अगर दिल को पढ़ना है तो पढ़कर देखिये ‘सफरनामा – कर्मभूमि की जीवनयात्रा’

वरिष्ठ लेखक योगेश मित्तल पिछले पचास वर्ष से लेखन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपना अधिकतर जीवन ट्रेड नामों के लिए लिखते हुए बिताया है पर अब फेसबुक, ब्लॉग, पुस्तकों …

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एक कर्मयोगी के जीवन और जीविका की शानदार दास्ताँ है ‘काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि’

डॉ. अरुण कुकसाल वरिष्ठ समाज विज्ञानी, प्रशिक्षक, लेखक एवं घुमक्कड़ हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़िए लेखक ललित मोहन रयाल की अपनी पिता पर लिखी किताब काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि …

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दुनिया से निराला हूँ, जादूगर मतवाला हूँ: एक किताब, जिसे एकाग्र होकर पढ़ना है मुश्किल

नोट: ओंकार प्रसाद नय्यर (16 जनवरी 1926 – 27 जनवरी 2007), अपने नाम के संक्षिप्त रूप ओ॰ पी॰ नय्यर से लोकप्रिय हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे जो लाहौर में …

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बात निकलेगी तो फिर – सत्या सरन

रेटिंग : ४/५ पुस्तक ३१ अगस्त  से २ सितम्बर के बीच  पढ़ी  गयी संस्करण विवरण : फॉर्मेट : पेपरबैक पृष्ठ संख्या : १६० प्रकाशक : हार्पर हिंदी अनुवादक : प्रभात …

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