लेखिका गीतांजलि श्री को वर्ष 2022 का राम आडवाणी पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उन्हें लखनऊ एक्स्प्रेशन सोसाइटी द्वारा आयोजित रूपक के दस वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक समारोह में प्रदान किया गया। यह पुरस्कार लखनऊ के प्रसिद्ध पुस्तक विक्रेता राम आडवाणी के सम्मान में हर वर्ष साहित्यकारों को प्रदान किया जाता रहा है। वर्ष 2018 में शुरू हुए इस पुरस्कार से ऐसे लेखक को पुरस्कृत किया जाता है जिसके साहित्य में वह मूल्य रचे बसे होंगे जिन्हें राम आडवाणी ने जीवन-पर्यंत जिया।
गीतांजलि श्री
मूलतः उत्तर प्रदेश मैनपुरी से आने वाली लेखिका गीतांजलि श्री दिल्ली में रहती हैं। उनके अब तक पाँच उपन्यास (‘माई‘, ‘हमारा शहर उस बरस‘, ‘तिरोहित‘, ‘खाली जगह‘, ‘रेत-समाधि‘ ) और चार कहानी संग्रह (‘अनुगूँज‘, ‘वैराग्य’, ‘प्रतिनिधि कहानियाँ‘,‘मार्च माँ और साकुरा’, ‘यहाँ हाथी रहते थे‘) प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी कृतियाँ इंग्लिश, फ्रेंच, जर्मन, कोरियाई और सर्बियन भाषा में अनूदित हो चुकी है।
हाल ही में उनके उपन्यास रेत समाधि के अनुवाद टूम ऑफ सैंड को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया था। वह पहली भारतीय रचनाकार थीं जिनकी रचना के अनुवाद को यह पुरस्कार मिला है।
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