कहानी: कुंजी - शिवपूजन सहाय

कहानी: कुंजी – शिवपूजन सहाय

कथावाचक ट्रेन से काशी जा रहा था। उसे लगा था कि उसकी ट्रेन छूट जाएगी लेकिन फिर एक संन्यासी की मदद से वह ट्रेन चढ़ गया। उनके बीच बातचीत शुरु हुई और फिर संन्यासी द्वारा उसे वह कथा सुनाई गयी जिसने उन्हें संन्यासी बनने पर मजबूर कर दिया था। आखिर क्या थी कथा? पढ़ें शिवपूजन सहाय की यह कहानी ‘कुंजी’।

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कहानी: खूनी - आचार्य चतुरसेन शास्त्री

कहानी: खूनी – आचार्य चतुरसेन शास्त्री

‘खूनी’ आचार्य चतुरसेन शास्त्री द्वारा लिखी कहानी है। यह पहली बार ‘प्रताप’ नामक पत्र में प्रकाशित हुई थी। प्रताप में यह कहानी पढ़कर गणेशशंकर विद्यार्थी (प्रताप के संपादक) द्वारा लेखक को एक कार्ड भेजा गया था जिसमें लिखा था कि ये कहानी छापकर प्रताप धन्य हो गया।
कहानी स्वतंत्रता के लिए लड़ी जा रही हिंसक लड़ाई के बजाय अहिंसक लड़ाई की वकालत करती है। आप भी पढ़ें:

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कहानी: नेकी की दीवार - शोभा शर्मा

कहानी: नेकी की दीवार – शोभा शर्मा

लेखिका शोभा शर्मा कई वर्षों से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। कहानी, कविता, संस्मरण जैसी विधाओं में उन्होंने लिखा है। कई पत्रिकाओं में उनकी कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं और रेडियो से भी उनकी कई रचनाएँ प्रसारित होती रही हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़ें लेखिका शोभा शर्मा की कहानी ‘नेकी की दीवार’।

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कहानी: लेखक - प्रेमचंद

कहानी: लेखक – प्रेमचंद

प्रवीण एक लेखक हैं जिन्होंने लेखन पर लगभग अपना सर्वस्व लुटा दिया लेकिन फिर आर्थिक तौर उन्हें कुछ हासिल न हो सका। ऐसे में जब एक शहर के नामी रईस ने उन्हें अपने यहाँ दावत के लिए बुलाया तो उन्हें लगने लगा कि उनका लेखन सफल हुआ है क्योंकि प्रतिष्ठावान लोग उन्हें बुला रहे हैं। उनका सम्मान हो रहा है। पर यह कितना सच था?
आगे जानने के लिए एक बुक जर्नल पर पढ़ें कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी ‘लेखक’।

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हिंदी कहानी | गदल - रांघेय राघव

कहानी: गदल – रांघेय राघव

गदल के लड़के थे, बहुएँ थीं। एक भरा पूरा परिवार लेकिन वो परिवार को छोड़कर अपने से कम उम्र के आदमी के साथ रहने चली गयी थी। आखिर उसने ये फैसला क्यों किया था?
एक बुक जर्नल पर पढ़ें रांगेय राघव की कहानी ‘गदल’।

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कहानी: माता का आँचल - शिवपूजन सहाय

कहानी: माता का आँचल – शिवपूजन सहाय

बचपन में कथावाचक किस तरह की शरारत करते थे और किस तरह कुछ गड़बड़ होने पर माता के आँचल में समा जाते थे यही इस कहानी में लेखक द्वारा दर्शाया गया है। पढ़ें शिवपूजन सहाय द्वारा लिखी कहानी ‘माता का आँचल।’

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लघुकथा: बाबा जी का भोग - प्रेमचंद

लघु-कथा: बाबा जी का भोग – प्रेमचंद

‘बाबा जी का भोग’ प्रेमचंद की लिखी लघुकथा है। मेहनतकश छोटे किसानों की हालत यह लघु-कथा ब्यान करती है और सोचने को काफी कुछ दे जाती है। आप भी पढ़ें:

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कहानी: एक प्याली चाय - डॉ. रुखसाना सिद्दीकी | Hindi Story: Ek Pyali Chai by Dr. Rukhsana Siddiqui

कहानी: एक प्याली चाय – डॉ. रुखसाना सिद्दीकी

‘एक प्याली चाय’ लेखिका डॉ. रुखसाना सिद्दीकी की कहानी है। यह कहानी 2023 में प्रकाशित उनके कहानी संग्रह ‘एक प्याली चाय’ में शामिल थी।

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लघु-कथा: विजया - जयशंकर प्रसाद

लघु-कथा: विजया – जयशंकर प्रसाद

कमल का सब कुछ लुट चुका था। अब उसके पास बचा था तो केवल एक रुपया। उसने इस एक रूपये का क्या किया? पढ़ें जयशंकर प्रसाद की लिखी यह लघु-कथा ‘विजया’।

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कहानी: चूड़ीवाली - जयशंकर प्रसाद

कहानी: चूड़ीवाली – जयशंकर प्रसाद

विलासिनी नगर की प्रसिद्ध नर्तकी की कन्या थी। आजकल वो रोज बाबू विजयकृष्ण, जिन्हें लोग सरकार कहते थे, की अट्टालिका पहुँच जाया करती थी। वह चूड़ीवाली बनकर उनके यहाँ जाती और सरकार की पत्नी को चूड़ियाँ पहनाया करती। वह आख़िरकार ऐसा क्यों कर रही थी? जानने के लिए पढ़ें जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘चूड़ीवाली’।

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बगुला भगत - डॉक्टर अंशु जोशी

कहानी: बगुला भगत – डॉ. अंशु जोशी

सुबह की आपा-धापी से सफलतापूर्वक निबट वह अपनी पसंदीदा मसाला चाय लिये सोफे पर आलथी-पालथी मार कर बैठ चुकी थी। बेटा स्कूल के लिये रवाना हो चुका था। पति महोदय …

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कहानी: नदी का इश्क जिंदा था - दिव्या शर्मा | कहानी संग्रह: कैलंडर पर लटकी तारीखें

कहानी: नदी का इश्क जिंदा था – दिव्या शर्मा

‘नदी का इश्क ज़िंदा था’ लेखिका दिव्या शर्मा की कहानी है। यह कहानी उनके कथा संग्रह ‘कैलंडर पर लटकी तारीखें’ में संकलित है।

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