रामविलास शर्मा रचनावली के दूसरे भाग ‘भाषा और भाषाविज्ञान’ का हुआ लोकार्पण

हिंदी आलोचना की जीवंत बहसों के केंद्र थे रामविलास शर्मा

प्रतिष्ठित आलोचक रामविलास शर्मा की 112वीं जयन्ती पर उनकी स्मृति में राजकमल प्रकाशन की ओर से गुरुवार शाम कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर पाँच खंडों में प्रकाशित उनकी रचनावली के दूसरे भाग ‘भाषा और भाषाविज्ञान’ का लोकार्पण हुआ।

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राजीव भार्गव की किताब राष्ट्र और नैतिकता का लोकार्पण

राजीव भार्गव की किताब ‘राष्ट्र और नैतिकता’ का लोकार्पण

राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित ‘राष्ट्र और नैतिकता’ का लोकार्पण गुरुवार शाम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में हुआ। कार्यक्रम मेें लेखक-राजनयिक गोपालकृष्ण गाँधी, विचारक और सामाजिक कार्यकर्ता रूपरेखा वर्मा, इतिहासकार एस. इरफ़ान हबीब, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता संजय हेगड़े, लेखक राजीव भार्गव और अनुवादक अभिषेक श्रीवास्तव बतौर वक्ता मौजूद रहे।

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शोध पुस्तक ‘दारा शुकोह : संगम संस्कृति का साधक’ का हुआ लोकार्पण

सामाजिक विभाजन के दौर में ‘संगम-संस्कृति के साधक’ की याद 

मैनेजर पांडेय की पुस्तक ‘दारा शिकोह: संगम संस्कृति का साधक’ का हुआ लोकार्पण।
यह आयोजन मैनेजर पाण्डेय की जयन्ती के अवसर पर राजकमल प्रकाशन की ओर से गुरुवार शाम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया गया। कार्यक्रम में जेएनयू के फ़ारसी विभाग के प्रोफ़ेसर अख़लाक़ अहमद आहन, कवि-कथाकार-आलोचक अनामिका, इतिहासकार तनुजा कोठियाल, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के प्रोफेसर सरवरुल हुदा और आलोचक-सम्पादक आशुतोष कुमार बतौर वक्ता मौजूद रहे।

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आपातकाल की स्थितियों को समझने के लिए इतिहास को जानना जरूरी : ज्ञान प्रकाश

आपातकाल की स्थितियों को समझने के लिए इतिहास को जानना जरूरी : ज्ञान प्रकाश

19 अगस्त, 2024 (सोमवार) नई दिल्ली। सत्तर के दशक में आपातकाल लगाने के पीछे इंदिरा गांधी की सत्ता में बने रहने की चाह एक बड़ा और तात्कालिक कारण था लेकिन …

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हिन्दी की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘आलोचना’ की वेबसाइट शुरू

हिन्दी की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘आलोचना’ की वेबसाइट शुरू

हिन्दी की प्रतिष्ठित त्रैमासिक पत्रिका ‘आलोचना’ की आधिकारिक वेबसाइट सोमवार से शुरू हो गई है। वेबसाइट पर आलोचना के पुराने अंकों के लेखों के साथ नई पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध होगी। आलोचना पिछले सात दशक से भी अधिक समय से हिन्दी पाठकों की सबसे प्रिय पत्रिकाओं में शुमार रही है। वेबसाइट से आलोचना के लेख और पाठ्य सामग्री तक पाठकों की पहुँच और भी आसान हो जाएगी।

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चल रहा है राजकमल ऑनलाइन बुक फेयर 2024 , क्या आपने खरीदी अपनी पसंदीदा पुस्तकें

  तस्वीर स्रोत: राजकमल प्रकाशन के ब्लॉग से कोविड -19 के दौरान जब पुस्तक मेले नहीं लग रहे थे तो राजकमल प्रकाशन द्वारा ऑनलाइन बुक फेयर की शुरुआत की गयी …

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राजकमल प्रकाशन के साथ मनाइए ‘किताब तेरस’

देश के अग्रणी प्रकाशन संस्थानों में से एक राजकमल प्रकाशन 14 अक्टूबर से 18 अक्टूबर 2022 के बीच ‘किताब तेरस’ का आयोजन कर रहा है।  पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने …

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राही की कलम द्वारा सांप्रदायिकता की निरपेक्ष पड़ताल है ‘टोपी शुक्ला’

‘टोपी शुक्ला’ राही मासूम रज़ा  द्वारा लिखा गया उपन्यास है। उपन्यास 1969 में प्रथम बार प्रकाशित हुआ था और साठ के दशक के अलीगढ़ की कहानी बयान करता है।  राही …

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राजकमल प्रकाशन द्वारा ऑनलाइन पुस्तक मेला किया गया शुरू

  जनवरी में होने वाले पुस्तक मेले के स्थगित होने से जो पाठक दुखी थी वह उनके चेहरे पर यह खबर मुस्कान लेकर आएगी। देश का प्रतिष्ठित प्रकाशन समूह राजकमल प्रकाशन …

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कुसुमकुमारी – देवकीनन्दन खत्री

 संस्करण विवरण:फॉर्मेट: पेपरबैक | पृष्ठ संख्या: 144 | प्रकाशन: राजकमल प्रकाशन किताब लिंक: पेपरबैक | हार्डकवर

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