रैना उवाच: हिंदी साहित्य के वो सितारे जिन्हें भुला देना सही नहीं

हिन्दी साहित्य में अक्सर साहित्यकारों को वह स्थान नहीं मिल पाता है जिसके वह हकदार होते हैं। कई बार उन्हें वह स्थान मिलता भी है तो आगे आने वाली पीढ़ी …

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स्मृति, विस्मृति और कथ्य की पृष्ठभूमि में बजते विषाद के एक सुर की रचना है ‘द अनकन्सोल्ड’

गजानन रैना साहित्यानुरागी है और साहित्य के अलग अलग पहलुओं  और साहित्यिक कृतियों पर बात करने का उनका अपना अलग अंदाज है। रैना उवाच के नाम से वह यह टिप्पणियाँ अपने सोशल मीडिया …

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रैना उवाच: क्लिष्ट दर्शन की एक सहज, सुबोध, प्रगीतात्मक शैली में कही कथा है, ‘सिद्धार्थ’

गजानन रैना साहित्यानुरागी है और साहित्य के अलग अलग पहलुओं  और साहित्यिक कृतियों पर बात करने का उनका अपना अलग अंदाज है। रैना उवाच के नाम से वह यह टिप्पणियाँ अपने सोशल मीडिया …

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एक गलतफहमी से उपजे अकेलेपन की दास्तान है निमाई भट्टाचार्य का उपन्यास गलतफहमी

संस्करण विवरण: फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 134 | प्रकाशक: डायमंड बुक्स | अनुवादक: कुमार नीलभ | मूल भाषा: बांग्ला  पुस्तक लिंक: अमेज़न कहानी  डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद …

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गोन विद द विंड 3: युद्ध की पृष्ठभूमि में रची प्रेम कथा है गोन विद द विंड

 गोन विद द विंड अंग्रेजी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में से एक माना जाता है। 1936 में प्रकाशित हुए इस उपन्यास ने अपने प्रकाशन के तुरन्त बाद ही लोगों के दिल में अपनी …

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गोन विद द विंड 1: एक अलग कालखण्ड की यात्रा है गोन विद द विंड

गोन विद द विंड अंग्रेजी के सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में से एक माना जाता है। 1936 में प्रकाशित हुए इस उपन्यास ने अपने प्रकाशन हुए इस उपन्यास ने अपने प्रकाशन के तुरन्त बाद …

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बोझ | शरतचंद्र चट्टोपाध्याय | उपन्यासिका

संस्करण विवरण: फॉर्मैट: हार्डकवर | प्रकाशन: सत्साहित्य प्रकाशन | पृष्ठ: 25  पुस्तक लिंक: अमेज़न  कहानी  नलिनी सत्येन्द्रकुमार की दूसरी पत्नी थी। नलिनी जब शादी करके घरआई तो उसे मालूम चल गया …

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रैना उवाच: अपनी आधुनिकता में भी अपनी जड़ों से जुड़ी हुईं थीं मन्नू भण्डारी

15 नवंबर 2021 को वरिष्ठ लेखिका मन्नू भण्डारी इस नश्वर संसार से चली गईं। 90 वर्ष का भरपूर जीवन जीने के पश्चात वह एक नवीन यात्रा पर चल पड़ीं। अपने …

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काजल – बिमल मित्र

 संस्करण विवरण:फॉर्मेट: हार्डकवर | पृष्ठ संख्या: 81 | अनुवाद: पुष्पा देवड़ा | मूल भाषा: बांग्ला पुस्तक लिंक: amazon.in | amazon.com  कहानी सुहास रंजन मुखोंपाध्याय कभी पुलिस के बड़े अफसर हुआ करते थे। वह कलकत्ता में अपनी पत्नी काजल के …

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