बाँकेलाल और शादी का षड्यंत्र | राज कॉमिक्स | तरुण कुमार वाही

बाँकेलाल और शादी का षड्यंत्र | राज कॉमिक्स | तरुण कुमार वाही

‘बाँकेलाल और शादी का षड्यंत्र’ बाँकेलाल श्रृंखला का छठवाँ कॉमिक बुक है। इसकी कहानी तरुण कुमार वाही ने लिखी है और चित्रांकन जितेंद्र बेदी जी द्वारा किया गया है। कॉमिक बुक 1990 में प्रकाशित हुआ था। पढ़ें कॉमिक बुक पर लिखी यह टिप्पणी:

बाँकेलाल और शादी का षड्यंत्र | राज कॉमिक्स | तरुण कुमार वाही Read More
द्वंद - सुधा मूर्ति | प्रभात प्रकाशन | अनु: शोभा आर कावेरी

द्वंद – सुधा मूर्ति | प्रभात प्रकाशन | अनु: शोभा आर कावेरी

‘द्वंद’ सुधा मूर्ति के दो लघु-उपन्यासों का संकलन है। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में संकलित इन लघु-उपन्यासों में केंद्रीय किरदार अपनी पहचान, अपनी जड़ों की तलाश करते दिखता है।

पढ़े पुस्तक पर लिखी यह टिप्पणी:

द्वंद – सुधा मूर्ति | प्रभात प्रकाशन | अनु: शोभा आर कावेरी Read More

रानी नागफनी की कहानी – हरिशंकर परसाई | वाणी प्रकाशन

संस्करण विवरण फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 124 | प्रकाशक: वाणी प्रकाशन  पुस्तक लिंक: अमेज़न  कहानी  राजकुमार अस्तभान और राजकुमारी नागफनी गए तो आत्महत्या करने थे लेकिन एक दूसरे को दिल …

रानी नागफनी की कहानी – हरिशंकर परसाई | वाणी प्रकाशन Read More
समीक्षा: मुकद्दर का धनी | बाँकेलाल | राज कॉमिक्स

समीक्षा: मुकद्दर का धनी | राज कॉमिक्स | राजा | बाँकेलाल

‘मुकद्दर का धनी’ राजा द्वारा लिखा बाँकेलाल का कॉमिक बुक है। यह बाँकेलाल का पाँचवाँ कॉमिक बुक है जो कि राज कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित किया गया था। पढ़ें कॉमिक बुक की समीक्षा:

समीक्षा: मुकद्दर का धनी | राज कॉमिक्स | राजा | बाँकेलाल Read More

सव्यसाची शृंखला के लेखक आकाश पाठक से एक बातचीत

आकाश पाठक उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले से आते हैं। पेशे से कॉमिक बुक लेखक आकाश उपन्यास लेखन में भी सक्रिय हैं। फिलहाल बेंगलुरु में रहते हैं। प्रतिलिपि से लेखन …

सव्यसाची शृंखला के लेखक आकाश पाठक से एक बातचीत Read More
पुस्तक टिप्पणी: वापसी - गुलशन नंदा

वापसी – गुलशन नंदा | श्री डिजिटल प्रकाशन

वापसी गुलशन नंदा का लिखा उपन्यास है जिसे उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। उपन्यास को श्री डिजिटल प्रकाशन द्वारा ई-बुक फॉर्मैट में पुनः मुद्रित किया गया है। पढ़ें पुस्तक पर लिखी यह टिप्पणी:

वापसी – गुलशन नंदा | श्री डिजिटल प्रकाशन Read More
टिप्पणी: तहकीकात 2

तहकीकात 2 | नीलम जासूस कार्यालय

 संस्करण विवरण: फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 160 | प्रकाशन: नीलम जासूस कार्यालय | अंक: तहकीकात 2 पत्रिका लिंक: अमेज़न   तहकीकात नीलम जासूस कार्यालय द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पत्रिका है। मूलतः अपराध साहित्य पर केंद्रित इस पत्रिका में सत्यबोध …

तहकीकात 2 | नीलम जासूस कार्यालय Read More
टिप्पणी: तहकीकात 2

तहकीकात 2: अनजान हत्यारे – अहमद यार खाँ | इश्तियाक खाँ

संस्करण विवरण: फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 26 | प्रकाशन: नीलम जासूस कार्यालय | अंक: तहकीकात 2 पुस्तक लिंक: अमेज़न कहानी मृतक मृत्यु के समय अड़तालीस वर्षीय था। उसके बेटे आशिक अली और उसकी दूसरी पत्नी राहत का कहना …

तहकीकात 2: अनजान हत्यारे – अहमद यार खाँ | इश्तियाक खाँ Read More
टिप्पणी: तहकीकात 2

तहकीकात 2: मेजर अली रजा की डायरी – ओम प्रकाश शर्मा

‘मेजर अली रजा की डायरी’ जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा की उपन्यासिका है। यह उपन्यासिका नीलम जासूस कार्यालय द्वारा प्रकाशित तहकीकात पत्रिका के दूसरे अंक में प्रकाशित हुई थी। पढ़ें रचना पर लिखी यह टिप्पणी:

तहकीकात 2: मेजर अली रजा की डायरी – ओम प्रकाश शर्मा Read More
टिप्पणी: तहकीकात 2

तहकीकात 2: सीढ़ियाँ और जहर – अहमद यार खाँ | इश्तियाक खाँ

संस्करण विवरण: फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 26 | प्रकाशन: नीलम जासूस कार्यालय | अंक: तहकीकात 2 पुस्तक लिंक: अमेज़न कहानी  शहर के दो हिस्सों में उन दिनों दो पतियों की मौत …

तहकीकात 2: सीढ़ियाँ और जहर – अहमद यार खाँ | इश्तियाक खाँ Read More

मेरी जान के दुश्मन – सुरेन्द्र मोहन पाठक | ओम साई टेक बुक्स

संस्करण विवरण: फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 208 | प्रकाशक: ओम साई टेक बुक्स | प्रथम प्रकाशन: 1981 पुस्तक लिंक: अमेज़न | साहित्य विमर्श कहानी चार साल पहले जोगिंदर बतरा …

मेरी जान के दुश्मन – सुरेन्द्र मोहन पाठक | ओम साई टेक बुक्स Read More
पुस्तक टिप्पणी: गोल्डन फाइव के कारनामें - नेहा अरोड़ा | फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन्स

पुस्तक टिप्पणी: गोल्डन फाइव के कारनामें – नेहा अरोड़ा | फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन्स

फ्लाईड्रीम्स प्रकाशन द्वारा प्रकाशित  ‘गोल्डन फाइव के कारनामें’ में नेहा अरोड़ा के दो लघु उपन्यासों को संकलित किया गया है। इसमें विवान, मान्या, हेयांश, किमाया और करनव के कारनामें हैं जो कि आपस में दोस्त हैं। वह खुद को गोल्डन फाइव कहते हैं और उन्हें रहस्यमय मामलों को सुलझाना पसंद है। इस पुस्तक में उनके पहले दो कारनामें ‘खजाने का रहस्य’ और ‘चमकते पत्थर का रहस्य’ को संकलित किया गया हैं। 

पुस्तक टिप्पणी: गोल्डन फाइव के कारनामें – नेहा अरोड़ा | फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन्स Read More