कहानी: प्रवासी - रांगेय राघव

कहानी: प्रवासी – रांगेय राघव

गोपालन मंदिर का पुजारी था। उसने कोमल को देखा तो वह उसके मन में बस गयी लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। और फिर ऐसा कुछ हुआ कि गोपालन को घर छोड़कर प्रवासी बनना पड़ा। आखिर उसे ऐसा क्यों करना पड़ा? जानने के लिए पढ़ें रांगेय राघव की लिखी यह लम्बी कहानी ‘प्रवासी’।

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हिंदी कहानी | गदल - रांघेय राघव

कहानी: गदल – रांघेय राघव

गदल के लड़के थे, बहुएँ थीं। एक भरा पूरा परिवार लेकिन वो परिवार को छोड़कर अपने से कम उम्र के आदमी के साथ रहने चली गयी थी। आखिर उसने ये फैसला क्यों किया था?
एक बुक जर्नल पर पढ़ें रांगेय राघव की कहानी ‘गदल’।

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एक रात - रांगेय राघव

एक रात – रांगेय राघव

‘एक रात’ रांगेय राघव का लिखा रिपोर्ताज है। इसमें उन्होंने अकाल के समय के बंगाल की स्थिति को दर्शाया है। आप भी पढ़ें यह मार्मिक रिपोर्ताज:

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मरेंगे साथ, जिएँगे साथ - रांगेय राघव

मरेंगे साथ, जिएँगे साथ – रांगेय राघव

‘मरेंगे साथ, जिएँगे साथ’ रांगेय राघव का लिखा रिपोर्ताज है। एक डॉक्टरी दल के साथ जब वो गाँव में टीका लगाने गए तो वहाँ की क्या हालत थी और उधर उनके क्या अनुभव रहे यह वह इधर बता रहे हैं। आप भी पढ़ें:

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अदम्य जीवन - रांगेय राघव

अदम्य जीवन – रांगेय राघव

‘अदम्य जीवन’ लेखक रांगेय राघव का लिखा एक रिपोर्ताज है। इसमें ढाका के एक गाँव शिद्धिरगंज जाकर उन्होंने वहाँ जो कुछ देखा वो बताया गया है। बंगाल में हुए अकाल और महामारी के बाद यह यात्रा की गयी थी जिसमें गाँव के जीवन पर पड़े असर और गाँव वासियों की जीवटता का मार्मिक चित्रण वो करते हैं।

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बाँध भँगे दाओ -रांगेय राघव

बाँध भँगे दाओ -रांगेय राघव

‘बाँध भँगे दाओ’ रांगेय राघव का लिखा रिपोर्ताज है जिसमें उन्होंने कलकत्ते से कुष्टिया नामक कस्बे में आगमन के विषय में बताया है। बंगाल के अकाल और महामारी के बाद उन्होंने यहाँ का दौरा किया था। इस दौरान कैसे वहाँ जमाखोरी हो रही थी और जनता उससे कैसे लड़ी इसी का ब्योरा उन्होंने इधर दिया है। आप भी पढ़ें:

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रांगेय राघव की कहानी 'पेड़'

कहानी: पेड़ – रांगेय राघव

रांगेय राघव हिंदी के लेखक थे। उन्होंने अपने जीवन में उपन्यास, कहानियाँ, रिपोर्ताज, अनुवाद किया। वह अपने विपुल लेखन के लिए जाने जाते हैं। पढे उनकी कहानी ‘पेड़’।

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