पुस्तक टिप्पणी: काम्बोजनामा: किस्सा किस्सागो का | राम 'पुजारी' | नीलम जासूस कार्यालय

पुस्तक टिप्पणी: काम्बोजनामा: किस्सा किस्सागो का | राम ‘पुजारी’ | नीलम जासूस कार्यालय

राम पुजारी द्वारा लिखी गई कांबोजनामा वेद प्रकाश कांबोज की जीवनी नहीं है बल्कि वह उनके लेखकीय जीवन के कई महत्वपूर्ण पड़ावों को दर्शाती हुई किताब है। पुस्तक नीलम जासूस कार्यालय द्वारा प्रकाशित की गयी है। पढ़ें पुस्तक पर लिखी यह टिप्पणी:

पुस्तक टिप्पणी: काम्बोजनामा: किस्सा किस्सागो का | राम ‘पुजारी’ | नीलम जासूस कार्यालय Read More

साहित्य विमर्श प्रकाशन की नवीन पुस्तकों का प्री ऑर्डर हुआ शुरू

साहित्य विमर्श प्रकाशन द्वारा अपने नए सेट के प्री-ऑर्डर की शुरुआत कर दी गयी है। अपने इस नवीन सेट में वह दो उपन्यास और एक कहानी संग्रह लेकर पाठकों  के …

साहित्य विमर्श प्रकाशन की नवीन पुस्तकों का प्री ऑर्डर हुआ शुरू Read More

कठपुतली – वेद प्रकाश शर्मा

संस्करण विवरण:फॉर्मैट: ई-बुक | प्रकाशन: डेलीहंट पुस्तक लिंक: पोथी  कहानी भारद्वाज कंस्ट्रक्शन के मालिक विनम्र के पास वह सब कुछ था जो किसी इंसान की जीवन में चाहत हो सकती थी। …

कठपुतली – वेद प्रकाश शर्मा Read More

किताब परिचय: एट- राजीव रोशन

किताब परिचय रोशन आनंद, भारत का एक नामचीन अपराध कथा लेखक था, जिसे उलझी हुई कहानियाँ खोजने और लिखने का शौक था। ये शौक कई बार उसे मौत के मुहाने …

किताब परिचय: एट- राजीव रोशन Read More

पुस्तक अंश: ब्लैकमेलर की हत्या

ब्लैकमेलर की हत्या लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक द्वारा लिखा गया उपन्यास है। यह उपन्यास सुनील श्रृंखला का पाँचवा उपन्यास है जो कि 1966 में प्रथम बार प्रकाशित हुआ था।  सुनील …

पुस्तक अंश: ब्लैकमेलर की हत्या Read More

सरदार सुरेन्द्र सिंह सोहल की धमाकेदार वापसी है ‘मैं अपराधी जन्म का’

अमित वाधवानी धुले महाराष्ट्र से आते हैं। अपराध साहित्य पढ़ने में उन्हें विशेष रूचि है और सुरेन्द्र मोहन पाठक उनके सबसे पसंदीदा लेखक हैं।  विमल श्रृंखला के ताजातारीन पैंतालीसवें कारनामे  …

सरदार सुरेन्द्र सिंह सोहल की धमाकेदार वापसी है ‘मैं अपराधी जन्म का’ Read More

न बैरी न कोई बेगाना: कुछ आपबीती, कुछ जगबीती

सुरेन्द्र मोहन पाठक आज हिन्दी अपराध साहित्य के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले लेखक हैं। सन 2018 में जब उनकी आत्मकथा का पहला भाग न बैरी न कोई बैगाना प्रकाशित …

न बैरी न कोई बेगाना: कुछ आपबीती, कुछ जगबीती Read More