एक बुक जर्नल प्रतियोगिता #1- गुरप्रीत सिंह की प्रविष्टि

 

एक बुक जर्नल की  प्रतियोगिता #1 में हमें आपसे एक लेख की दरकार थी।  आज पढ़िए गुरप्रीत सिंह बुट्टर की प्रविष्टि। गुरप्रीत सिंह श्री गंगानगर राजस्थान के रहने वाले हैं। वह शिक्षक हैं और साहित्य के प्रति विशेष अनुराग रखते हैं। वह अपने खाली वक्त में निम्न ब्लॉगस का संचालन भी करते हैं:

स्वामी विवेकानन्द पुस्तकालय- बगीचा
साहित्य देश
युवाम

गुरप्रीत सिंह ने  हमसे उन किताबों की सूची साझा की है जो कि उन्होंने अलग अलग समय पर पढ़ी और जिन्होंने  उन्हें प्रभावित किया। 

आइये पढ़ते हैं उनका लेख:

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विस्तृत पुस्तकों के संसार में असंख्य पुस्तकें पढ़ी हैं। लेकिन जब बात आती है किन्हीं पाँच पुस्तकों के चयन की तो यह मेरे लिए कठिन कार्य है। फिर भी मैंने मेरे द्वारा पढ़ी गयी पुस्तकों में से विभिन्न श्रेणी की पाँच पुस्तकें आपके समक्ष प्रस्तुत करने की एक कोशिश की है। ये पाँच पुस्तकें अलग-अलग समय पर पढ़ी गयी हैं और मुझे इन्होने बहुत प्रभावित किया है। 
1. शिक्षा – स्वामी विवेकानन्द
श्रेणी: शिक्षा
शिक्षा – स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानंद जी के शिक्षा के प्रति विचारों को लेकर लिखी गयी यह पुस्तक बहुत उपयोगी है। इसमें भारतीय शिक्षा प्रणाली पर गहन विचार किया है। शिक्षा का वर्तमान स्वरूप कैसा है, इसके क्या-क्या लाभ और हानि हैं तथा शिक्षा का स्वरूप कैसा होना चाहिए इस विषय पर विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत है।
शिक्षा कैसी होनी चाहिए इस विषय पर विभिन्न संदर्भों के माध्यम से विचार किया गया है। शिक्षा की मनुष्य  को क्या आवश्यकता है, शिक्षा के तत्व, धार्मिक शिक्षा या स्त्री-शिक्षा सभी पर विवेकानन्द जी ने बहुत सारगर्भित बाते कही हैं।
स्वामी जी कहते हैं की वर्तमान हमारी शिक्षा हमें बौद्धिक दृष्टि से सक्षम बना रही है लेकिन हृदय के स्तर पर हम शून्य होते जा रहे हैं। 
हमें तो ऐसी शिक्षा चाहिये कि जिससे चरित्रगठन हो, मानसिक वीर्य बढ़े, बुद्धि का विकास हो और उससे मनुष्य अपने पैरों पर खड़ा हो सके। 
प्रस्तुत किताब में बच्चों की शिक्षा, स्त्री वर्ग की शिक्षा, धार्मिक शिक्षा, सामूहिक शिक्षा आदि पर महत्वपूर्ण और पठनीय सामग्री है।
यह किताब हमारे विचारों को परिपक्व करती है और एक नयी दृष्टि देती है। 
किताब आप निम्न लिंक पर जाकर खरीद सकते हैं:
2. हास्पिटल से जिंदा कैसे लौटे- डाॅ. बिस्वरूप राय चौधरी
श्रेणी:चिकित्सा
हॉस्पिटल से जिंदा कैसे लौटें – डॉ. बिस्वरूप राय चौधरी 
इस पुस्तक का दूसरा नाम ‘हार्ट माफिया’ है और यह पुस्तक ‌मेडिकल क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार को रेखांकित ही नहीं करती बल्कि उसे बेनकाब भी करती है।
हम डॉक्टर को भगवान मानते हैं लेकिन जब यह भगवान ही शैतान बन जाये तो मनुष्य विश्वास किस पर करे। 
किताब में विभिन्न रोगों और उनके और उनकी वास्तविक चिकित्सा का वर्णन है लेकिन डॉक्टर उसी तरीके से इलाज करते हैं जिनसे उन्हें लाभ होता है। 
एक उदाहरण देखें- हार्ट का ऑपरेशन दो तरह से होता है लेकिन डाक्टर जिस तरीके से आप्रेशन करते हैं उसमें मनुष्य के बचने की संभावना कम होती है लेकिन डाक्टर फिर भी उसी तरीके से इलाज करते हैं, कारण…क्योंकि वह तरीका कमाई का माध्यम है।
हार्ट सर्जरी में प्रयुक्त होने वाल रिंग जिसकी कीमत मात्र दस हजार है वही डाक्टर उसकी कीमत एक लाख रूपया वसूल करते हैं। 
आमिर खान द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘सत्यमेव जयते’ में भी एक डाक्टर ने चिकित्सा क्षेत्र में फैले इस भ्रष्टाचार को बताया था। 
लेखक डाॅ. बिस्वरूप राय चौधरी ने अपने जीवन के उदाहरण भी दिये हैं और साथ में बहुत सी प्रामाणिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है।
किताब निम्न लिंक से मँगवाई जा सकती है:
3. वरूणपुत्री- नरेन्द्र कोहली
श्रेणी: साहित्य
वरुण पुत्री – नरेंद्र कोहली

नरेन्द्र कोहली प्राचीन आख्यानों को नवीन रूप देने के लिए जाने जाते हैं। वह प्राचीन आख्यानों को नवीन रूप तो देते है लेकिन उसकी मौलिकता के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करते।
वरूणपुत्री चाहे एक काल्पनिक आख्यान है लेकिन यह हमारी सभ्यता और संस्कृति को पुनर्जीवित करने का एक छोटा सा प्रयास भी है।
यह कहानी है विक्रम नामक एक युवक की। जो वरुणपुत्री के साथ समुद्र और द्वारका (श्री कृष्ण जी की जलमग्न नगरी) का भ्रमण करता है।  वहाँ वरुणपुत्री उसे इतिहास और पौराणिक तथ्यों से अवगत करवाती है। आज हम भौतिकता और विज्ञान के चक्कर में अपने मूल, सभ्यता और संस्कृति से परे होते जा रहे हैं। वहीं वरूणपुत्री हमें विक्रम के माध्यम से यह अवगत करवाती है की विज्ञान से परे भी बहुत कुछ है जिसे समझना अभी बाकी है। वह हमें अपनी संस्कृति के ऐसे गूढ़ रहस्यों से परिचित करवाती है जो एक बार तो मात्र काल्पनिक बात लगती है लेकिन गहन चिंतन के पश्चात पता चलता है कि यह संभव है।
भारतीय सभ्यता और संस्कृति का रोचक और तथ्यात्मक ढंग से प्रस्तुत करती यह पुस्तक महत्वपूर्ण और पठनीय रचना है। इतिहास, पौराणिक, कल्पन और फैटेंसी का अद्भुत संगम इस रचना में प्रशंसनीय है।
किताब आप निम्न लिंक से खरीद सकते हैं:
किंडल | पेपरबैक

4. हिमालय सीरीज- बसंत कश्यप
श्रेणी: लोकप्रिय जासूसी साहित्य

हिमालय श्रृंखला के दो उपन्यास डंके की चोट और हिमालय की चीख के साथ गुरप्रीत सिंह 
लोकप्रिय जासूसी साहित्य में असंख्य उपन्यास लिखे गयें हैं। उनमें से किसी एक पुस्तक का चयन मेरे किए कठिन कर्म था। फिर भी मैंने जिस पुस्तक का चयन किया है वह एक ऋंखलाबद्ध रचना है जिसके कुल चार भाग हैं।
चार भागों में विस्तृत एक रचना में हाॅरर, हास्य, जासूसी और तिलिस्म आदि का समानुपाती विवरण मिलेगा। 
कहानी एक खजाने से संबंधित है। कुछ विदेशी लोग हिमालय के गर्भ में सुरक्षित उस खजाने को लूटना चाहते हैं लेकिन हिमालय में तपस्यारत एक साधू परिवार और मौत की घाटी में एक शैतान आत्मा वहाँ किसी को पहुँचने नहीं देती। फिर आरम्भ होता एक खतरनाक खेल।
प्रथम उपन्यास जहाँ भूत-प्रेतों और आलौकिक घटनाओं पर आधारित है वही इसका द्वितीय भाग जासूसी और तिलस्मी पर आधारित है।
लोकप्रिय जासूसी साहित्य के पाठकों के लिए यह उपन्यास एक कीमती खजाने से कम नहीं।
इस शृंखला की किताबों के नाम
1. हिमालय की चीख
2. डंके की चोट
3. तिरंगा तेरे हिमालय का
4. द लीजैण्ड ऑफ़ भारता
5.  कैरियर की राह पर चलना जरा संभल कर – रिजवान एजाज़ी 
श्रेणी: प्रेरणादायक
प्रकाशक-hillview publication pvt. ltd.
करिअर की रात पर – रिज़वान एजाज़ी 
कैरियर को लेकर लिखी गयी मार्गदर्शन और प्रेरणात्मक किताबों से यह किताब बहुत अलग हटकर है। 
लेखक लिखता है कि ‘अगर आप करोड़पति की संतान नहीं हैं तो ये किताब पढ़ें और अगर आप करोड़पति की संतान हैं तो ये किताब जरूर पढ़ें’
आखिर इस बात को लिखने का कारण क्या है?
यह पुस्तक कैरियर से संबंधित है और आप यहाँ कैरियर का अर्थ संक्षिप्त न लें। आप चाहे कृषि, व्यापार, विद्यार्थी, सूचना तंत्र IT, सरकारी-गैर सरकारी या फिर किसी भी कार्य में लगे हैं तो यह पुस्तक आपको सरल भाषा में सिखाती है कि अपने कार्य को कैसे आगे ले जाया जाये। अगर आप करोड़पति की संतान नहीं है तो यह पुस्तक हमें सिखाती है कि हम करोड़पति कैसे बन सकते हैं और करोड़पति की संतान हैं तो उस धन को कैसे संवर्धित करें
यह पुस्तक अंग्रेजी लेखकों की तरह मात्र प्रबंधन के सूत्र नहीं सिखाती ये हमे अपने कार्य के अतिरिक्त परिवार,समाज,संस्कृति और सभ्यता भी सीखाती है।
ये पुस्तक प्रत्येक वर्ग हेतु उपयोगी है। जो हमें अपनी सरल, व्यावहारिक शब्दावली में जीवन के उपयोगी सूत्र बताती है। अर्थ कमाना, कमाने के तरीके, बचत के तरीके और सबसे बड़ी बात उसके उपयोग के तरीके।
ये पुस्तक हमें हमारे कमाये धन का मानवीय उपयोग करना भी सीखाती है और धन और परिवार में समन्वय रखना भी सीखाती  है।
  
अगर आप प्रेरणादायक किताबें पसंद करते हैं तो यह पुस्तक आप अवश्य पढे। इसके अतिरिक्त रिजवान एजाजी की एक अन्य पुस्तक ‘जिंदगी जीने का अंदाज’ पढने की भी सलाह दूंगा। 
गुरप्रीत सिंह
श्री गंगानगर, राजस्थान
Email- sahityadesh@gmail.com
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तो यह था प्रतियोगिता के लिए गुरप्रीत सिंह का लेख। लेख आपको कैसा लगा यह हमें जरूर बताईयेगा। क्या आपने इन पुस्तकों को पढ़ा है? अगर हाँ, तो अपने विचारों से हमें जरूर अवगत करवाईयेगा।  

अगर आप भी प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हैं तो आप भी हमें अपना लेख निम्न ई मेल पते पर ई मेल कर दीजिये:

contactekbookjournal@gmail.com

लेख भेजने से पहले प्रतियोगिता में आपको किस तरह का लेख भेजना है इसकी जानकारी आप निम्न लिंक पर जाकर एक बार अवश्य पढ़िएगा :
एक बुक जर्नल प्रतियोगिता #1

आपके लेखों का हमें इन्तजार रहेगा। याद रखें लेख भेजने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2020 है।

प्रतियोगिता में शामिल सभी प्रविष्टियाँ आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
एक बुक जर्नल – प्रतियोगिता #1

© विकास नैनवाल ‘अंजान’


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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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6 Comments on “एक बुक जर्नल प्रतियोगिता #1- गुरप्रीत सिंह की प्रविष्टि”

    1. जी आभार। हो सके तो आप भी कुछ लिख भेजिए।

    2. अफसोस लेकिन मैने अब तक उतनी किताबे पढ़ी नही है। जो पढ़ी है वह सब लोकप्रिय लेखको की है।

      भविष्य जरूर कोशिश करूँगा।

  1. शानदार लेखन । कुछ नया सिखने को प्राप्त हुआ

    1. लेख आपको पसंद आया यह जानकर अच्छा लगा।

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