जासूसी दुनिया / इंस्पेक्टर फरीदी

जासूसी दुनिया श्रृंखला के अंदर इब्ने सफ़ी के उन उपन्यासों को रखा जाता है जो उन्होंने अपने किरदार फरीदी और हमीद को लेकर लिखे थे। डिपार्टमेंट ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन का  इंस्पेक्टर फरीदी एक तेज तरार जासूस है जो कि पेचीदा मामलों को सुलझाने में दिलचस्पी रखता है। फरीदी लखनऊ के शाही खानदान से ताल्लुक रखता है। वह नवाब आबिद अली खाँ का पुत्र है और इस कारण करोड़ों की जायदाद का मालिक है। वह जासूसी अपने शौक के लिए करता है।
जासूसी के मामलों में फरीदी का साथ सार्जेंट हमीद देता है। हमीद फरीदी का मातहत है और उपन्यासों में अक्सर कॉमेडी करता है। वह फरीदी के साथ ही रहता है। जहाँ फरीदी केवल जासूसी से मतलब रखता है वहीं सार्जेंट औरतों के पीछे भी लट्टू रहता है। रहस्य के साथ इन दोनों किरदारों के बीच की चुहलबाजी भी पाठक का मनोरंजन करती है।
इब्ने सफ़ी ने जासूसी दुनिया श्रृंखला के 125 उपन्यास लिखे थे। इन उपन्यासों की ख़ास बात यह थी कि उर्दू के साथ यह उपन्यास हिन्दी में भी उसी वक्त प्रकाशित किये जाते थे। हाँ, हिन्दी अनुवादों में इंस्पेक्टर फरीदी को इंस्पेक्टर विनोद कर दिया गया था।
जासूसी दुनिया - इब्ने सफ़ी

2009 में हार्पर कॉलिंस इंडिया ने नीलाभ के सम्पादन में जासूसी दुनिया श्रृंखला के पहले आठ उपन्यासों का अनुवाद प्रकाश्ति किया था। यह अनुवाद चौधरी जिया इमाम ने किया था। इन अनुवादों में पहले हुए अनुवादों की तरह फरीदी का नाम बदला नहीं गया था बल्कि जस का तस रखा गया था। यह अनुवाद निम्न हैं:
  1. दिलेर मुजरिम(किंडल)
  2. जंगल में लाश(पेपरबैक)
  3. औरत फरोश का हत्यारा(किंडल पेपरबैक)
  4. तिजोरी का रहस्य (पेपरबैक)
  5. फरीदी और लियोनार्ड (किंडल | paperback)
  6. कुएँ का राज़ (पेपरबैक)
  7. चालबाज़ बूढ़ा (किंडलपेपरबैक )
  8. नकली नाक(किंडल | पेपरबैक)
नोट: नाम पर क्लिक करके आप किताब के प्रति मेरी राय जान सकते हैं। नाम के बगल में किताबों के लिंक दिए हैं जहाँ पर क्लिक करके आप किताब खरीद सकते हैं।
हार्पर हिन्दी ने जासूसी दुनिया के 8 उपन्यासों को दो वॉल्यूम में प्रकाशित किया है। 
जासूसी दुनिया भाग 1 
इस भाग में दिलेर मुजरिम, जंगल में लाश, औरत फरोश का हत्यारा और तिजोरी का रहस्य है। 
किताब निम्न लिंक से मँगवाई जा सकती है
पेपरबैक

जासूसी दुनिया भाग 2
इस भाग में  फरीदी और लियोनार्ड, कुएं का राज, चालबाज बूढ़ा और नकली नाक को एक साथ प्रकाशित किया गया है।

© विकास नैनवाल ‘अंजान’

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