फ्रेंडी 2

कॉमिक 29 फरवरी 2020 को पढ़ा गया

संस्करण विवरण:
फॉर्मेट: पेपरबैक 
पृष्ठ संख्या: 30
प्रकाशक: राज कॉमिक्स 
श्रृंखला: फ्रेंडी #2
फ्रेंडी 2
फ्रेंडी 2  
कहानी:
रंजना गुहा ने जब इंस्पेक्टर सुनील को उस शैतानी गुड्डे के विषय में बताया था तो उसने रंजना के कथन को एक पागल माँ का प्रलाप माना था। लेकिन जब उस गुड्डे ने सुनील पर हमला किया तो उसे रंजना की बात का यकीन करना ही पड़ा। सुनील ने गुड्डे पर गोली चलाकर समझा था कि वह खत्म हो जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 
वह गुड्डा जिंदा था और गायब था। सुनील ने फैसला कर लिया था कि जैसे भी हो उसे इस गुड्डे के शैतानी खेल को खत्म करना था। 
वहीं रंजना गुहा को जब सुनील ने दुत्कार दिया तो उसने इस मामले की खुद तहकीकात करने की ठानी। इसी तफ्तीश में उसे जग्गा का नाम पता चला और रंजना जग्गा के विषय में ज्यादा जानकारी हासिल करने का फैसला कर लिया। 
शैतान गुड्डे जैकी उर्फ़ जग्गा को जब सुनील की गोलियाँ लगी तो उसे यह देख हैरानी हुई कि उसके शरीर से रक्त निकला था। जग्गा खुद को जैकी के शरीर में अब तक सुरक्षित महसूस कर रहा था लेकिन अब उसने समझ लिया था कि उसे जल्द से जल्द कुछ करना होगा।
क्या सुनील शैतानी गुड्डे का खेल खत्म कर पाया?
क्या रंजना गुहा इस मामले के तह तक पहुँच पाई? अपनी तहकीकात के दौरान उसे किन किन बातों का पता लगा?
आखिर शैतान गुड्डे जैकी का अगला कदम क्या होने वाला था?
मेरे विचार:
फ्रेंडी 2 फ्रेंडी श्रृंखला का दूसरा कॉमिक बुक है। इस कॉमिक बुक की कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ से फ्रेंडी के पहले भाग की कहानी खत्म होती है। कॉमिक की अच्छी बात यह है कि शुरुआत के दो तीन पृष्ठों में फ्रेंडी भाग एक में क्या हुआ था इसका संक्षिप्त वर्णन मिल जाता है और पाठक ने यदि फ्रेंडी का पहला भाग नहीं भी पढ़ा है तब भी उसे इसका अंदाजा तो हो जाता है कि उसमें मुख्य क्या क्या बातें घटित हुई होंगी। 
कॉमिक की शुरुआत में ही हम देखते हैं कि रंजना और सुनील अब एक साथ शैतान गुड्डे फ्रेंडी से लड़ने के लिए कमर कस चुके हैं। जग्गा के घर जाने से उन्हें आगे के सबूत मिलते हैं जिसके कारण वे अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ पाते हैं। 
वहीं जैकी की कहानी में एंट्री भी खतरनाक ढंग से होती है और कहानी में आते ही वह एक खून कर देता है। इससे पाठक को अंदाजा हो जाता है कि वह किस शैतानी शक्ति के मालिक के विषय में पढ़ रहा है। जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है पाठक को जैकी की क्रूरता के काफी कारनामें देखने को मिलते हैं। इस कहानी में जैकी का एक मकसद होता है जिसके चलते कथानक में एक तरह का रोमांच का तत्व आ जाता है। पाठक यह जानने को आतुर रहता है कि क्या जैकी अपने मकसद को पा लेगा? अगर हाँ तो कैसे? अगर नहीं तो हमारे मुख्य किरदार उससे कैसे टकराएंगे?
पहले भाग में विशु, जो कि रंजना गुहा का लड़का है, कहानी का केंद्र था। इस भाग में भी कहानी शुरू तो इंस्पेक्टर सुनील और रंजना से होती है लेकिन फिर विशु पर केन्द्रित हो जाती है। विशु समझदार है और जो मुसीबतों का पहाड़ उस पर टूटता है वह उससे कैसे बचता है यह देखना रोचक रहता है। 
कॉमिक की कहानी तेज रफ्तार है और रोमांच बनाये रखती है। कॉमिक का आर्टवर्क क्लासिक राज वाला है। चित्रांकन मुझे पसंद आया।
फ्रेंडी के पहले भाग में जासूस विकास शर्मा नाम का एक किरदार था जिसको लेकर मुझे लगा था कि उसे ढंग से  इस्तेमाल नहीं किया गया था लेकिन इस भाग में विकास दोबारा आता है और उसका आना काफी महत्वपूर्ण समय में होता है। इसके आलावा कथानक का अंत जिस बिंदु पर होता है उससे यह बात तो साफ हो जाती है कि विकास आगे के भागों में काफी महत्वपूर्ण भाग निभाने वाला है। 
कॉमिक का अंत भी अच्छा है। लगता है जैसे कहानी निपट गयी है लेकिन चूँकि आप जानते हैं कि इस श्रृंखला के आगे काफी भाग हैं तो आप यह जानने को आतुर तो हो जाते हैं कि कहानी आगे क्या मोड़ लेंगी? 
कॉमिक बुक की एक नोट करने लायक बात मुझे यह भी लगी कि इसमें लेखक और चित्रांकन करने वालों के नाम नहीं दिए हैं। ऐसा मैंने पहली बार देखा।
मुझे यह कॉमिक काफी पसंद आया। शुरू से अंत तक कॉमिक ने मेरा मनोरंजन किया। अगला भाग मेरे पास है तो मैं तो उसे जल्द ही पढूँगा।
क्या आपने इस कॉमिक को पढ़ा है? आपको यह कैसा लगा था?
रेटिंग: 4.5/5
पाठकों के लिए कुछ प्रश्न:
प्रश्न 1: क्या आपको तन्त्र मन्त्र में  विश्वास है? 
प्रश्न 2: शैतानी गुड्डे की धारणा कई फिल्मों, उपन्यासों,धारावाहिकों और कॉमिक बुक्स में भी इस्तेमाल की गयी हैं? क्या आपने ऐसी कृतियाँ देखी या पढ़ी हैं? क्या उनके नाम बता सकते हैं?
फ्रेंडी श्रृंखला के दूसरे कॉमिक के प्रति मेरी राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
राज कॉमिक द्वारा प्रकाशित दूसरे कॉमिक बुक के प्रति मेरी राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
मैं अक्सर हॉरर कृतियाँ पढ़ता रहता हूँ। दूसरी हॉरर कृतियों के प्रति मेरी राय आप निम्न लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं:
© विकास नैनवाल ‘अंजान’

FTC Disclosure: इस पोस्ट में एफिलिएट लिंक्स मौजूद हैं। अगर आप इन लिंक्स के माध्यम से खरीददारी करते हैं तो एक बुक जर्नल को उसके एवज में छोटा सा कमीशन मिलता है। आपको इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ेगा। ये पैसा साइट के रखरखाव में काम आता है। This post may contain affiliate links. If you buy from these links Ek Book Journal receives a small percentage of your purchase as a commission. You are not charged extra for your purchase. This money is used in maintainence of the website.

About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर उन्हें लिखना पसंद है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

View all posts by विकास नैनवाल 'अंजान' →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *