अज्ञानता का आनंद - विनय प्रकाश तिर्की

अज्ञानता का आनंद – विनय प्रकाश तिर्की

अज्ञानता में वैसे तो आनंद है लेकिन कभी कभी इस कारण तगड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। अपने ऐसे ही एक अनुभव को लेखक इस आलेख में साझा कर रहे हैं। आप भी पढ़ें विनय प्रकाश तिर्की का यह संस्मरण ‘अज्ञानता का आनंद’:

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कार गयी खाई में… …और कहानी खत्म - योगेश मित्तल

कार गयी खाई में… …और कहानी खत्म – योगेश मित्तल

दत्त भारती के उपन्यास पाठकों की पसंद रहते थे। योगेश मित्तल भी उनके प्रशंसकों में से एक थे। दत्त भारती असल जीवन में कैसे थे और किस तरह उनके एक उपन्यास की कहानी बनी यह वह इस लेख में बता रहे हैं। आप भी पढ़ें:

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असली केशव पंडित और उसका बेटा - योगेश मित्तल

असली केशव पंडित और उसका बेटा – योगेश मित्तल

केशव पंडित लेखक वेद प्रकाश शर्मा के सबसे मकबूल किरदारों में से एक था। इसकी प्रसिद्धि का अंदाजा ही इस बात से लगाया जा सकता है कि आगे जाकर केशव पंडित की प्रसिद्ध को भुनाने के लिए प्रकाशकों ने इसका ट्रेडनाम के तरह प्रयोग तो किया ही साथ ही केशव पंडित के परिवार वालों के नाम पर भी उपन्यास प्रकाशित किए। पर असली केशव पंडित कौन था? इस पर लेखक योगेश मित्तल यह लेख प्रकाश डालता है। आप भी पढ़ें।

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संस्मरण: अरे यार: अधूरी मुकालात - 1 - योगेश मित्तल

संस्मरण: अरे यार: अधूरी मुकालात – 2 – योगेश मित्तल

योगेश मित्तल अपने लिखे सजीव संस्मरणों के लिए जाने जाते हैं। अपने इस संस्मरण अधूरी मुलाकात में वह एक क्रिकेट खिलाड़ी से हुई अपनी अधूरी मुलाकात का किस्सा बता रहे हैं। पढ़ें संस्मरण का अंतिम भाग:

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संस्मरण: अरे यार: अधूरी मुकालात - 1 - योगेश मित्तल

संस्मरण: अरे यार: अधूरी मुकालात – 1 – योगेश मित्तल

योगेश मित्तल अपने लिखे सजीव संस्मरणों के लिए जाने जाते हैं। अपने इस संस्मरण अधूरी मुलाकात में वह एक क्रिकेट खिलाड़ी से हुई अपनी अधूरी मुलाकात का किस्सा बता रहे हैं। पढ़ें संस्मरण का प्रथम भाग:

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 6

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 4

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 1

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को यह पसंद आएगी।

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पद्म सिंह शर्मा के साथ तीन दिन - प्रेमचंद

पद्म सिंह शर्मा के साथ तीन दिन – प्रेमचंद

पद्म सिंह शर्मा हिंदी के निबंधकार, आलोचक थे। प्रेमचंद के साथ इनके प्रगाढ़ सम्बन्ध थे। 1932 में पद्म सिंह शर्मा देहावसान के पश्चात प्रेमचंद ने यह लेख उनकी याद में लिखा था। आप भी पढ़ें:

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नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में हुआ 'डाॅ धर्मवीर भारती की शख्सियत और पत्रकारिता' पुस्तक का विमोचन

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में हुआ ‘डाॅ धर्मवीर भारती की शख्सियत और पत्रकारिता’ पुस्तक का विमोचन

नई दिल्ली, 10 फरवरी 2025 नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के आखिरी दिन यानी 9 फरवरी 2025 को साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘धर्मवीर भारती की शख्सियत और पत्रकारिता’ …

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में हुआ ‘डाॅ धर्मवीर भारती की शख्सियत और पत्रकारिता’ पुस्तक का विमोचन Read More