द थर्टीन्थ वार्निंग – आर एल स्टाइन

 संस्करण विवरण

फॉर्मैट: ई-बुक | पृष्ठ संख्या: 77 | प्रकाशक: टू लायन्स | भाषा: अंग्रेजी

पुस्तक लिंक: अमेज़न

The 13th Warning - R L Stine

कहानी

जोसफ ऐसे अभिभावकों का तेहरवा बच्चा था जो कि खुद अपने अभिभावकों के तेहरवें बच्चे थे। बाकी व्यक्तियों के लिए भले ही ‘तेरह’ एक अशुभ संख्या हो लेकिन जोसेफ के लिए वह एक शुभ संख्या थी। वह जो भी कुछ करता उसमें किस्मत उसका इतना साथ देती प्रतीत होती थी कि उसके जानने वाले उसे लक्की कहा करता था। 

लेकिन आजकल जोसफ चिंतित चल रहा था और उसकी चिंता का कारण वह दो लोग थे जो कुछ दिनों पहले उससे मिलने आए थे। उनके अनुसार उसकी अच्छी किस्मत अब धीरे-धीरे उसका साथ छोड़ने वाली थी और अगर वह अपने तेहरवें जन्मदिन से पहले तेरह की संख्या में तेरह चीजों को पाएगा तो एक ऐसी बुरी शक्ति उस पर अपना प्रकोप डालेगी जिसके चंगुल से वह बच नहीं पाएगा। 

आखिर ये दो लोग कौन थे?

क्या लक्की का भाग्य सही में उसका साथ छोड़ने वाला था?

क्या उसे तेरह तेरह मिले? 

  

मेरे विचार

आर एल स्टाइन द्वारा लिखी किसी रचना को पढ़े हुए मुझे काफी समय हो गया था तो जब मुझे किन्डल पर यह लघु-उपन्यास दिखा तो मैंने इसे पढ़ने का मन बना लिया। उपन्यास के विषय में उसे पढ़ने से पहले मुझे केवल यही एक चीज पता थी कि यह आर एल स्टाइन द्वारा लिखा गया है और बिना किसी अपेक्षा के मैंने इसे पढ़ना शुरू किया था। 

अंधविश्वास हम मनुष्यों के जीवन में हमेशा से रहे हैं। हम लोग भले ही दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहते हो लेकिन वहाँ भी लोगों में किसी न किसी प्रकार के अंधविश्वास पाए ही जाते हैं। फिर यह अंधविश्वास किसी भी चीज के विषय में हो सकते हैं। आर एल स्टाइन की प्रस्तुत किताब भी अंधविश्वासों के बारे में है और यह भी दर्शाती है कि कैसे वह हमारे मन के ऊपर पकड़ बना लेते हैं और क्या वह अंधविश्वास केवल मन का फितूर होते हैं या फिर उनमें कुछ सच्चाई भी होती है (आर एल स्टाइन को आप पढ़ते आए हैं तो इतना तो पता लगा ही सकते हैं कि इनके उपन्यास में सच्चे होंगे या नहीं, है न?)। 

‘द थर्टीन्थ वार्निंग’ एक बारह वर्ष के लकड़े जोसफ की कहानी है। अक्सर जहाँ लोग 13 की संख्या को अशुभ मानते हैं वहीं जोसफ इसे खुद के लिए शुभ मानता था। ’13’ संख्या का उसके जीवन में काफी असर था। जहाँ एक तरफ वह अपने अभिभावकों की तेहरवीं संतान था वहीं उसके अभिभावक भी अपने अपने अभिभावकों की तेरहवहीं संताने थी। जोसफ का जन्मदिन भी 13 को पड़ता था। इतने सारे तेरह ने मिलकर उसका भाग्य चमका दिया था और उसके आस पास के लोगों को भी लगता था कि किस्मत हमेशा उसका साथ देती थी। यही कारण था कि वह अपने जान पहचान के लोगों के बीच में लकी के नाम से मशहूर था। लेकिन जब उसके 13 वें जन्मदिन से पहले दो रहस्यम्य लोग उससे मिलने आते हैं तो वह सोचने के लिए मजबूर हो जाता है कि अगर अपने जन्मदिन से पहले उसके जीवन ने तेरह बार तेरह अंक आ गया तो उसकी किस्मत उसका हाथ छोड़ देगी और उसके लिए बहुत बुरा होगा। यह कहानी इसी चीज पर आधारित है कि कैसे वह उन लोगों की चेतावनी को हँसी में उड़ाता है लेकिन फिर जैसे-जैसे 13 उसके जीवन में आते हैं और उसकी किस्मत उसका साथ देना छोड़ती चली जाती है तो वह यह सुनश्चित करने के लिए मजबूर हो जाता है कि यह तेरह तेरह बार उसके जीवन में न आयें। 

कहानी सरल है लेकिन अपने में आपकी रुचि अंत तक बनाए रखती है। आप जानना चाहते हैं कि कैसे और किस रूप में यह ‘तेरह’ तेरह जोसफ के जीवन में आएँगे और वह उनसे बचने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाएगा। क्योंकि यह आर एल स्टाइन की रचना है तो इतना तो आप भी जानते हैं कि यह ‘तेरह’ तेरह उसके जीवन में आकर रहेंगे और इसलिए आप जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि जब वह यह ‘तेरह’ तेरह हासिल कर लेगा तो उसके साथ आगे क्या होगा। 

इस कहानी का एक ही पहलू ऐसा है जिस पर मैं चाहता था कि लेखक थोड़ा और विस्तृत तौर पर लिखते। कहानी में एक ‘सुपरस्टीशन सोसाइटी’ का जिक्र है जिसके दो सदस्य जोसफ को सावधान करने आते हैं। मुझे यह सोसाइटी और इसके सदस्य रोचक लगे और मैं इस सोसाइटी और इसके सदस्यों के विषय में अधिक जरूर जानना चाहूँगा। क्या उन्होंने किसी और रचना में इस ‘सुपरस्टीशन सोसाइटी’ का जिक्र किया है? अगर हाँ तो और आपको इसके विषय में कुछ पता है तो मुझे जरूर बताइएगा। 

उपन्यास में का एक प्लॉट पॉइंट ऐसा भी था जिसने मेरी सोचों की दिशा ही बदल दी थी और मैं उसके विषय में लिखना चाहता था। क्योंकि मैं भारत में रहता हूँ और यहाँ की जनसंख्या विस्फोट किसी से छुपा नहीं है तो जब मैं लकी और उसके परिवार के विषय में पढ़ रहा तो वह मुझे थोड़ा सा असहज कर रहा था। मतलब लकी के बारह भाई बहन और थे और यही नहीं उसके अभिभावकों के भी बारह-बारह भाई बहन और थे। यह सब पढ़ते हुए मैं यही सोच रहा था कि लकी के पिताजी आखिर क्या करते होंगे क्योंकि 12 बच्चों को पालना पोसना कोई आसान काम नहीं होगा। इसे करने में बहुत मेहनत लगेगी। मैं जानता हूँ कि इसका कहानी से लेना देना नहीं है लेकिन क्या करूँ पढ़ते हुए मेरे मन में यह ख्याल आए बिना न सका। 

खैर, अंत में यही कहूँगा कि मुझे तो लकी से मिलना पसंद आया और मुझे लगता है कि अगर आपको आर एल स्टाइन पसंद आते हैं तो आपको भी उससा मिलना और इन तेरह तेरह का उस पर असर देखना जरूर पसंद आएगा। 

पुस्तक लिंक: अमेज़न

(As the book is available in english so i have also commented on it in English too. You can read that article here: The Thirteenth Warning)

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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर उन्हें लिखना पसंद है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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