संस्मरण: अरे यार: अधूरी मुकालात - 1 - योगेश मित्तल

संस्मरण: अरे यार: अधूरी मुकालात – 2 – योगेश मित्तल

योगेश मित्तल अपने लिखे सजीव संस्मरणों के लिए जाने जाते हैं। अपने इस संस्मरण अधूरी मुलाकात में वह एक क्रिकेट खिलाड़ी से हुई अपनी अधूरी मुलाकात का किस्सा बता रहे हैं। पढ़ें संस्मरण का अंतिम भाग:

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संस्मरण: अरे यार: अधूरी मुकालात - 1 - योगेश मित्तल

संस्मरण: अरे यार: अधूरी मुकालात – 1 – योगेश मित्तल

योगेश मित्तल अपने लिखे सजीव संस्मरणों के लिए जाने जाते हैं। अपने इस संस्मरण अधूरी मुलाकात में वह एक क्रिकेट खिलाड़ी से हुई अपनी अधूरी मुलाकात का किस्सा बता रहे हैं। पढ़ें संस्मरण का प्रथम भाग:

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बेआवाज़ लोगों की आवाज़ हैं अब्दुल बिस्मिल्लाह की रचनाएँ

‘उपलक्ष्य 75’ के अवसर पर हुआ अब्दुल बिस्मिल्लाह की संस्मरणों की किताब ‘स्मृतियों की बस्ती’ का लोकार्पण

हिन्दी कथा-संसार में हाशिए की ज़िंदगियों को आवाज़ देने वाले कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह अपने जीवन के 75 वर्ष पूरे कर चुके हैं। उनकी रचनाएँ गाँव-समाज, बोली-बानी और साधारण मनुष्य के संघर्षों का जीवंत दस्तावेज़ रही हैं। इसी रचनात्मक धरोहर का उत्सव मनाने के लिए 19 अगस्त की शाम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (एनेक्स) में राजकमल प्रकाशन ने विशेष कार्यक्रम ‘उपलक्ष्य 75’ का आयोजन किया।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 6

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 5

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 4

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 3

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 2

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 1

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को यह पसंद आएगी।

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भिड़ंत - श्रीराम शर्मा | शिकार साहित्य

भिड़ंत – श्रीराम शर्मा

अगर हिंदी शिकार साहित्य की बात आती है तो पंडित श्रीराम शर्मा का नाम इस श्रेणी में सबसे आगे आएगा। आज एक बुक जर्नल पर पढ़िए उनका यह संस्मरण ‘भिड़ंत’। यह संस्मरण उनकी पुस्तक शिकार में संकलित है।

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पुस्तक समीक्षा: ‘तलाश’: क्या-क्यों-कैसे की प्रश्नाकुल पड़ताल

‘तलाश’ लेखक  विनय प्रकाश तिर्की के 32 लेखों का संग्रह है। तीन खंडों में विभाजित इस पुस्तक में उनके यात्रा संस्मरण, जनजातीय संस्कृति से जुड़े आलेख और ईसाइयत से संबंधित …

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शाम’अ हर रंग में – कृष्ण बलदेव वैद

रेटिंग : 4/5 किताब  25 अगस्त 2016 से 6 अक्टूबर 2016 के बीच पढ़ी गयी संस्करण विवरण: फॉर्मेट : हार्डबैक पृष्ठ संख्या : 291 प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन पहला वाक्य …

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