लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक की आत्मकथा का चौथा खंड, पानी केरा बुदबुदा, का हुआ लोकार्पण

लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक की आत्मकथा के चौथे खंड, पानी केरा बुदबुदा, का हुआ लोकार्पण

देश के टॉप मिस्ट्री राइटर के रूप में पहचाने जानेवाले सुरेंद्र मोहन पाठक की आत्मकथा का चौथा खंड, पानी केरा बुदबुदा, का प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में भव्य लॉन्च हुआ। साहित्य विमर्श प्रकाशन की ओर से प्रकाशित पानी केरा बुदबुदा के लोकार्पण के अवसर पर विशिष्ट साहित्यकार ममता कालिया के अलावा देश भर से श्री पाठक के प्रशंसक उपस्थित हुए।

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अगर दिल को पढ़ना है तो पढ़कर देखिये ‘सफरनामा – कर्मभूमि की जीवनयात्रा’

वरिष्ठ लेखक योगेश मित्तल पिछले पचास वर्ष से लेखन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपना अधिकतर जीवन ट्रेड नामों के लिए लिखते हुए बिताया है पर अब फेसबुक, ब्लॉग, पुस्तकों …

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न बैरी न कोई बेगाना: कुछ आपबीती, कुछ जगबीती

सुरेन्द्र मोहन पाठक आज हिन्दी अपराध साहित्य के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले लेखक हैं। सन 2018 में जब उनकी आत्मकथा का पहला भाग न बैरी न कोई बैगाना प्रकाशित …

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