सुरेन्द्र मोहन पाठक का उपन्यास ‘पाँच दिन’ हुआ रिलीज

 

लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक

हिंदी के मशहूर अपराध कथा लेखक श्री सुरेन्द्र मोहन पाठक (Surender Mohan Pathak) का नवीनतम् उपन्यास प्रकाशित ‘पाँच दिन’ (Paanch Din) हो चुका है। ‘नई हिंदी’ (Nai Hindi) के ध्वजवाहक हिंद युग्म प्रकाशन (Hind Yugm) द्वारा इस बार सुरेन्द्र मोहन पाठक (Surender Mohan Pathak) का नवीनतम उपन्यास प्रकाशित हुआ है।

‘पाँच दिन’ (Paanch Din) एक रहस्यकथा है जिसके केंद्र में फिलोसॉफर डिटेक्टिव सुधीर कोहली (Sudhir Kohli) मौजूद है। यह सुधीर कोहली शृंखला का तेइसवाँ उपन्यास है। 

पाँच दिन - सुधीर सीरीज । सुरेन्द्र मोहन पाठक | हिंद युग्म

सुधीर कोहली (Sudhir Kohli) एक प्राइवेट डिटेक्टिव है जो कि दिल्ली में रहकर यूनिवर्सल इंवेस्टिगेशन्स नामक डिटेक्टिव एजेंसी चलाता है और अपने क्लाइंट्स के मामले सुलझाता है जो कि इस शृंखला के उपन्यासों के कथानक बनते हैं। 

प्रस्तुत उपन्यास ‘पाँच दिन’ (Paanch Din) भी एक ऐसे ही मामले की कथा है। मोरवाल एस्टेट में जब तीन बार हमले हुए तो वहाँ रहने वाले लोगों का घबरा जाना लाजमी था। हैरत की बात ये थी कि इस एस्टेट के दो बाशिंदे यह दावा कर रहे थे कि हमला उन पर हुआ था। ऐसे में जब मामला सुधीर कोहली (Sudhir Kohli) के पास पहुँचा तो वह उलझता ही चला गया। 

ज्ञात हो इससे पूर्व सुधीर कोहली (Sudhir Kohli) पाठकों से इंसाफ दो (Insaaf Do) में रूबरू हुआ था जो कि राजा पॉकेट बुक्स (Raja Pocket Books) से 2017 में प्रकाशित हुआ था।  

‘पाँच दिन’ (Paanch Din) अमेज़न और साहित्य विमर्श प्रकाशन की वेबसाइट पर खरीद के लिए उपलब्ध है। 

बताते चलें सुरेन्द्र मोहन पाठक (Surender Mohan Pathak) के उपन्यास मेरी जान के दुश्मन (Meri Jaan Ke Dushman) और झूठी औरत (Jhoothi Aurat) क्रमशः ओम साई टेक बुक्स (Om Sai Tech Books) और साहित्य विमर्श प्रकाशन (Sahitya Vimarsh Prakashan) से पुनः प्रकाशित हुआ था। वहीं इससे पूर्व आया उनका नया उपन्यास विमल शृंखला (Vimal Series) का गैंग ऑफ फोर (Gang of Four) था जो कि हिंद पॉकेट बुक्स (Hind Pocket Books) द्वारा प्रकाशित किया गया था।

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About विकास नैनवाल 'अंजान'

विकास नैनवाल को अलग अलग तरह के विषयों पर लिखना पसंद है। साहित्य में गहरी रूचि है। एक बुक जर्नल नाम से एक वेब पत्रिका और दुईबात नाम से वह अपनी व्यक्तिगत वेबसाईट का संचालन भी करते हैं।

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