डॉ रुखसाना सिद्दीकी की पुस्तक ‘एक प्याली चाय’ का हुआ विमोचन

डॉ रुखसाना सिद्दीकी की पुस्तक एक प्याली चाय का हुआ विमोचन

टीकमगढ़: 16 फरवरी 2025 को टीकमगढ़ के अपूर्व होटल में हुए समारोह में डॉ रुखसाना सिद्दीकी की पुस्तक ‘एक प्याली चाय’ का विमोचन सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ के बेनर तले आयोजित किया गया था। समारोह की अध्यक्षता पूर्व अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा जबलपुर संभाग जबलुपर डाॅ. के.एल जैन (डी.लिट्.) ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व वाणिज्य कर अधिकारी एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामसेवक शक्यवार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कहानीकार श्रीमती शोभा शर्मा (छतरपुर), शायर हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र’ एवं डाॅ.सुनील श्रीवास्तव (प्राचार्य, उत्कृष्ट उ.मा.विद्यालय क्रं.-1 टीकमगढ़) मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कवि राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ द्वारा किया गया।

इस गोष्ठी की शुरूआत सरस्वती पूजन और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। फिर वीरेन्द्र चंसोरिया ने सरस्वती वंदना पढ़ी एवं शायर कारी अखलाक ने नात पढ़ी। अतिथियों द्वारा डाॅ. रूखसाना सिद्दीकी की तीसरी कृति ‘एक प्याली चाय’ कहानी संग्रह का विमोचन किया गया। आर.एस. शाक्यवार,शोभा शर्मा,एवं एन.डी.सोनी द्वारा पुस्तक ‘एक प्याली चाय’ की समीक्षा पढ़ी गयी। कार्यक्रम के सूत्रधार कवि राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बताया कि डाॅ. रूखसाना सिद्दीकी की चार कहानियों का काव्यरूपान्तरण ग्वालियर के आर.एस. शाक्यवार द्वारा किया गया है जो कि साहित्य के क्षेत्र एक नया प्रयोग है। उन्होंने यह कृति अपनी बहन अखतरी बेगम को समिर्पित की है।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे डाॅ. के.एल जैन साहब ने अपने उद्बोधन में कहा , “मनुष्य को ज़िंदगी में ऐसा काम करना चाहिए कि लोग उन्हें पढ़े और सदा उनके कामों को याद करें।”

मुख्य अतिथि आर.एस.शाक्यवार ने कहा , “डाॅ. रुखसाना सिद्दीकी ने अपनी कहानियों के माध्यम से नारी पीड़ा को व्यक्त किया है और उन्हें समाज में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है।”

विशिष्ट अतिथि छतरपुर की श्रीमती शोभा शर्मा ने कहा , “डाॅ.सिद्दीकी की कहानियों मन को छू जाती है उनमें मानवीय संवेदनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति है।”

विशिष्ट अतिथि हाजी जफ़रउल्ला खा ‘ज़फ़र’ ने ग़जलों के माध्यम से अपने विचार प्रकट किये तो वही विशिष्ट अतिथि डाॅ. सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि मैडम डाॅ.सिद्दीकी बहुत कर्मठ एवं लगनशील है उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी अपना लेखन जारी रखा है।

सभी अथितियों को शाल एवं स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया गया। अंत में सभी का आभार श्रीमती रजनी जैन प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर नज़रबाग ने किया।

बताते चलें ‘एक प्याली चाय’ लेखिका रुखसाना सिद्दीकी की तीसरी पुस्तक है जिसमें उनकी 21 कहानियों को संकलित किया गया है। वह लगातार कई पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं।


FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

Author

  • 'एक बुक जर्नल' साहित्य को समर्पित एक वेब पत्रिका है जिसका मकसद साहित्य की सभी विधाओं की रचनाओं का बिना किसी भेद भाव के प्रोत्साहन करना है।
    सन् 2012 से हम यह कार्य निरंतर रूप से कर रहे हैं। यह प्रोत्साहन रचनाओं के ऊपर पाठकीय टिप्पणी प्रकाशित करके, नयी साहित्यिक कृतियों की जानकारी साझा करके, साहित्य से जुड़ी खबरे साझा करके और लेखकों द्वारा भेजी गयी उनकी रचनाओं को प्रकाशित करके किया जाता है। हमारी कोशिश है एक वृहद पाठक वर्ग तक इन जानकारियों को पहुँचाया जाए।
    आप भी साहित्य और लेखन से सम्बंधित लेख, अपनी पुस्तक का अंश और अपनी रचनाएँ हमें भेज कर इस मुहिम में सहयोग दे सकते हैं।
    हमारा पता है: contactekbookjournal@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *