निबंध: सरस्वती का प्रकाशन - राहुल सांकृत्यायन

निबंध: सरस्वती का प्रकाशन – राहुल सांकृत्यायन

‘सरस्वती’ महावीर प्रसाद द्विवेदी के सम्पादन में प्रकाशित होने वाली पत्रिका थी। यह हिंदी की पहली मासिक पत्रिका थी। हिंदी के प्रचार प्रसार में इस पत्रिका और महावीर प्रसाद द्विवेदी का क्या योगदान था और कैसे इस पत्रिका ने राहुल सांकृत्यायन को प्रभावित किया यह वह इस निबंध में बताते हैं। आप भी पढ़िए:

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यात्रा वृत्तांत: जर्मनी की सैर - राहुल सांकृत्यायन

यात्रा वृत्तांत: जर्मनी की सैर – राहुल सांकृत्यायन

पेरिस की यात्रा के बाद राहुल सांकृत्यायान जर्मनी गए थे। ‘जर्मनी की सैर’ में वह अपने जर्मनी में बिताए दिनों और वहाँ हुए अनुभवों के विषय में बता रहे हैं। आप भी पढ़ें:

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यात्रा वृत्तांत: पेरिस में

यात्रा वृत्तांत: पेरिस में – राहुल सांकृत्यायन

वर्ष 1932 में राहुल सांकृत्यायन ने 14 से 26 नवम्बर के बीच के 14 दिन पैरिस में बिताए थे। ‘पेरिस में’ में उनके इन्हीं दिनों का वृत्तांत है। आप भी पढ़ें:

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यात्रा वृत्तांत: तिब्बत में प्रवेश - राहुल सांकृत्यायन

यात्रा वृत्तांत: तिब्बत में प्रवेश – राहुल सांकृत्यायन

‘तिब्बत में प्रवेश’ राहुल सांकृत्यायन का लिखा यात्रा वृत्तांत है। इस वृत्तांत में वह तिब्बत में तीसरी बार प्रवेश करने का अनुभव पाठकों से साझा कर रहे हैं। 21 अप्रैल से 6 मई के बीच की गयी यात्रा के विषय में वह बता रहे हैं। आप भी पढ़ें।

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यात्रा वृत्तांत: ल्हासा की ओर - राहुल सांकृत्यायन

यात्रा वृत्तांत: ल्हासा की ओर – राहुल सांकृत्यायन

वह नेपाल से तिब्बत जाने का मुख्य रास्ता है। फरी-कलिङ्पोङ् का रास्ता जब नहीं खुला था, तो नेपाल ही नहीं हिंदुस्तान की भी चीज़ें इसी रास्ते तिब्बत जाया करती थीं। यह व्यापारिक ही नहीं सैनिक रास्ता भी था, इसीलिए जगह-जगह फ़ौजी चौकियाँ और क़िले बने हुए हैं, जिनमें कभी चीनी पलटन रहा करती थी। आजकल बहुत से फ़ौजी मकान गिर चुके हैं।

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