डॉ रेखा की पुस्तक उर्मिल की धार पर शोभा शर्मा की टिप्पणी

पुस्तक टिप्पणी: उर्मिल की धार – डॉ रेखा

‘उर्मिल की धार’ डॉ रेखा का कविता संग्रह है। संग्रह मांडा पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित किया गया है। पुस्तक पर साहित्यकार शोभा शर्मा द्वारा टिप्पणी की गयी है। आप भी पढ़िए:

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पुस्तक 'होरी रे बजरोरी रे' का हुआ विमोचन

काव्य संग्रह ‘होरी रे बरजोरी रे’ का हुआ विमोचन

पुस्तक ‘होरी रे बरजोरी रे’ का लोकार्पण छतरपुर, म.प्र. में होने वाली सरस साहित्य साधना सृजन काव्यगोष्ठी में आज किया गया। यह एक साझा काव्य संग्रह जिसका सम्पादन शोभा शर्मा द्वारा किया गया है।

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कहानी: नेकी की दीवार - शोभा शर्मा

कहानी: नेकी की दीवार – शोभा शर्मा

लेखिका शोभा शर्मा कई वर्षों से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। कहानी, कविता, संस्मरण जैसी विधाओं में उन्होंने लिखा है। कई पत्रिकाओं में उनकी कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं और रेडियो से भी उनकी कई रचनाएँ प्रसारित होती रही हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़ें लेखिका शोभा शर्मा की कहानी ‘नेकी की दीवार’।

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साझा काव्य संकलन पंखुड़ियाँ का हुआ लोकार्पण

पुस्तक ‘भाव पंखुड़ियाँ’ का हुआ लोकार्पण; साथ ही साहित्य शिरोमणि सम्मान से मौजूद विशिष्ट अतिथियों व कवियों का हुआ सम्मान

छतरपुर जिले की साहित्यकार, उपन्यासकार, कथाकार, कवियत्री, आकाशवाणी कलाकार एवं संपादक शोभा शर्मा के संपादन में ३४० पृष्ठों की पुस्तक ‘भाव पंखुड़ियाँ’ का प्रकाशन हुआ । यह एक साझा काव्य संकलन है।

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एक थी मल्लिका - शोभा शर्मा

एक थी मल्लिका – शोभा शर्मा | फ्लाईड्रीम्स प्रकाशन

 संस्करण विवरण फॉर्मैट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 147 | प्रकाशक: फ्लाईड्रीम्स प्रकाशन  पुस्तक लिंक: अमेज़न कहानी  टीकमगढ़ की वह हवेली भौजी की हवेली कहलाती थी। वह हवेली वहाँ के लोगों …

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लेखिका शोभा शर्मा से ‘एक थी मल्लिका’ के नव प्रकाशित वृहद संस्करण के ऊपर एक छोटी सी बातचीत

लेखिका शोभा शर्मा द्वारा रचित ‘एक थी मल्लिका’ का पहला संस्करण जब 2019 में आया था तो यह एक 70 पृष्ठों का लघु-उपन्यास था। अब 2020 में उनकी इस रचना का वृहद संस्करण प्रकाशित हो रहा है जिसमें पृष्ठों की संख्या 150 के करीब हो गयी है। अपनी पुस्तक एक थी मल्लिका के इस नव प्रकाशित संस्करण के ऊपर ही लेखिका शोभा शर्मा ने एक बुक जर्नल से बातचीत की है। उम्मीद है यह बातचीत आपको पसंद आएगी।

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कुछ कहानियाँ – 3

मैं अक्सर ऑनलाइन या मोबाइल एप्प पर काफी कहानियाँ पढ़ता हूँ। उधर तो अपने विचार लिख देता हूँ लेकिन उसका दायरा उधर तक ही सीमित रहता है। इस कारण मैंने …

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