फ्लेमिना | राज कॉमिक्स | जॉली सिन्हा

संस्करण विवरण:

फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 88 | प्रकाशक: राज कॉमिक्स 

टीम 

कथा: जॉली सिन्हा | चित्र: अनुपम सिन्हा | इंकिंग: विनोद कुमार | सुलेख व रंग: सुनील पाण्डेय | संपादक: मनीष गुप्ता

फ्लेमिना | राज कॉमिक्स | जॉली सिन्हा

कहानी 

उसके पास चीजों के आकार को छोटा करने की शक्ति थी। उसके प्रयोग सफल हो चुके थे और वह अब अपने मकसद को पूरा करने के लिए निकल चुका था। 

एक ऐसा मकसद जिसके पूरा होने से धरती विनाश ने विनाश के कागार पर पहुँच जाना था। उसे अपने मकसद को पूरा करने के लिए बस एक ही चीज की जरूरत थी और वह थी फ्लेमिना।

आखिर कौन था ये व्यक्ति?

क्या वो अपने मकसद में कामयाब हो पाया?

वह फ्लेमीना का प्रयोग किस तरह से करना चाहता था?

मेरे विचार

‘फ्लेमिना’ राज कॉमिक्स (Raj Comics) द्वारा प्रकाशित मल्टीस्टारर विशेषांक है। इस कॉमिक बुक की कहानी जॉली सिन्हा (Jolly Sinha) द्वारा लिखी गई है और चित्रांकन अनुपम सिन्हा (Anupam Sinha) द्वारा किया गया है। 

यह एक एक्शन से भरपूर कॉमिक है। कहानी में एक तरफ टीनेज सुपरहीरोज हैं जो कि एक पर्वतारोहण की यात्रा में दारजेलिंग से 80 किलोमीटर दूर मौजूद बर्फीली पहाड़ियों पर जाते हैं। यहाँ उनके साथ एक दुर्घटना होती है जो कि उन्हें ऐसे जीवों से जूझने पर मजबूर कर देते है जिनका निर्माण उच्च तकनीक द्वारा किया गया है। वहीं महानगर में हो रही ब्रह्मांड रक्षक की मीटिंग के लिए जाते नागराज को उस वक्त रुक जाना पड़ता है जब अचानक से एक बस अपना आकार छोटा करने लगती है। बस वालों को तो नागराज बचा देता है लेकिन फिर उसके और ब्रह्मांड रक्षकों के ऊपर गोरू नामक रहस्यमय शख्स का प्रकोप टूट पड़ता है। यह गोरू कौन है? वह जो कर रहा क्यों कर रहा है और ब्रह्मांड रक्षक उससे कैसे जूझते हैं? यह कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिसका उत्तर जानने के लिए आप कॉमिक पढ़ते जाते हैं। वहीं टीनेज सुपर हीरो अपनी मुसीबतों से जूझते रहते हैं और इस दौरान उनमें से एक हीरो गायब हो जाता है। यह कौन हीरो है? इसके गायब होने के पीछे क्या कारण है? यह सब प्रश्न भी आपको कॉमिक के पृष्ठ पलटते चले जाने के लिए मजबूर कर देते हैं। 

कथानक की बात करूँ तो इसमें एक्शन भरपूर है लेकिन कहानी में घुमाव ज्यादा नहीं है। सीधे सादे रूप से कहानी आगे बढ़ती है। हीरों लड़ते हैं और आखिरकार खलनायक पर विजय प्राप्त कर लेते हैं। हाँ, एक मानवीय पहलू कहानी के अंत में दिया गया है जो कि खलनायक के प्रति आपकी सोच बदल देता है। यह चीज यह सोचने पर भी मजबूर कर देती है कि जल कितना जरूरी है और हम उसे कैसे बर्बाद करते हैं। अगर किसी दिन सही में यह चीज हम से छिन गई तो हमारा जो हाल होगा उसके विषय में हमें सोचना चाहिए। 

कथानक में एक्शन तो है ही साथ में इसमें डोगा ध्रुव के बीच के कुछ डायलॉग और साइब्रो और छोटा नागराज के बीच की बातचीत मुझे रोचक लगी। यह बरबस ही आपको मुस्कराने पर विवश कर देते हैं। साइब्रो और छोटा नागराज के विषय में मैं अधिक नहीं जानता हूँ लेकिन अब जानने की कोशिश करूँगा। 

कथानक की कमी की बात करूँ तो इसका अंत मुझे जरा अटपटा लगा। यहाँ इतना ही कहूँगा कि अगर धरती का पानी किसी दिन एक साथ वासपीकृत होकर बारिश बनकर बहने लगे तो धरती पर तबाही मच जाएगी। एक साथ इतने अधिक पानी के गिरने से जो विनाश होगा वो अकल्पनीय है। इस कॉमिक के अंत में ऐसा कुछ होता है लेकिन हमारे हीरोज इस चीज के विषय में सोचते भी नहीं हैं। लेखक भी इस बिन्दु को नज़रन्दाज कर देते हैं। मुझे लगता है उन्होंने नायकों द्वारा कुछ ऐसा करवाना चाहिए था ताकि जल इस तरह से वापस आए कि कोई विनाश न हो।  

वही कॉमिक में लेखक ने रहस्य जरूर शुरुआत में बनाए हैं लेकिन उसे हमारे नायक नहीं सुलझाते हैं। बस वह खुद ब खुद सुलझता चला जाता है। अगर हमारे नायक उस रहस्य को सुलझाते हुए दिखते तो बेहतर होता। 

कॉमिक का नाम फ्लेमिना है और लेखक ने इस शीर्षक को उचित सिद्ध करने की कोशिश की है और वो इसमें थोड़ा सफल भी हुए हैं लेकिन फिर भी इस कथानक के लिए यह थोड़ा कमजोर शीर्षक लगता है। 

कॉमिक के आर्टवर्क की बात करूँ तो आर्टवर्क में नागराज का लुक मुझे थोड़ा खला। इसमें वह काफी उम्रदराज सा दिखता है। इसके अतिरक्त छोटा नागराज जब बर्फ में जाने के लिए गरम कपड़े पहने हुए रहता है तो उसके शरीर के साथ साथ उसका चेहरा भी फूला हुआ सा बनाया गया है जो कि अजीब लगता है। कॉमिक के आगे के हिस्सों में वो सामान्य कपड़ों को दिखता है और उधर उसका चेहरा भी सामान्य है। ऐसे में शुरुआती चित्र अटपटे लगते हैं। 

अंत में यही कहूँगा कि कॉमिक बुक में एक्शन पर ज्यादा फोकस किया गया है। अगर आपको एक के बाद एक एक्शन सीक्वेंस पढ़ने पसंद हैं तो यह कॉमिक आपको पसंद आएगी। अगर आपको घुमावदार कहानियाँ पढ़ना पसंद हैं तो शायद यह निराश करे। हाँ, साइब्रो और छोटे नागराज की जुगलबंदी आपका मनोरंजन अवश्य करेगी। मुझे तो उनके अंश पढ़कर मज़ा आया। मेरी राय में तो कॉमिक बुक एक बार पढ़ी जा सकती है। 

आपकी क्या राय है? बताना न भूलिएगा।


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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर उन्हें लिखना पसंद है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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