वर्ष 2025 के इफको साहित्य सम्मान और इफको युवा साहित्य सम्मान हुए घोषित
हिंदी साहित्य में ग्रामीण सरोकारों को उभारने के लिए प्रदान किए जाने वाले इफको साहित्य सम्मान और इफको युवा साहित्य सम्मान की घोषणा की जा चुकी है।
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साहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
हिंदी साहित्य में ग्रामीण सरोकारों को उभारने के लिए प्रदान किए जाने वाले इफको साहित्य सम्मान और इफको युवा साहित्य सम्मान की घोषणा की जा चुकी है।
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मि. सिन्हा ‘लाउड स्पीकर’ नामक समाचार पत्र में एक पत्रकार थे। उनके सम्पादक ने उन्हें एक काम सौंपा था। क्या था ये काम? क्या वो ये कार्य कर पाए?
पढ़ें विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ की कहानी ‘पत्रकार’:
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में डाॅ. योगेश धस्माना की पुस्तक ‘उत्तराखंड की विभूतियाँ’ का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। समय साक्ष्य द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में लेखक द्वारा उत्तराखंड की 120 से अधिक विभूतियों की जानकारी दी गयी है।
डॉ. योगेश धस्माना की पुस्तक ‘उत्तराखंड की विभूतियाँ’ का हुआ लोकार्पण Read More
राजकमल प्रकाशन समूह ने बुधवार की शाम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘हिंदी उपन्यास का स्त्री वर्ष : भेंट, पाठ, चर्चा’ का आयोजन किया। यह कार्यक्रम समकालीन हिंदी उपन्यासों में स्त्री-स्वर, स्त्री-अनुभव और रचनात्मक विस्तार को रेखांकित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। इस अवसर पर राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित नौ स्त्री-कथाकारों के उपन्यास लेखकों को भेंट किए गए और उनके चुनिंदा अंशों की पाठ-प्रस्तुतियाँ दी गयीं।
राजकमल ने मनाया हिन्दी उपन्यास का स्त्री वर्ष; नौ स्त्री कथाकारों के उपन्यास एकसाथ हुए प्रकाशित Read More
‘मैं धोबी हूँ’ शिवपूजन सहाय का लिखा व्यंग्य है। यह सर्वप्रथम 1943 ई. को साप्ताहिक ‘समाज’ (काशी) में प्रकाशित हुआ था। आप भी इसे पढ़ें:
व्यंग्य: मैं धोबी हूँ – शिवपूजन सहाय Read More
हरदेव और उसके बेटे भगवानदास के बीच झगड़ा बढ़ता जा रहा था। इन दोनों के झगड़े के बीच हरदेव की पत्नी और भगवानदास की माँ पिसती रहती। वह किसका साथ दे यही उसका धर्मसंकट था। आगे क्या हुआ? जानने के लिए पढ़ें रांगेय राघव की कहानी ‘धर्म संकट’:
कहानी: धर्म संकट – रांगेय राघव Read More
राजकमल प्रकाशन समूह हिंदी उपन्यास का स्त्री-वर्ष मना रहा है। इसके तहत 3 दिसम्बर 2025 को हिंदी की नौ स्त्री-कथाकारों के उपन्यास एकसाथ लोकार्पित किए जाएँगे। यह विशेष आयोजन राष्ट्रीय राजधानी स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में होगा।
राजकमल मना रहा ‘हिंदी उपन्यास का स्त्री वर्ष’; नौ लेखिकाओं के नए उपन्यासों का 3 दिसम्बर को एकसाथ होगा लोकार्पण Read More
यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद एल्यूमिनाई एसोसिएशन द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में सुनील श्रीवास्तव की पुस्तक ‘डॉ. धर्मवीर भारती की शख्सियत और पत्रिकारिता’ पुस्तक का विमोचन हुआ। पढ़ें विस्तृत खबर:
डॉ. भारती की पत्रकारिता आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है: कुलपति Read More
प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गुरु पंडित अमरनाथ द्वारा रचित ‘हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का शब्दकोश’ के हिंदी संस्करण का लोकार्पण बुधवार शाम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर-एनेक्स में हुआ। पढ़ें पूरी खबर:
पंडित अमरनाथ द्वारा रचित ‘हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का शब्दकोश’ का लोकार्पण Read More
पंडित जी पड़ोस में रहने वाले दयाशंकर से परेशान थे। वह उन्हें दुराचारी लगता था। वक्त बेवक्त वह गाने बजाता रहते और नाचने गाने वालियों को भी अपने घर बुलाकर ये काम करवाता था। अपने पड़ोसियों से वह उसकी शिकायत करते रहते थे। आगे क्या हुआ? जानने के लिए पढ़ें सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी यह कहानी ‘दुराचारी’:
कहानी: दुराचारी – सुभद्रा कुमारी चौहान Read More
रागनी और विनय के माध्यम से रंगेय राघव ने शहरों में रहने वाले ऐसे नवयुगलों के जीवन को दर्शा रहे हैं जो कम आय में गुजर बसर करने को मजबूर हैं। विवाह को उन्होंने एक ऐसा कम्बल बताया है जो यात्री के कंधे पर पड़ा रहता है और जैसे जैसे यात्री चलता जाता है वह घिसटते हुए मेला होता जाता है। कहानी पढ़ें:
कहानी: घिसटता कम्बल – रांगेय राघव Read More
ज़मींदार साहब की इच्छा थी कि उनके महल के पास मौजूद झोपड़ी तक अपने महल को बढ़ा लें। उन्होंने अपनी इच्छा भी पूरी कर ली। आगे क्या हुआ? पढ़ें माधवराव सप्रे की कहानी ‘एक टोकरी भर मिट्टी’:
कहानी: एक टोकरी भर मिट्टी – माधवराव सप्रे Read More