4.2. 2025 नई दिल्ली: नई दिल्ली विश्व पुस्तक में लेखक सुकेश श्रीवास्तव की पुस्तक ‘लक्ष्य’ का पुस्तक विमोचन प्रकाशक शब्दगाथा मीडिया पब्लिशर्स प्राइवेट लिमिटेड के स्टॉल पर प्रशंसकों के बीच सम्पन्न हुआ। विमोचन समारोह में लेखक सुकेश श्रीवास्तव अपनी धर्म पत्नी श्रीमती लता श्रीवास्तव, परवेज़ क़ैसर खान (सी ई ओ शब्दगाथा प्रकाशन), आलोक सिंह खालौरी (लेखक), विनोद प्रभाकर (लेखक), विकास नैनवाल (लेखक और अनुवादक) मौजूद रहे।

समारोह में लेखक के साथ बातचीत का सेशन भी रखा गया जिसमें लेखक ने अपनी साहित्यक यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे वह गंभीर और लोकप्रिय दोनों विधाओं में रचनाकर्म करते हैं। उनका पहला उपन्यास मीनार गंभीर कथा वस्तु लिए थे जिसे लोगों द्वारा काफी सराहा गया था। इलाहाबाद का अपने लेखकीय व्यक्तित्व के असर का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि इलाहाबाद में रहने और वहाँ के साहित्यिक माहौल ने उनके लेखन को परिष्कृत किया है।
लेखकीय रूटीन के विषय में बात करते हुए उन्होंने कहा कि लेखन करने का मन उनका बहुत पहले से था लेकिन बैंक की नौकरी में होने के कारण लेखन के लिए समय कम ही मिल पाता था। सेवानिवृत्ति के बाद अब वो लेखन को अपना पूरा समय दे रहे हैं।
लोकप्रिय लेखन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोकप्रिय लेखन में वही साहित्य पाठकों के मर्म को छूता जिसका कोई सामाजिक सरोकार होता है जैसे उनका प्रस्तुत उपन्यास लक्ष्य में देश के उन दुश्मनों को उजागर करने का प्रयास किया गया है जो देश की संप्रभुता के लिए खतरा हैं। उपन्यास में उन्होंने ये भी दर्शाया है कि कैसे एक आम आदमी ऐसे तत्वों से लड़ सकता है। उपन्यास लक्ष्य के विषय में बात करते हुए उन्होंने अपनी संपादक सबा खान की भी तारीफ की कि कैसे मुंबई और वहाँ की भाषा की जानकारी ने उपन्यास में उनके लेखन को और समृद्ध किया है।
शृंखला के मुख्य किरदार संदीप के विषय में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वैसे तो अक्सर जासूसी उपन्यासों में नायक पुलिस वाला या कोई इंवेस्टिगेटर रहता है लेकिन उन्होंने अपना नायक पत्रकार इसलिए चुना क्योंकि वह जनता का प्रतिनिधि जैसा है जो कि जनता के सवाल अपनी पत्रकारिता के माध्यम से रखता है। सरकारी अफसरों से लोग उतना ही बोलते हैं जितना उनसे पूछा जाता है जबकि पत्रकार के सामने वो अधिक खुलकर अपनी बात रख पाते हैं।
बताते चलें लक्ष्य (शृंखला का नाम) शृंखला का उपन्यास है। उपन्यास की पृष्ठ भूमि मुंबई है। यह उपन्यास सुकेश श्रीवास्तव का 9वीं अपराधगल्प है। उपन्यास शब्दगाथा प्रकाशन नवी मुंबई से प्रकाशित हुआ है और ऑनलाइन और नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में प्रकाशक के स्टॉल पर उपलब्ध है।