जीवन सार – प्रेमचंद
‘जीवन सार’ प्रेमचंद का लिखा आत्मकथात्मक लेख है जिसमें वह अपने जीवन की मुख्य घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं। ‘हंस’ पत्रिका के वर्ष 1932 के जनवरी-फरवरी अंक में यह लेख प्रकाशित हुआ था। आप भी पढ़ें:
जीवन सार – प्रेमचंद Read Moreसाहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
‘जीवन सार’ प्रेमचंद का लिखा आत्मकथात्मक लेख है जिसमें वह अपने जीवन की मुख्य घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं। ‘हंस’ पत्रिका के वर्ष 1932 के जनवरी-फरवरी अंक में यह लेख प्रकाशित हुआ था। आप भी पढ़ें:
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29 जनवरी, 2025 (बुधवार) नई दिल्ली/जयपुर। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के पहले व्यक्ति कैलाश सत्यार्थी की आत्मकथा ‘दियासलाई’ का लोकार्पण गुरुवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में होगा। …
कैलाश सत्यार्थी की आत्मकथा ‘दियासलाई’ का लोकार्पण कल Read More
देश के टॉप मिस्ट्री राइटर के रूप में पहचाने जानेवाले सुरेंद्र मोहन पाठक की आत्मकथा का चौथा खंड, पानी केरा बुदबुदा, का प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में भव्य लॉन्च हुआ। साहित्य विमर्श प्रकाशन की ओर से प्रकाशित पानी केरा बुदबुदा के लोकार्पण के अवसर पर विशिष्ट साहित्यकार ममता कालिया के अलावा देश भर से श्री पाठक के प्रशंसक उपस्थित हुए।
लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक की आत्मकथा के चौथे खंड, पानी केरा बुदबुदा, का हुआ लोकार्पण Read More
वरिष्ठ लेखक योगेश मित्तल पिछले पचास वर्ष से लेखन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपना अधिकतर जीवन ट्रेड नामों के लिए लिखते हुए बिताया है पर अब फेसबुक, ब्लॉग, पुस्तकों …
अगर दिल को पढ़ना है तो पढ़कर देखिये ‘सफरनामा – कर्मभूमि की जीवनयात्रा’ Read More
सुरेन्द्र मोहन पाठक आज हिन्दी अपराध साहित्य के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले लेखक हैं। सन 2018 में जब उनकी आत्मकथा का पहला भाग न बैरी न कोई बैगाना प्रकाशित …
न बैरी न कोई बेगाना: कुछ आपबीती, कुछ जगबीती Read More