
कहानी: बूढ़ी काकी – प्रेमचंद
1 बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है। बूढ़ी काकी में जिह्वा-स्वाद के सिवा और कोई चेष्टा शेष न थी और न अपने कष्टों की ओर आकर्षित करने का, …
कहानी: बूढ़ी काकी – प्रेमचंद Read Moreसाहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
1 बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है। बूढ़ी काकी में जिह्वा-स्वाद के सिवा और कोई चेष्टा शेष न थी और न अपने कष्टों की ओर आकर्षित करने का, …
कहानी: बूढ़ी काकी – प्रेमचंद Read Moreदिन-भर बैठे-बैठे मेरे सिर में पीड़ा उत्पन्न हुई: मैं अपने स्थान से उठा और अपने एक नए एकांतवासी मित्र के यहाँ मैंने जाना विचारा। जाकर मैंने देखा तो वे ध्यान-मग्न …
कहानी: ग्यारह वर्ष का समय – रामचंद्र शुक्ल Read Moreरामनिहाल अपना बिखरा हुआ सामान बाँधने में लगा था। जँगले से धूप आकर उसके छोटे-से शीशे पर तड़प रही थी। अपना उज्ज्वल आलोक-खंड, वह छोटा-सा दर्पण बुद्ध की सुंदर प्रतिमा …
कहानी: संदेह – जयशंकर प्रसाद Read More‘स्वप्न’ विकास नैनवाल की लिखी एक लघु-कथा है। यह लघु-कथा लेखक के रचना संग्रह ‘एक शाम तथा अन्य रचनाएँ’ से ली गयी है।
लघु-कथा: स्वप्न – विकास नैनवाल ‘अंजान’ Read More‘अँगूठी की खोज’ सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी है। अपने वैवाहिक जीवन से असन्तुष्ट योगेश को एक बार पार्क में एक स्त्रियों का समूह मिल जाता है। उस समूह में मौजूद एक स्त्री वृजांगना की अँगूठी जब खो जाती है तो योगेश उसे उस अँगूठी को ढूँढकर लांकर देने का वादा करता है। अँगूठी की यह खोज जिस थर से इन दोनों किरदारों के जीवन को बदलती है वही कहानी बनती है।
कहानी: अँगूठी की खोज – सुभद्रा कुमारी चौहान Read More1 झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए हैं और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा …
कहानी: कफ़न – प्रेमचंद Read Moreसन् १९१७ का दिसम्बर था। भयानक सर्दी थी। दिल्ली के दरीबे-मुहल्ले की एक तंग गली में एक अँधेरे और गंदे मकान में तीन प्राणी थे। कोठरी के एक कोने में …
कहानी: फंदा – आचार्य चतुरसेन शास्त्री Read Moreकिस तरह न्यायवयस्था में सच के बजाए ताकतवर को तरजीह दी जाती है और कैसे न्याय के रक्षक अपनी सहूलियत के लिए न्याय के साथ खिलवाड़ करते हैं यह सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की कहानी ‘न्याय’ को पढ़कर जाना जा सकता है।
कहानी: न्याय – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Read Moreहीना को लोग उन्मादिनी कहते हैं। ऐसा उसे क्यों कहा जाता है? जानने के लिए पढ़िए सुभद्रा कुमारी चौहान की कहानी ‘उन्मादिनी’
कहानी: उन्मादिनी – सुभद्रा कुमारी चौहान Read Moreआतंक’ एस सी बेदी द्वारा लिखी गई एक लघु-कथा है। यह कथा कश्मीर की पृष्ठभूमि पर लिखी गयी है। स सी बेदी द्वारा लिखी गयी यह लघु-कथा उनके द्वारा लिखे गये रोमांचक उपन्यास ‘नकाब नोचने वाले ‘में प्रकाशित हुई थी।
कहानी: आतंक – एस सी बेदी Read More