रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 6

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 5

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 4

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 3

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 2

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को शृंखला यह पसंद आएगी।

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सुरेन्द्र मोहन पाठक का लिखा सामाजिक उपन्यास हो रहा है पुनः प्रकाशित

लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का लिखा सामाजिक उपन्यास हो रहा है पुनः प्रकाशित

वैसे तो सुरेन्द्र मोहन पाठक अपने लिखे अपराध साहित्य के लिए जाने जाते हैं लेकिन उन्होंने अन्य विधाओं में भी अपनी कलम चलायी है। बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक ने लोकप्रिय लेखन की अन्य प्रसिद्ध विधा सामाजिक साहित्य में भी सृजन किया है।

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रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं

रिवॉल्वर का मिज़ाज : कहानियाँ ऐसे भी बनती हैं – 1

लेखक योगेश मित्तल ने कई नामों से प्रेतलेखन किया है। कुछ नाम ऐसे भी हुए हैं जिनमें उनकी तस्वीर तो जाती थी लेकिन नाम कुछ और रहता था। ऐसा ही एक नाम रजत राजवंशी है। इस नाम से उन्होंने कई उपन्यास लिखे हैं। ऐसा ही एक उपन्यास था ‘रिवॉल्वर का मिज़ाज’। इसी उपन्यास को लिखने की कहानी लेखक ने मई 2021 में अपने फेसबुक पृष्ठ पर प्रकाशित की थी। इसी शृंखला को यहाँ लेखक के नाम से प्रकाशित कर रहे हैं। उम्मीद है पाठको को यह पसंद आएगी।

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साक्षात्कार: लेखक अनिल पुरोहित से बातचीत

साक्षात्कार: लेखक अनिल पुरोहित से बातचीत

लेखक अनिल पुरोहित मूलतः सुजानगढ़ से हैं। वह शिक्षा विभाग में कार्यरत थे और इसके अतिरिक्त फोटोग्राफ़ी और पत्रकारिता में भी सक्रिय रहे हैं। पिछले तीन दशकों से वह लेखन क्षेत्र में भी सक्रिय हैं और अब सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने के पश्चात लेखन और फ्रीलांस पत्रकारिता कर रहे हैं। उनकी अब तक 7 के करीब पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। कई लेख और कहानियाँ राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। एक बुक जर्नल पर हमने उनसे उनके जीवन और उनके लेखन के ऊपर लम्बी बातचीत मेल के माध्यम से की है। आप भी पढ़ें:

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जैकनाइफ़ - जो हिल

पुस्तक टिप्पणी: जैकनाइफ़ – जो हिल

‘जैकनाइफ़’ जो हिल की लिखी उपन्यासिका है। यह अमेज़न ओरिजनल स्टोरीज़ द्वारा प्रकाशित ‘द शिवर्स’ नाम से प्रकाशित शृंखला के अंतर्गत प्रकाशित की गयी है।

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डॉ. मुंशी की डायरी - सत्यजित राय | बृजबिहारी चौबे | वाह बारह

डॉ. मुंशी की डायरी – सत्यजित राय | बृजबिहारी चौबे | वाह बारह

डॉ. मुंशी की डायरी सत्यजित राय की फेलूदा शृंखला की उपन्यासिका है। यह उपन्यासिका रेमाधव प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘वाह बारह’ में संकलित है। इसका बांग्ला से हिंदी अनुवाद बृजबिहारी चौबे द्वारा किया गया है।

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कहानी: नेकी की दीवार - शोभा शर्मा

कहानी: नेकी की दीवार – शोभा शर्मा

लेखिका शोभा शर्मा कई वर्षों से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। कहानी, कविता, संस्मरण जैसी विधाओं में उन्होंने लिखा है। कई पत्रिकाओं में उनकी कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं और रेडियो से भी उनकी कई रचनाएँ प्रसारित होती रही हैं। आज एक बुक जर्नल पर पढ़ें लेखिका शोभा शर्मा की कहानी ‘नेकी की दीवार’।

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पुस्तक टिप्पणी: खटक - विकास भान्ती | फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशंस

पुस्तक टिप्पणी: खटक – विकास भान्ती | फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशंस

‘खटक’ विकास भान्ती द्वारा लिखा पारलौकिक भयकथा है। उपन्यास फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित किया गया था। यह अमन और परी और उनके द्वारा पारलौकिक शक्तियों से जूझने की कहानी है।

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