किताब परिचय: लाइफ आजकल – आलोक कुमार



किताब के विषय में:
लाईफ़ आज कल- नये ज़माने की कहानियों का संग्रह है। इसमें प्यार भी है तो तकरार भी, दोस्ती भी है तो लड़ाई भी, विश्वास भी है तो धोखा भी, मिलना है तो बिछड़ना भी। इसकी कहानियों में वो लड़का भी है जो लड़कियों से बात करने में शर्माता है तो मुहल्ले की वो दीदी भी हैं जो समाज से लड़कर अपनी जिंदगी संवारने में लगी हैं। यहाँ दो दोस्त भी हैं जो एक ही लड़की से प्यार कर बैठते हैं तो वो लड़की भी जो दोस्ती में प्यार खोज रही है। एक बेटी है जो बेटा होने का फ़र्ज निभा रही है। इसकी कहानियाँ उन सपनों की भी हैं जो कभी तो पूरे होते हैं और कभी अधूरे ही रह जाते हैं।

किताब से कुछ चुनिन्दा पंक्तियाँ:

जब नजदीकियाँ एकाएक दूरियों में बदल गई हों तो दोबारा नजदीक आना बड़ा कठिन होता है|
कभी-कभी लगता है कि इस दुनिया में खुशियाँ केवल बच्चों की वजह से ही बची हुई हैं, वरना बड़ों ने तो इसे दुखों का समंदर बना रखा है।
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें पहचानने के लिए उनकी शक्ल देखने की जरूरत नहीं होती है। उनकी एक छुअन, एक झलक, साँसों की गरमाहट या दिल की धड़कन ही काफ़ी होती हैं दिमाग़ में उनकी सूरत उभारने के लिए।
कॉलेज में मूड खराब होने पर उसे ठीक करने के दो ही उपाय होते हैं। पहला चाय और दूसरी दारू।
कई बार बातें जो कुछ नहीं कह पाती, खामोशियाँ बड़ी आसानी से वह सब कुछ बयां कर देती हैं।
कॉलेज के पुराने दोस्त से मिलना एक तरह से पुराने दिनों को दोबारा जीने जैसा होता है।
दुनिया में बहुत लोग इस भ्रम को ही प्यार समझ लेते हैं और सारी उम्र इस भ्रम में ही काट लेते हैं।
प्यार की इमारत तो भरोसे  की ईंट पर ईंट रखकर बनाई जाती है। वह इमारत जिसे मैं प्यार समझ रही थी असल में वह एक छलावा था।
जब प्यार मजबूरी में किया गया हो तब उसे भुलाकर आगे बढ़ना शायद ज्यादा आसान होता है।
“Engineering is injurius to wealth
Engineering causes unemployement.
Engineering kills.”
इस सदी में भी आदमी कभी ग़लत नहीं होता है। सारी ग़लती हम औरतों की ही होती है।


किताब आप निम्न लिंक पर जाकर आर्डर कर सकते हैं:

लेखक परिचय:

आलोक कुमार साल 2009 में BIET, झांसी से तो मैकेनिकल इंजिनियर बन कर निकले थे लेकिन उनके किस्से-कहानियों ने अब उन्हें लेखक बना दिया है। ये जिन्दगी के किस्सों को कहानी की शक्ल देकर उसे अपने पाठको तक पहुँचाते हैं। साल 2017 में आई उनकी पहली ही किताब ‘The चिरकुट्स’ ने युवाओं के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की और बेस्ट सेलर बनी। इसके साथ ही वो दुनिया के बेहतरीन लेखकों की किताबों को आम-जन तक पहुँचाने के लिए उनका अनुवाद भी करते हैं। उन्होंने ‘The princess and the goblin’, ‘Journey to the centre of the earth’ और You’re dead without money का हिन्दी अनुवाद भी किया है। वो लिखते ज्यादा हैं और बोलते थोड़ा कम हैं, इसलिए फ़ोन के बदले ईमेल पर आसानी से मिलते हैं।


FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर उन्हें लिखना पसंद है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

View all posts by विकास नैनवाल 'अंजान' →

5 Comments on “किताब परिचय: लाइफ आजकल – आलोक कुमार”

  1. बहुत ही उपयोगी जानकारी दी है विकास जी आपने पुस्तक के विषय में यद्यपि समीक्षा जैसा कुछ नहीं लिखा है । लेकिन हाँ, जो पंक्तियां आपने उद्धृत की हैं इस पुस्तक से, वे सचमुच अनमोल हैं तथा पुस्तक की ओर खींचती हैं ।

    1. जी यह केवल किताब परिचय है। नई किताबों के लिए शुरू किया है। कोई भी व्यक्ति अपनी किताब की जानकारी ब्लॉग के पाठकों के साथ साझा करना चाहता है तो वह मेल पर मुझ यह जानकारी दे सकता है और मैं उसे अपने ब्लॉग पर जगह दे दूँगा। यह पुस्तक के प्रचार के लिए किया गया है।

    2. आभार।
      अच्छा लगा यह जानकर कि आपको पुस्तक की कुछ पंक्तियाँ पसंद आईं

  2. बहुत अच्छी जानकारी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *