
पुस्तक समीक्षा: रोचकता और नवीनता का समावेश करती है पुस्तक ‘माया का रहस्यमयी टीला’

साहित्य की बात, साहित्य से मुलाकात
सुमन बाजपेयी पिछले तीन दशकों से ऊपर से साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय हैं। 'सखी' (दैनिक जागरण की पत्रिका ), मेरी संगिनी और 4th D वुमन में वो असोशीएट एडिटर रह चुकी हैं। चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट में उन्होंने सम्पादक के रूप में कार्य किया है। सम्पादक के रूप में उन्होंने कई प्रकाशकों के साथ कार्य किया है। अब स्वतंत्र लेखन और पत्रकारिता कर रही हैं। कहानियाँ, उपन्यास, यात्रा वृत्तान्त वह लिखती हैं। उनके बाल उपन्यास और बाल कथाएँ कई बार पुरस्कृत हुई हैं। वह अनुवाद भी करती हैं। सुमन बाजपेयी अब तक 150 से ऊपर पुस्तकों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद कर चुकी हैं। हाल ही में प्रकाशित उनके उपन्यास 'द नागा स्टोरी ' और 'श्मशानवासी अघोरी' पाठकों के बीच में खासे चर्चित रहे हैं। उनके बाल उपन्यास तारा की अनोखी यात्रा, क्रिस्टल साम्राज्य, मंदिर का रहस्य बाल पाठकों द्वारा पसंद किये गए हैं।