रैना उवाच: खरीदी कौड़ियों के मोल

‘खरीदी कौड़ियों के मोल’ एक विरल ढंग का उपन्यास है। नायक दीपंकर के पिता संपन्न किसान थे। उनकी हत्या होने के बाद जमीन हड़पने के लिए दीपंकर और उसकी माँ …

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रैना उवाच: कविता

गजानन रैना जिसके पास कोई रोजगार नहीं, वो प्रापर्टी डीलर का काम कर ले और जो कुछ नहीं लिख सकता, कविता लिख ले।  बुरी दशा है कविता की, आइ सी …

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गजानन रैना

रैना उवाच: दो पसंदीदा कहानियाँ – स्मृतियाँ और तदुपरांत

गजानन रैना साहित्यानुरागी है और साहित्य के अलग अलग पहलुओं  और साहित्यिक कृतियों पर बात करने का उनका अपना अलग अंदाज है। रैना उवाच के नाम से वह यह टिप्पणियाँ …

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