5 दिसम्बर 2025 (शुक्रवार)।
देहरादून| दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में डाॅ. योगेश धस्माना की पुस्तक ‘उत्तराखंड की विभूतियाँ’ का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। समय साक्ष्य द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में लेखक द्वारा उत्तराखंड की 120 से अधिक विभूतियों की जानकारी दी गयी है। यह व्यक्तित्व स्वतंत्रता संग्राम, पत्रकारिता, लोककला के क्षेत्र से सम्बंध रखते हैं।
इस अवसर पर इतिहास, संस्कृति और समाज के विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंद्ध हस्तियाँ शामिल रहीं। पुस्तक का लोकार्पण दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सलाहकार प्रो. बीके जोशी, समाजसेवी गिरीश बहुगुणा, प्रो. अतुल सकलानी, डाॅ. गिरिधर पंडित, प्रो. सुनील कुमार व नेहरू युवा केंद्र के पूर्व निदेशक जीपीएस नेगी व डाॅ. योगेश धस्माना द्वारा किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए डाॅ. बीके जोशी ने कहा कि उत्तराखंड एक विषम परिस्थितियों वाला प्रदेश है इसकी गिनती देश के कठिन क्षेत्रों में की जाती है लेकिन उत्तराखंड के निवासियों में इन्हीं कठिन परिसिथ्तियों का सामना करते हुए दुनिया के पैमाने पर एक अलग पहचान कायम की है। उन्होंने कहा कि भले ही भौगोलिक रूप से उत्तराखंड दुनिया के कोने में स्थित है लेकिन उत्तराखंड की विभूतियों ने दुनिया में छाप छोड़ी है। श्री जोशी ने कहा कि उत्तराखंड ने हर कालखंड में दुनिया को विभूतियाँ दी हैं जिन्होंने अपनी अलग राह बनायी है।
समाजसेवी गिरीश बहुगुणा ने कहा कि ब्रिटिश काल में जैसे ही उत्तराखंड के पर्वतों में शिक्षा का प्रसार हुआ हमारे पूर्वजों ने दुनिया में अपनी चमक बिखेर दी। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम हो या देश को सैन्य योगदान सभी जगह उत्तराखंड की विभूतियों ने अपना महति योगदान दिया है। उन्होंने याद किया कि भारत और विश्व के हर क्षेत्र में उत्तराखंड के पहाड़ों से निकले लोगों ने अपना लोहा मनवाया है।
प्रो. अतुल सकलानी ने कहा कि ‘उत्तराखंड की विभूतियाँ’ पुस्तक हिस्ट्री फ्राॅम बिलो का सटीक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस किताब में स्वतंत्रता संग्रामियों, लेखकों, साहित्यकारों व समाज के अन्य क्षेत्रों से जुड़ी विभूतियों की बात की गयी है। यह किताब युवाओं के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होगी। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उत्तराखंड के योगदान को भी रेखांकित किया।
डाॅ. गिरिधर पंडित ने कहा कि यह एक मौलिक काम है। डाॅ. धस्माना ने शिव प्रसाद डबराल और डाॅ. भक्तदर्शन की परम्परा को आगे बढ़ाया है। प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि योगेश धस्माना ने इस किताब में उत्तराखंड की विभूतियों को समाविष्ट किया है। यह किताब इतिहास और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए उपयोगी है। उन्होंने कहा कि किताब में अनुसूया प्रसाद बहुगुणा, महाबीर त्यागी, रास बिहारी बोस, मौलाराम तोमर, मुकुन्दी लाल, भजन सिंह ‘सिंह’ आदि महान विभूतियों को स्थान दिया है।
जीपीएस नेगी ने कहा कि इंटरनेट के युग में डाॅ. योगेश धस्माना ने इनर कनेक्ट करने वाली किताब लिखी है। इस कार्यक्रम का संचालन डाॅ. बीके डोभाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो. एससी खर्कवाल, डाॅ. अतुल शर्मा, कमला पंत, शमा खान, सुरेन्द्र सजवाण व प्रेम पंचोली आदि उपस्थित थे।
