किस्सा ए काफ्का | रैना उवाच

गजानन रैना साहित्यानुरागी हैं। साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखते रहते हैं। उन्होंने फ्रांज़ काफ्का के ऊपर लिखा है। आप भी पढ़िए उनकी यह टिप्पणी।  …

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वो कौन था? | गजानन रैना | रैना उवाच

वो कौन था? | गजानन रैना | रैना उवाच

गजानन रैना साहित्यानुरागी हैं। साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखते रहते हैं।आज वह अपने खास अंदाज में एक लेखक के विषय में बता रहे हैं? …

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रैना उवाच: ऐसी किताबें जो हर सुधी पाठक के पास होनी चाहिए

गजानन रैना साहित्यानुरागी हैं। साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखते रहते हैं। अपने इस लेख में वह उन पुस्तकों के विषय में बता रहे हैं …

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शब्द चित्र: ज्यां जेने

गजानन रैना साहित्यानुरागी हैं। साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखते रहते हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़िए फ्रांसीसी साहित्यकार ज्याँ जेने (Jene Genet) पर …

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रैना उवाच: जेम्स जॉयस के ‘यूलिसीस’ पर कुछ बातें

गजानन रैना साहित्यानुरागी हैं। साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखते रहते हैं।उन्होंने जेम्स जॉयस के प्रसिद्ध उपन्यास यूलिसीस पर टिप्पणी लिखी है। इस लेख में …

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सामाजिक-मानवीय मूल्यों को प्रतिबिंबित करती थी जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा की लेखनी

हिन्दी लोकप्रिय साहित्य के क्षेत्र में जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा का नाम ध्रुव तारे के समान टिमटिमाता है। वह ऐसे लेखक रहे हैं जिन्होंने हर तरह का लेखन (जासूसी, …

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रैना उवाच: निर्मल वर्मा

निर्मल वर्मा हिन्दी के ऐसे लेखक रहे हैं जिनकी भाषा ने पाठकों को ही नहीं बल्कि लेखकों को भी मोहा है। कई नये लेखक उन्हें पढ़ने के बाद उनके जैसा …

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अजीब दास्ताँ जिंदगी: लुडविग जोसेफ जोहान विट्गेन्स्टाइन

गजानन रैना साहित्यानुरागी हैं। साहित्य की विभिन्न विधाओं पर लिखते रहते हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़िए उनका लिखा आलेख जो कि एक ऐसे दार्शनिक की कहानी बताता है …

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फसाने जैसा फसानाकार: स्टीफन स्वाइग

  स्टीफन स्वाइग वो एक ऐसा फसानाकार था जिसकी खुद की जिंदगी किसी फसाने से कम न थी।  उसने जिस विधा को हाथ लगाया,  कमाल कर दिखाया। वो जहाँ था, …

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रैना उवाच: हिंदी साहित्य के वो सितारे जिन्हें भुला देना सही नहीं

हिन्दी साहित्य में अक्सर साहित्यकारों को वह स्थान नहीं मिल पाता है जिसके वह हकदार होते हैं। कई बार उन्हें वह स्थान मिलता भी है तो आगे आने वाली पीढ़ी …

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किताब परिचय: दिल की खिड़की पर टँगा तुर्की

‘दिल की खिड़की पर टँगा तुर्की’ रुपाली ‘संझा’ का लिखा यात्रा वृत्तांत है। यह यात्रा वृत्तांत साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है। एक बुक जर्नल पर पढ़ें इस यात्रा वृत्तान्त का एक अध्याय ‘गुफाओं का कस्बा – उरगुप’।

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