीच बातचीत शुरु हुई और फिर संन्यासी द्वारा उसे वह कथा सुनाई गयी जिसने उन्हें संन्यासी बनने पर मजबूर कर दिया था। आखिर क्या थी कथा? पढ़ें शिवपूजन सहाय की यह कहानी ‘कुंजी’।

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