

साहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
लेखक योगेश मित्तल पहली कविता व कहानी 1964 में ही कलकत्ता के दैनिक समाचार पत्र 'सन्मार्ग' के 'बालजगत' स्तम्भ में छपी! 1969 में दिल्ली आने के पश्चात उनकी रचना जब गर्ग एण्ड कम्पनी की पत्रिका 'गोलगप्पा' में छपी और उसके बाद प्रकाशक ज्ञानेन्द्र प्रताप गर्ग से पहचान होने के पश्चात पॉकेट बुक में लेखन का सिलसिला चल निकला। योगेश मित्तल का अधिकतर लेखन ट्रेड नाम के लिए किया गया है। अपने लेखन की दूसरी पारी में अब अपने नाम से उनकी पुस्तकें प्रकाशित हो रही हैं। प्रेतलेखन, वेद प्रकाश शर्मा: यादें बातें और अनकहे किस्से, शैतान: जुर्म के खिलाड़ी नीलम जासूस कार्यालय से और चांदी की चोंच, लड्डू मास्टर की भैंस, लोमड़ी का दूल्हा, काठ की अम्मा लायंस पब्लिकेशंस से प्रकाशित हुई हैं।