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पुस्तक अंश: कायापलट
‘कायापलट’ लेखक अशफाक अहमद का लिखा उपन्यास है। यह डेविड फ्रांसिस शृंखला का पहला उपन्यास है।
पुस्तक अंश: कायापलट Read Moreसाहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
‘कायापलट’ लेखक अशफाक अहमद का लिखा उपन्यास है। यह डेविड फ्रांसिस शृंखला का पहला उपन्यास है।
पुस्तक अंश: कायापलट Read More‘विधवा का पति’ लेखक वेद प्रकाश शर्मा का लिखा उपन्यास है। उपन्यास रवि पॉकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित किया गया है।
पुस्तक टिप्पणी: विधवा का पति – वेद प्रकाश शर्मा Read More‘हाथी के दाँत’ विकास नैनवाल ‘अंजान’ की लिखी लघु-कथा है। अक्सर हमारी कथनी और करनी में फर्क होता है। कहानी इसी बात को रेखांकित करती है। यह प्रथम बार उत्तरांचल पत्रिका के अगस्त 2019 अंक में प्रकाशित हुई थी।
लघु-कथा: हाथी के दाँत – विकास नैनवाल ‘अंजान’ Read Moreप्रेमचंद की कहानी ‘नशा’ दो किशोरों की कहानी है। सामंतवाद के खिलाफ रहने वाला कथावाचक अपने मित्र, जो कि जमींदार घराने से आता है, के गाँव समय बिताने जाता है। वहाँ जो कुछ होता है वही कहानी बनती है। यह मानसरोवर खंड 1 में संकलित है।
कहानी: नशा – प्रेमचंद Read Moreलेखक देवेन्द्र प्रसाद अपने पारलौकिक उपन्यासों के लिए जाने जाते हैं। ‘खौफ… कदमों की आहट’, ‘रहस्यमयी सफर’, ‘कब्रिस्तान की चुड़ैल’, ‘लौट आया नरपिशाच’ इत्यादि उनके द्वारा लिखे गए कुछ उपन्यास हैं। एक बुक जर्नल पर पढ़ें उनकी एक कहानी ‘खूनी चंडालन’।
कहानी: खूनी चंडालन – देवेन्द्र प्रसाद Read Moreनिशांत मौर्य कानपुर के रहने वाले हैं। साहित्य से उन्हें गहरा लगाव है। एक बुक जर्नल पर पढ़िए उनकी कहानी आसक्ति।
कहानी: आसक्ति – निशांत मौर्य Read Moreअशफाक़ अहमद का उपन्यास लिलिथियंस को केंद्र में रखकर लिखा गया है। आखिर कौन थे ये लिलिथियंस? उनका मकसद क्या था?
यह तो आप उपन्यास पढ़कर ही जान पाएँगे लेकिन फिलहाल एक बुक जर्नल पर पढ़िए लिलिथियंस का पहला अध्याय। उम्मीद है यह अंश आपको पसंद आएगा।
शिवपूजन सहाय उपन्यासकार, संपादक और गद्यकार थे। उन्होंने हिंदी और भोजपुरी भाषा में लेखन किया। पढ़ें उनकी कहानी ‘कहानी का प्लॉट’।
कहानी: कहानी का प्लॉट – शिवपूजन सहाय Read Moreदेश के टॉप मिस्ट्री राइटर के रूप में पहचाने जानेवाले सुरेंद्र मोहन पाठक की आत्मकथा का चौथा खंड, पानी केरा बुदबुदा, का प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में भव्य लॉन्च हुआ। साहित्य विमर्श प्रकाशन की ओर से प्रकाशित पानी केरा बुदबुदा के लोकार्पण के अवसर पर विशिष्ट साहित्यकार ममता कालिया के अलावा देश भर से श्री पाठक के प्रशंसक उपस्थित हुए।
लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक की आत्मकथा के चौथे खंड, पानी केरा बुदबुदा, का हुआ लोकार्पण Read Moreसब कुछ कितना खूबसूरत था यहाँ। उनके घर के आगे का बरामदा था जहाँ बेंत की कुर्सी और मोढ़े को लगाकर बैठते हुए शाम गुजारना उसे पसंद था। यह जगह उसकी सबसे प्रिय जगहों में से थी। वो इधर बैठकर घंटों कल्पना के सागर में गोते लगा सकती थी या सामने दिखते दृश्यों को निहार सकती थी।
कहानी: गुंजन – विकास नैनवाल ‘अंजान’ Read More