स्रोत: पराग ट्रस्ट के फेसबुक पृष्ठ से साभार |
भारतीय भाषाओं में लिखे जा रहे बाल साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिये जाने वाले ‘बिग लिटल बुक पुरस्कार’ की घोषणा की जा चुकी है। यह घोषणा 9 दिसम्बर 2021 को की गयी। टाटा ट्रस्ट की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लेखन के लिए वर्ष 2021 का बिग लिटल पुरस्कार मलयालम भाषा के लेखक एस शिवदास को देने की घोषणा की गई है। वहीं चित्रांकन (इलस्ट्रैशन) के लिए वर्ष 2021 का बिग लिटल बुक पुरस्कार दीपा बलसावर को दिये जाने की घोषणा की गयी है।
ज्ञात हो वर्ष 2021 बिग लिटल बुक अवॉर्ड का छठवाँ साल है। मई 2021 से जून 2021 के बीच चले नामांकन के लिए इस पुरस्कार लिए 490 व्यक्तियों का नामांकन किया गया था। वर्ष 2021 के लेखन पुरस्कार के लिए मलयालम भाषा का चुनाव किया था वहीं चित्रांकन के लिए किसी भी भाषा में कार्य कर रहे कलाकार को नामांकित किया जा सकता था। इन्हीं प्रविष्टियों में से विजेताओं का चुनाव किया गया था।
मूलतः कोट्टयम के रहने वाले प्रोफेसर सिवदास अब तक 200 से ऊपर पुस्तकें लिख चुके हैं। वह पिछले पचास सालों से लेखन कार्य में सक्रिय हैं। 1995 में सेवानिवृत्त होने तक वह कोट्टयम के सी एम एस कॉलेज में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे। अपने बचपन की स्मृतियों, प्रकृति प्रेम और वैज्ञानिक सोच को अपने साहित्य में बुनकर वह एक अनूठा बाल साहित्य रच रहे हैं जिसके लिए पुरस्कार समिति के लोगों ने इनका चुनाव किया। वह अब तक केरल साहित्य अकादमी अवॉर्ड, कैरली बुक ट्रस्ट अवॉर्ड जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किए जा चुके हैं।
दीपा बलसावर मुंबई में पली बढ़ी हैं। उन्हें बचपन से किताबों, जानवरों और चित्रकला से प्रेम रहा है। वह जल्द ही आईडीसी स्कूल ऑफ डिजाइन में शिक्षण करने वाली हैं।
क्या है बिग लिटल बुक पुरस्कार
‘बिग लिट्ल बुक’ पुरस्कार टाटा ट्रस्ट के पराग पहल के तहत भारतीय भाषाओं में बाल साहित्य में योगदान के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार लेखन और चित्रांकन के लिए दिया जाता रहा है। हर वर्ष बिग लिटल बुक अवॉर्ड एक भाषा का चुनाव करता है और उस भाषा में लिखने वाले बाल साहित्यकारों में से एक व्यक्ति को इस पुरस्कार से सम्मानित करता है। चित्रांकन का पुरस्कार किसी भी भाषा में कार्य करने वाले चित्रकार को दिया जाता है। इस पुरस्कार का मकसद एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहाँ पर बाल पाठक, अभिभावक, विद्यालय और प्रकाशक प्रतिभावन लेखकों और चित्रकारों से परिचित हो सकें।
अब तक बिग लिटल बुक पुरस्कार मराठी, बांग्ला, कन्नड़, हिन्दी, अंग्रेजी भाषा के साहित्यकारों को दिया जा चुका है।