कहाँ-कहाँ न गये घना’दा - जयदीप शेखर

कहाँ-कहाँ न गये घना’दा – जयदीप शेखर

जयदीप शेखर लेखक और अनुवादक हैं। बांग्ला साहित्य में रुचि रखते हैं। बांग्ला से हिंदी में उन्होंने कई पुस्तकों का अनुवाद किया है। बांग्ला लेखक प्रेमेंद्र मित्र के किरदार घनादा और उसको लेकर लिखी गयी कहानियों का वह इस लेख में पाठक से परिचय करवा रहे हैं। आप भी पढ़ें:

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ये हैं हिंदी में वर्ष 2025 में प्रकाशित हॉरर विधा की कुछ पुस्तकें

वर्ष 2025 में पाठकों को खौफ के नये सफर पर ले जाने आयी हिंदी की ये पुस्तकें; आपने कितनी पढ़ी हैं?

हॉरर कथाएँ मनुष्य को हमेशा से ही आकर्षित करती रही हैं। यह सिहरन पैदा करने वाले किस्से एक तरह का रोमांच पैदा करते हैं और व्यक्ति इसी रोमांच की तलाश में हॉरर विधा की पुस्तकों तक भी जाता है। वर्ष 2025 में हिंदी में भी काफी रचनाएँ हॉरर विधा में प्रकाशित हुई हैं। उनमें से कुछ रचनाओं की सूची हम आपके समक्ष यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं।

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वीरान टापू का खजाना - विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय | जयदीप शेखर

किताब परिचय: वीरान टापू का खजाना | बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय | जयदीप शेखर | साहित्य विमर्श प्रकाशन

‘वीरान टापू का खजाना’ लेखक बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय के उपन्यास ‘हीरा-माणिक ज्वले’ का अनुवाद है। यह एक रोमांच कथा है। उपन्यास का अनुवाद जयदीप शेखर द्वारा किया गया है। पुस्तक साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है। 

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सुंदरवन में सात साल - बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय, भुवनमोहन राय | जयदीप शेखर | साहित्य विमर्श प्रकाशन

पुस्तक टिप्पणी: सुंदरवन में सात साल – बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय, भुवनमोहन राय | जयदीप शेखर | साहित्य विमर्श प्रकाशन

‘सुंदरबन में सात साल’ लेखकद्वय बिभूतिभूषण बंद्योपाध्याय और भुवनमोहन राय का लिखा किशोर उपन्यास है। मूलतः यह उपन्यास बांग्ला भाषा में लिखा गया था। उपन्यास का अनुवाद हिंदी में जयदीप शेखर ने किया है। पढ़ें पुस्तक पर लिखी यह टिप्पणी:

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साक्षात्कार: अनुवादक जयदीप शेखर से एक बातचीत

जयदीप शेखर  खुद को रेखाचित्र, छायाचित्र, शब्दचित्र का एक शौकिया चितेरा कहते हैं लेकिन  उनके पाठक उनको बांग्ला से हिंदी में किए गए उनके अनुवादों के माध्यम से जानते हैं। बांग्ला …

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साहित्य विमर्श प्रकाशन की नवीन पुस्तकें हैं खरीद के लिए तैयार

साहित्य विमर्श प्रकाशन समय समय पर बाल एवं किशोर पाठकों के लिए साहित्य लाता रहा है। हाल ही में प्रकाशन द्वारा इस पाठक वर्ग के लिए दो पुस्तकें रिलीज की गयी …

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किताब परिचय: चाँद का पहाड़

चाँद का पहाड़ लेखक बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय के बांग्ला उपन्यास चांदेर पहाड़ का हिंदी अनुवाद है। उपन्यास का अनुवाद जयदीप शेखर जी द्वारा किया गया है। 1937 में प्रकाशित यह किशोर …

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