गोरी | गुरुदेव सिंह रुपाणा | अनु: प्रीतपाल सिंह रुपाणा | राष्ट्रीय पुस्तक न्यास

संस्करण विवरण: फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 59 | प्रकाशक: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास | अनुवादक: प्रीतपाल सिंह रुपाणा | मूल भाषा: पंजाबी पुस्तक लिंक: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास कहानी  मिठ्ठो और …

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एक रात का मेहमान – जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा | नीलम जासूस कार्यालय

संस्करण विवरण फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 136 | प्रकाशक: नीलम जासूस कार्यालय  पुस्तक लिंक: अमेज़न  कहानी  मकसूद अहमद बँटवारे के बाद ही पाकिस्तान चला गया था। वहाँ जाकर वह एक ऊँचा अफसर …

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स्वेच्छा | ओल्गा | आर शांता सुंदरी

संस्करण विवरण फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 138 | प्रकाशक: राष्ट्रीय पुस्तक न्यास | अनुवादिका: आर शांता सुंदरी | मूल भाषा: तेलुगु पुस्तक लिंक: अमेज़न कहानी  अरुणा को लगता है …

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समवाय – नये प्रयोगों का दस्तावेज

 विनय प्रकाश तिर्की, छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ शासकीय अधिकारी हैं। उन्होंने डॉ राकेश शुक्ल के रचना संग्रह ‘समवाय’ पर अपने विचार भेजे हैं। आप भी पढ़िए।  डाॅ. राकेश शुक्ल ने अपनी किताब …

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सुखमय जीवन की तलाश में भटकती स्त्री की कहानी है ‘इंदुमती’ | सेठ गोविंददास | हिंद पॉकेट बुक्स

संस्करण विवरण फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 122 | प्रकाशन: हिन्द पॉकेट बुक्स | प्रथम संस्करण: 1960 पुस्तक लिंक: अमेज़न  कहानी  इंदुमति लखनऊ के प्रसिद्ध वकील अवधबिहारी लाल की इकलौती पुत्री थी। वह एक आधुनिक विचारों की …

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आत्मद्वन्द्व तथा अपने समय को समझने की चेष्टा है ‘समवाय’

सौरभ शर्मा लेखक हैं। उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने डॉ राकेश शुक्ल के रचना संग्रह समवाय पर अपने विचार भेजे हैं। आप भी पढ़िए।  ***** “रात नींद …

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आँखों देखी घटना - गोपाल राम गहमरी

कहानी: आँखों देखी घटना – गोपाल राम गहमरी

1 बात सन् 1893की है, जब मैं बंबई से लौटकर मंडला में पहले-पहल पहुँचा था। वहाँ मेरे उपकारी मित्र पंडित बालमुकुंद पुरोहित तहसीलदार थे। उन्हीं की कृपा से मैं मंडला …

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कहानी: बूढ़ी काकी - प्रेमचंद

कहानी: बूढ़ी काकी – प्रेमचंद

1 बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है। बूढ़ी काकी में जिह्वा-स्वाद के सिवा और कोई चेष्टा शेष न थी और न अपने कष्टों की ओर आकर्षित करने का, …

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कहानी: ग्यारह वर्ष का समय - रामचंद्र शुक्ल

कहानी: ग्यारह वर्ष का समय – रामचंद्र शुक्ल

दिन-भर बैठे-बैठे मेरे सिर में पीड़ा उत्पन्न हुई: मैं अपने स्थान से उठा और अपने एक नए एकांतवासी मित्र के यहाँ मैंने जाना विचारा। जाकर मैंने देखा तो वे ध्यान-मग्न …

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शब्द चित्र: ज्यां जेने

गजानन रैना साहित्यानुरागी हैं। साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखते रहते हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़िए फ्रांसीसी साहित्यकार ज्याँ जेने (Jene Genet) पर …

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